म्यांमार से लेकर थाईलैंड तक भूकंप के तेज झटकों से भारी तबाही आई है. बड़ी-बड़ी इमारतें गिर गईं. सड़कों पर दरारें आ गईं हैं. पल भर में पुल जमींदोज हो गए.
हर तरफ चीख-पुकार मच गई. जान बचाने के लिए लोग भागने लगे. सैंकड़ों लोग मलबे में दबे हैं. बुलडोजर से राहत और बचाव का काम चल रहा.
भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, भूकंप इतना जबरदस्त था कि बैंकॉक में कई इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, 43 लोग लापता हैं.
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने इसे 7.7 तीव्रता का बताया है जबकि चीन की सरकारी न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने चाइना अर्थक्वेक नेटवर्क्स सेंटर के हवाले से भूकंप की तीव्रता 7.9 बताई है.
भूकंप के झटकों की वजह से म्यांमार के मांडलेय में इरावडी नदी पर कथित तौर पर लोकप्रिय एवा ब्रिज (Ava Bridge) ढह गया.
म्यांमार के मांडलेय शहर में भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. यहां शहर के कई मंदिर और बौद्ध स्थल टूट गए हैं.
ढाका और चटगांव सहित बांग्लादेश के कई शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, इससे अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
बता दें कि धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एक-दूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं.