नेपाल में आए भूंकप के बाद पूरे नेपाल में सिर्फ तबाही का मंजर है. इस भूकंप में अबतक 5 हजार से ज्यादा लोग की मौत हो चुकी है. इस त्रासदी में गुवाहाटी की हेमा प्रभा सैकिया ने अपनी मां को खो दिया. हेमा की आंखों में अपनी मां को खोने का दर्द साफ देखा जा सकता है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नेपाल में 18 हजार से ज्यादा घरों के नामोनिशान मिट गए हैं. लोगों को खुले आसमान के नीचे रात गुजारना पड़ रहा है.
लोगों के पास खाने के सामान की भारी कमी है. लोग जैसे तैसे अपने परिवार का पेट भर पा रहे हैं.
भूंकप के चार दिन बाद भी मलबा हटाने का काम जारी है. त्रासदी की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है.
भूंकप में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते लोग.
भारतीय वायुसेना ने नेपाल में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. एयरफोर्स के कई विमान दिन-रात राहत कार्य में लगे हुए हैं.
भारत की ओर से भेजी गई NDRF की टीम लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही.
नेपाल में हुई बर्बादी का एक मंजर जिसे देखकर भूकंप की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है.
हेलीकॉप्टर से ली गई नेपाल की बर्बादी की एक तस्वीर.
इस भूकंप के बाद जो लोग बच गए हैं उनके पास रहने के लिए आशियाना नहीं है और वो जैसे-तैसे सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं.
त्रासदी के बाद नेपाल में दवाओं की भी भारी कमी हो गई है. भारत से भी बड़े पैमाने मेडिकल सहायता भेजी गई है.
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस भूंकप में करीब 50 हजार गर्भवती महिलाओं पर असर पड़ा है.
कई लोग खुले मैदान में दिन गुजारने को मजबूर हैं. लगातार हो रही बारिश से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है.
भूकंप के बाद भारत के कई नागरिक नेपाल छोड़कर भारत की ओर रुख कर रहे हैं.
भूकंप में मारे गए लोगों को भारत सहित पूरे देश में श्रद्धांजलि दी जा रही है.
भारत की ओर से सड़क मार्ग से भी खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है.
भूकंप के बाद वहां के लोगों को पीने के पानी का समस्या से जूझना पड़ा रहा है. नेपाल में इस वक्त पीने के पानी की भारी किल्लत है.
भूंकप पीड़ितों के लिए नई दिल्ली के बंगला साहिब गुरुद्वारे में खाने का पैकेट तैयार किया जा रहा है जो एयरफोर्स की मदद और अन्य माध्यमों से काठमांडू पहुंचाया जा रहा है.