भारत से सीमा विवाद के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. ओली अपनी ही पार्टी के भीतर निशाने पर आ गए हैं. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की बुधवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री के.पी. ओली और पार्टी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंद एक-दूसरे का खुलकर विरोध करते नजर आए. पुष्पकमल दहल प्रचंड नेपाल के दो बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं.
पार्टी की 45 सदस्यीय स्टैंडिंग कमिटी की बैठक दो बार रद्द होने के बाद बुधवार को हुई. ओली पर ये आरोप लग रहे थे कि उन्होंने पार्टी को हाइजैक कर लिया है और वह तानाशाही तरीके से सरकार चला रहे हैं.
बैठक में ओली ने कहा, "मेरे अच्छे कामकाज, देश में समाजवाद स्थापित करने की
कोशिशों और राष्ट्रवाद के लिए उनकी प्रतिबद्धता की भी पार्टी के नेता
सराहना नहीं कर रहे हैं." ओली ने प्रचंड को जवाब देते हुए कहा, "मुझे
अपमानित करके आप यह मत समझिए कि आपका कद ऊंचा हो गया है."
यह बैठक नेपाल की मिलेनियम चैलेंज कॉर्पोरेशन (एमसीसी) के साथ तीन साल पहले हुई डील पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. इस डील के तहत, एमसीसी नेपाल में बिजली उत्पादन और वितरण और सड़क निर्माण के लिए 500 मिलियन डॉलर का निवेश करने वाली थी. हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर इस डील को लेकर उठ रहे सवालों की वजह से इस पर काम आगे नहीं बढ़ सका. नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ सांसदों ने चिंता जाहिर की है कि यह डील अमेरिका की हिंद-प्रशांत रणनीति का हिस्सा है जिसकी वजह से नेपाल की संप्रभुता को खतरा पैदा हो सकता है.
प्रचंड और पार्टी के अन्य सदस्यों का मानना है कि इस डील को मौजूदा रूप में संसद में पास नहीं किया जाना चाहिए. इस समझौते को लेकर शुक्रवार को चर्चा होनी है. हालांकि, प्रचंड ने पहले ही स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह ओली के खिलाफ आलोचनात्मक रुख अपनाएंगे.
प्रचंड ने बुधवार को बैठक में कहा, पार्टी के विलय के समय जिन
प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की बात हुई थी, आप (ओली) उनका सम्मान नहीं कर
रहे हैं. आप अपने अहं का प्रदर्शन कर रहे हैं और पार्टी व्यवस्था को साफ
तौर पर नकार रहे हैं.
ओली ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना महामारी के संकट में भी अच्छा काम किया है. उन्होंने कहा कि नेपाल में 24 लोगों की कोरोना से मौत हुई है लेकिन इन मौतों के पीछे विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन जिम्मेदार है जिसमें कहा गया है कि अगर किसी भी मृत शख्स में कोरोना का संक्रमण पाया गया है तो उसे कोरोना से हुई मौत ही माना जाएगा. ओली ने कहा, वास्तव में नेपाल में कोरोना वायरस संक्रमण से सिर्फ तीन या चार लोगों की ही मौत हुई है.