कश्मीर और नागरिकता कानून पर मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के विरोध के बाद मलेशिया और भारत के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. मलेशिया से रिफाइन्ड तेल की खरीदारी पर लगाम लगाने के बाद भारत अन्य वस्तुओं के आयात पर भी प्रतिबंध लगा सकता है. भारत की कार्रवाई के डर से मलेशिया अभी से भारत को मनाने की कोशिशों में जुट गया है.
मलेशिया की सबसे बड़ी शुगर रिफाइनरी ने कहा है कि वह भारत से अपना आयात बढ़ाएगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मलेशिया की शुगर रिफाइनरी 'एमएसएम होल्डिंग्स बहर्ड' भारत से पहली तिमाही में 130,000 टन चीनी खरीदेगी. कंपनी ने 2019 में भारत से 88,000 टन चीनी खरीदी थी.
एमएसएम दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी एफजीवी होल्डिंग की शुगर रिफाइनरी ब्रांच है. वहीं, एफजीवी होल्डिंग्स मलेशिया सरकार के मालिकाना हक वाली फेडरल लैंड डिवलेपमेंट अथॉरिटी (फेल्डा) का हिस्सा है.
कंपनी ने भारत से चीनी के आयात में बढ़ोतरी के पीछे खाद्य तेल के विवाद को वजह नहीं बताया है लेकिन इस खरीदारी से जुड़े कुछ सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि यह भारत को खुश करने की ही कोशिश है. सूत्रों का कहना है कि कूटनीतिक विवादों के अलावा मलेशिया के साथ व्यापार घाटे को लेकर भी भारत चिंतित है.
भारत दुनिया भर में चीनी उत्पादक के मामले में अग्रणी देश है. चीनी उत्पादन
में सरप्लस की वजह से भारत के निर्यात में भी बढ़ोतरी हुई है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में
भारत का चीनी निर्यात 50 लाख टन तक बढ़ने की उम्मीद है.
भारत मलेशिया के खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक देश रहा है. 31 मार्च को
खत्म हुए वित्तीय वर्ष में मलेशिया ने भारत को कुल 10.8 अरब डॉलर का
निर्यात किया जबकि भारत से सिर्फ 6.4 अरब डॉलर का ही आयात किया. रिफिनिटिव
आइकन के डेटा के मुताबिक, 2019 में मलेशिया ने भारत से 1.95 टन चीनी का
आयात किया था.
बता दें कि आजतक-इंडिया टुडे को कैबिनेट सचिवालय द्वारा वाणिज्य मंत्रालय को भेजे गए निर्देश की एक प्रति भी हासिल हुई है जिसमें मंत्रालय को खाद्य तेल के अलावा मलेशिया के कई अन्य उत्पादों के आयात पर रोक लगाने की गुंजाइश देखने के लिए कहा है.
इनमें कच्चा तेल, रिफाइंड पाम ऑयल, क्रूड पाम ऑयल, कॉपर एवं एल्युमिनियम
वायर, माइक्रोप्रोसेसर, कंप्यूटर और टेलीकॉम उत्पाद, टर्बोजेट,
एल्युमिनियम इग्नोट, एलएनजी जैसे उत्पाद शामिल हैं.
भारत ने मलेशिया से पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 11 अरब डॉलर की वस्तुओं का आयात किया था. भारत अगर सीधे तौर पर इन वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा देता है तो मलेशिया की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, आयात पर लगाम लगाने के मकसद से भारत सरकार द्वारा उठाए गए कुछ कदमों के बाद भारतीय बंदरगाहों पर मलेशिया का हजारों टन पाम तेल फंसा हुआ है.
रिफिनिटिव डेटा के मुताबिक, खाद्य तेल के दूसरे सबसे बड़ा उत्पादक देश
मलेशिया से मुंह मोड़ने के बाद भारत ने इंडोनेशिया से आयात करना शुरू कर
दिया है. बीते शुक्रवार को मलेशियाई पाम फ्यूचर की कीमतों में पिछले 11
सालों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने इससे पहले कहा था कि वह भारत के
खिलाफ किसी तरह की जवाबी कार्रवाई नहीं करेंगे. महातिर ने कहा था कि हम
भारत के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई करने के लिए बहुत छोटे देश हैं. हमें इस
समस्या से बाहर निकलने के लिए दूसरे तरीकों और साधनों का इस्तेमाल करना
होगा.
महातिर तमाम मौकों पर कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने को लेकर भारत सरकार की तीखी आलोचना कर चुके हैं. 94 वर्षीय महातिर मोहम्मद ने एक बयान में कहा था कि वह भारत सरकार के आयात पर प्रतिबंध के फैसले को लेकर चिंतित हैं लेकिन वह गलत चीजों को लेकर आवाज उठाना जारी रखेंगे, भले ही इसकी कीमत क्यों ना चुकानी पड़े.