scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

Myanmar coup: म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना प्रमुख ने अपने हाथों में ली सत्ता की कमान, किया बड़ा ऐलान

MYANMAR COUP
  • 1/14

म्यांमार की सेना ने सोमवार को देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की समेत सत्ताधारी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के तमाम नेताओं को गिरफ्तार कर सत्ता अपने हाथ में ले ली है. म्यांमार की सेना ने एक साल की इमरजेंसी का ऐलान करते हुए सैन्य प्रमुख मिन आंग लाइंग को सत्ता सौंप दी है. सेना ने तख्तापलट करने के बाद ऐलान किया है कि इमरजेंसी खत्म होने के बाद वो देश में उचित और पारदर्शी तरीके से चुनाव कराएगी और चुनाव में जीत हासिल करने वाली पार्टी को सत्ता हस्तांतरित कर दी जाएगी.

MYANMAR COUP
  • 2/14

म्यांमार की सेना के नियंत्रण वाले चैनल म्यावड्डी टीवी पर प्रसारित किए गए बयान में कहा गया है, इमरजेंसी की घोषणा करने का कदम देश में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी था. बयान में नवंबर महीने में हुए चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग की भी आलोचना की गई है. 

MYANMAR COUP
  • 3/14

म्यांमार की संसद में एक-चौथाई सीटें सेना के लिए आरक्षित हैं. नवंबर महीने में हुए चुनाव में आंग सान सू की की पार्टी एनएलडी को बड़ी जीत हासिल हुई थी जबकि सेना के खाते में बहुत कम सीटें आईं. म्यांमार के नए कार्यकारी राष्ट्रपति और पूर्व जनरल मिंट स्वे की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया है, चुनाव आयोग 8 नवंबर 2020 को हुए बहु-दलीय आम चुनाव में मतदाता सूची में अनियमितता की समस्या को सुलझाने में नाकाम रहा. बयान में अन्य विपक्षी दलों पर देश की स्थिरता को नुकसान पहुंचाने का आरोप भी लगाया गया.

Advertisement
MYANMAR COUP
  • 4/14

बयान में कहा गया है, कानून के तहत समस्या का समाधान करने हेतु इमरजेंसी की घोषणा की गई है. विधायिका, प्रशासन और न्यायपालिका की जिम्मेदारी मिलिट्री कमांडर इन चीफ मिन आंग लाइंग को सौंपी गई है.

Myanmar Coup
  • 5/14

पिछले कुछ दिनों से ही सेना और सरकार के बीच टकराव बढ़ता नजर आ रहा था. सेना लगातार चुनाव में धांधली का आरोप लगा रही थी. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे थे कि म्यांमार की सेना तख्तापलट करने की कोशिश कर सकती है. सोमवार सुबह ये सारे कयास सच साबित हो गए जब आंग सान सू की समेत एनएलडी के तमाम नेताओं को सेना ने गिरफ्तार कर लिया.
 

Myanmar Coup
  • 6/14

वहीं, गिरफ्तार होने के बाद आंग सान सू की ने लोगों से अपील की है कि वे सेना के इस तख्तापलट को किसी भी सूरत में स्वीकार ना करें और इसका विरोध करें. आंग सान सू की की पार्टी एनएलडी ने उनकी तरफ से एक बयान जारी किया है. इस बयान में आंग सान सू की ने कहा है, सेना की कार्रवाई देश को फिर से तानाशाही के दौर में धकेल सकती है. मैं लोगों से अपील करती हूं कि वे इसे स्वीकार ना करें और सेना के तख्तापलट के खिलाफ पूरे दिल से प्रदर्शन करें.
 

Myanmar Coup
  • 7/14

एलएनडी नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद म्यांमार की सेना यंगून में तैनात रही. इस दौरान टीवी चैनल ऑफ एयर हो गए और यंगून समेत कई मुख्य इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई. तख्तापलट की खबरें सुनते ही अफरा-तफरी मच गई और लोग सामान जमा करने और एटीएम से पैसे निकालने के लिए बाजार की तरफ दौड़ने लगे. खराब इंटरनेट सेवाओं के चलते बैंकों की सेवाएं भी बाधित रहीं.

myanmar coup
  • 8/14

एनएलडी के एक सांसद ने नाम ना बताने की शर्त पर स्ट्रेट टाइम्स से बताया कि पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति के एक सदस्य हान थार मिंत को भी सेना ने गिरफ्तार किया है. फेसबुक पर भी एक वीडियो पोस्ट किया गया है. इस वीडियो में सांसद पा पा हान की गिरफ्तारी को दिखाया गया है. वीडियो में हान के पति सैनिकों के सामने गिड़गिड़ाते नजर आते हैं. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, कारेन राज्य और अन्य मंत्रियों को भी सेना ने गिरफ्तार किया है.

myanmar coup
  • 9/14

सेना के समर्थकों ने इस तख्तापलट का जश्न मनाया और यंगून में ट्रकों में सवार होकर परेड निकाली. हालांकि, लोकतंत्र के समर्थक इस घटना से बेहद डरे हुए हैं. छात्र एक्टिविस्ट सी थू तुन ने कहा, हमारा देश एक चिड़िया की तरह था जो अभी उड़ान भरना सीख रहा था लेकिन सेना ने हमारे पंखों को कतर दिया है. 

Advertisement
myanmar coup
  • 10/14

नोबल शांति पुरस्कार जीतने वाली 75 वर्षीय आंग सान सू की साल 2015 में भारी बहुमत से सत्ता में आई थी. लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाली आंग सान सू की को दशकों तक नजरबंद किया गया था. इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्हें बहुत सम्मान मिला. हालांकि, जल्द ही उनकी ये छवि टूट गई जब साल 2017 में सेना के ऑपरेशन की वजह से हजारों रोहिंग्या देश छोड़ने पर मजबूर हो गए. इन सबके बावजूद, आंग सान सू की म्यांमार में लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं.

myanmar coup
  • 11/14

हालांकि, म्यांमार में तख्तापलट कोई पहली बार नहीं हुआ है. ब्रिटेन से 1948 में आजादी के बाद म्यांमार में दो बार तख्तापलट हो चुके हैं. एक तख्तापलट साल 1962 में हुआ था जबकि दूसरा तख्तापलट 1988 में. म्यांमार में 2011 में लोकतांत्रिक सुधारों से पहले तक सैन्य सरकार ही थी.
 

myanmar coup
  • 12/14

पिछले हफ्ते म्यांमार के कुछ शहरों में सेना समर्थकों ने रैलियां निकाली थीं और कई सड़कों पर टैंकों की तैनाती की गई थी. जब रविवार को तख्तापलट के कयास तेज हो गए तो सेना ने कहा कि वो संविधान का पालन करेगी और कानून के अनुरूप ही कोई कदम उठाएगी.

myanmar coup
  • 13/14

म्यांमार के चुनाव आयोग ने सेना के चुनाव में धांधली के आरोप को खारिज कर दिया था. चुनाव आयोग ने कहा था कि वोटों की विश्वसनीयता को प्रभावित करने वाली कोई भी बड़ी गड़बड़ी नहीं हुई है. पूर्वी एशिया में अमेरिका के राजनयिक रहे डेनियल रशेल ने कहा, म्यांमार में एक और तख्तापलट लोकतंत्र के लिए बहुत बड़ा झटका है. ये केवल म्यांमार के लोकतंत्र के लिए ही नहीं बल्कि अमेरिकी हितों के लिए भी बहुत बड़ा नुकसान है. इससे एक बार फिर साबित होता है कि क्षेत्र में अमेरिका की घटती मौजूदगी की वजह से किस कदर लोकतंत्र विरोधी ताकतें मजबूत हुई हैं.

myanmar coup
  • 14/14

वॉशिंगटन सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऐंड इंटरनेशनल थिंक टैंक के दक्षिण-पूर्व एशिया के विशेषज्ञ मुरे हीबर्ट ने कहा, म्यांमार का नया घटनाक्रम अमेरिका के नए बाइडेन प्रशासन के लिए एक चुनौती है. अमेरिका ने शुक्रवार को ही कई देशों के साथ मिलकर म्यांमार की सेना से तख्तापलट ना करने की अपील की थी. हीबर्ट ने कहा, चीन म्यांमार की सेना का फिर से उसी तरह साथ देगा जैसे उसने रोहिंग्याओं को बाहर निकालने के वक्त दिया था.

इतिहासकार और लेखक थांट मिंत-यू ने कहा, म्यांमार के लिए एक बिल्कुल अलग भविष्य के दरवाजे खुल गए हैं. मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि आगे जो होने वाला है, उस पर किसी का नियंत्रण नहीं रहेगा. याद रखिए कि म्यांमार एक ऐसा देश है जहां गंभीर नस्लीय और धार्मिक मतभेद हैं.

Advertisement
Advertisement