पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सोमवार को मलेशिया के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. दरअसल, प्रधानमंत्री इमरान खान को कश्मीर के मुद्दे पर सिर्फ मलेशिया से ही खुलकर समर्थन हासिल हुआ था.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को कहा कि वह भारत द्वारा मलेशिया से खाद्य तेल के आयात रोकने से हो रहे नुकसान की भरपाई की पूरी कोशिश करेंगे. इमरान खान ने ये बातें मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं.
इमरान खान ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान मलेशिया से ज्यादा खाद्य तेल खरीदने के लिए पूरी तरह तैयार है. ये बिल्कुल सही होगा क्योंकि हमने देखा है कि भारत मलेशिया को कश्मीरियों के साथ खड़े होने के लिए खाद्य तेल के आयात बंद करने की धमकी दे रहा है. पाकिस्तान इस नुकसान की भरपाई की पूरी कोशिश करेगा.
बता दें कि भारत मलेशिया के खाद्य तेल का सबसे बड़ा खरीदार देश है लेकिन मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और नागरिकता कानून को लेकर तीखी आलोचना करते रहे हैं. हालांकि, भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर खाद्य तेल के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है हालांकि, व्यापारियों को अनाधिकारिक तौर पर निर्देश दिया है कि वे मलेशिया से खाद्य तेल का आयात ना करें.
इमरान खान ने मलेशियाई पीएम को कश्मीर मुद्दे पर अपनी आवाज उठाने के लिए भी धन्यवाद दिया. इमरान खान ने कहा, भारत में एक अतिवादी सरकार है जिसने कश्मीरी नेताओं और लोगों को जेल में डाल रखा है. लेकिन जिस तरह से आपने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई, उसके लिए मैं आपको शुक्रिया कहना चाहता हूं.
इमरान खान ने कुआलालंपुर समिट में शरीक ना होने को लेकर डैमेज कंट्रोल की भी कोशिश की. दिसंबर महीने में मुस्लिमों के मुद्दों पर बुलाई गई कुआलालंपुर समिट से इमरान खान ने सऊदी के डर से ऐन मौके पर अपने कदम पीछे खींच लिए थे. इमरान खान ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वह समिट में शामिल नहीं हो पाए.
इमरान खान ने सऊदी का नाम लिए बगैर कहा, हमारे कुछ करीबी दोस्तों का मानना था कि कुआलालंपुर समिट से मुस्लिम एकता टूट जाएगी जबकि इस समिट का ऐसा कोई मकसद नहीं था.
इमरान खान ने कहा कि वह समिट में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे क्योंकि उन्हें लगता है कि मुस्लिम देशों को पश्चिमी व गैर-मुस्लिम देशों को इस्लाम के बारे में शिक्षित करना चाहिए. इमरान ने कहा, ये सारी गलतफहमियां चाहे जानबूझकर फैलाई गई हों या अनजाने में... ये जरूरी है कि हम सभी मुस्लिम देश उन्हें पैगंबर मोहम्मद के असली संदेश के बारे में जानकारी दें. हम इस्लाम की कुख्यात छवि को
लेकर तमाम मीडिया प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं और युवाओं के लिए
इस्लाम के वास्तविक संदेश पर कंटेंट तैयार कर रहे हैं.
अगले साल कुआलंलुपर समिट में शामिल होने के सवाल पर इमरान ने कहा, हां बिल्कुल, मैं शामिल होऊंगा क्योंकि यह स्पष्ट है कि
ये मुस्लिम एकता को तोड़ने के लिए नहीं थी...
उन्होंने कहा कि अगर कोई भी बैठक मुस्लिम एकता
को मजबूत करती है तो मैं जरूर आना चाहूंगा.