तुर्की में तख्तापलट के लिए सेना ने पूरे देश पर कब्जा कर लिया. शुक्रवार की रात सेना ने तख्तापलट की कोशिशें की लेकिन सब नाकाम रहीं.
राष्ट्रपति रेसेप तईप एरदोगन ने शनिवार को उनकी सरकार के खिलाफ सैन्य तख्तापलट की कोशिशों को देशद्रोह करार देते हुए कहा कि साजिश रने वालों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.
तख्तापलट की कार्रवाई शुरू करते हुए सेना ने अपने जवानों को जगह-जगह तैनात कर दिया.
तुर्की की सड़कों पर सेना के जवान तैनात हो गए और लोगों से सड़कें खाली करने के लिए कहा.
सेना के टैंकों ने अंकारा के मेन एयरपोर्ट को सीज कर दिया. तुर्की संसद के बाहर भी सैन्य टैंक तैनात किए गए.
तुर्की सेना ने कई निहत्थे नागरिकों को हिरासत में लिया.
इस्तांबुल में तक्सिल स्क्वायर को सेना ने सीज कर लिया.
इस्तांबुल के बोस्पोरुस पुल को सेना ने ब्लॉक किया. एक दिन पहले नीस हमले के बाद एकजुटता दिखाने के लिए फ्रांस के झंडे के रंग से रंगा दिखा पुल.
तख्तापलट प्रयास के तहत 130 सैनिकों को हिरासत में लिया गया. बीबीसी, सीएनएन और गार्जियन के मुताबिक, इस दौरान 42 लोगों की मौत हुई है. जबकि सिन्हुआ के अनुसार 60 लोगों की मौत हुई है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने तुर्की में रह रहे भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया कि स्थिति सामान्य होने तक वो अपने घरों में ही रहें और बाहर निकलने से बचें.
सरकारी अधिकारियों ने भी तख्तापलट की साजिश नाकाम होने का ऐलान किया. लेकिन अंकारा में अब भी तनावपूर्ण माहौल है.