जर्मनी में 95 साल की एक महिला पर 10 हजार लोगों की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. यह घटना 1943 से 1945 के बीच की है जब महिला एक नाजी कंसंट्रेशन कैंप में स्टेनोग्राफर और कमांडर की सेक्रेटरी के तौर पर काम करती थी.
शुक्रवार को जर्मनी के प्रॉसेक्यूटर्स ने बताया कि स्टटहॉफ कंसंट्रेशन कैंप में सेक्रेटरी के तौर पर काम करने वाली महिला के खिलाफ आरोप दायर किए जा रहे हैं. हालांकि, जर्मनी के प्राइवेसी कानूनों के तहत अधिकारियों ने महिला का नाम सार्वजनिक नहीं किया है. लेकिन स्थानीय मीडिया में उन्हें Irmgard F बताया गया है.
ब्रिटिश टेलिग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला पेंशन भी हासिल करती है और रिटायरमेंट होम में रहती है. वहीं, महिला ने 2019 में एक जर्मन रेडियो से इंटरव्यू में दावा किया था कि विश्व युद्ध खत्म होने के बाद ही उन्हें जानकारी मिली कि कैंप में लोगों को मारा गया. घटना के वक्त महिला नाबालिग भी थी. इस वजह से उन पर जूवनाइल कोर्ट में मामला चल सकता है.
महिला पर आरोप लगाया गया है कि यहूदी कैदियों की हत्या के लिए जो लोग जिम्मेदार थे, महिला उनकी मदद करती थी. यह पहली बार नहीं है जब यहूदियों के नरसंहार के लिए किसी महिला को आरोपी बनाया गया है. लेकिन पूर्व सेक्रेटरी पर आरोप लगाया जाना नया है.
2011 में जर्मनी ने फैसला किया था कि नरसंहार के मामलों में कार्रवाई का दायरा बढ़ाया जाएगा और जो लोग अपराध में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे उन पर भी कार्रवाई होगी. इससे पहले जर्मनी की अदालतें मानती रही थी कि सिर्फ शीर्ष के नाजी अफसरों को ही जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
ऐसा समझा जाता है कि सिर्फ स्टटहॉफ कंसंट्रेशन कैंप (अब पोलैंड में मौजूद जगह) में 65 हजार लोगों को मार दिया गया था. इनमें 28 हजार यहूदी थे. कई हजार लोग कैंप के गैस चैंबर में बंद करके मार दिए गए थे, जबकि काफी लोगों को गोली मारकर, जहरीला इंजेक्शन देकर भी मारा गया था. कई लोग बेहद खराब स्थिति में कमजोर होकर काम करते-करते मर गए.