पाकिस्तान की सेना को लेकर एक बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है. इमरान खान की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के मौलाना फजलुर रहमान के उस बयान पर भड़के उठे जिसमें उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की सेना 24 घंटे भी जंग नहीं लड़ पाएगी."
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मौलाना फजलुर रहमान पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. अब उन्होंने सेना को लेकर भी तीखी टिप्पणी की है. इमरान खान की सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने मौलाना की टिप्पणी को आतंकवाद के खिलाफ जंग में और मातृभूमि की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों का अपमान बताया है.
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डॉन के मुताबिक, फवाद चौधरी ने कहा कि राजनीतिक वजहों से राष्ट्रीय संस्थानों पर हमला करना बहुत निंदनीय है. फवाद चौधरी ने मौलाना फजलुर रहमान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौलाना फजलुर रहमान उम्रदराज नेता हैं. वह शायद बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी में अपना "अनादर" बर्दाश्त नहीं कर पाए और इसीलिए उन मुद्दों पर बात करना शुरू कर दिया है जिनके बारे में उन्हें कुछ अता-पता नहीं है.
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फवाद चौधरी ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख को ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान देने से बचने की हिदायत दी है. मंत्री ने याद दिलाया कि यह वही मौलाना हैं जिन्होंने पाकिस्तान की सेना की क्षमताओं के बारे में संशय व्यक्त किया था और कहा था कि तालिबान देश की राजधानी के करीब पहुंच गया है.
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जारी बयान में फवाद चौधरी ने कहा, 'पाकिस्तान के बहादुर सशस्त्र बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मौलाना के 'संदेह' को गलत साबित करते हुए आतंकवादियों को खदेड़ बाहर निकाला था.' मंत्री ने कहा, "मौलाना के लिए यह बेहतर है कि वे अपने राजनीतिक अहंकार को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रीय हित के मामलों पर ऐसे निराधार संदेह न करें."
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फवाद चौधरी ने कहा कि 27 फरवरी, 2019 को जब पाकिस्तान ने भारतीय आक्रमण का जवाब दिया था, तब मौलाना कहां थे?
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विपक्षी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट पर निशाना साधते हुए फवाद चौधरी ने कहा कि कोई भी गठबंधन हो, जिसका नेतृत्व मौलाना ने किया, वो 12 घंटे तक भी मोर्चा नहीं ले पाएगा.
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मंत्री फवाद चौधरी का यह बयान मौलाना फज़ल एक भाषण के कुछ घंटों बाद आया, जिसमें उन्होंने टीवी एंकरों के साथ कथित तौर पर "सीक्रेट ब्रीफिंग" करने के लिए सेना प्रमुख की आलोचना की थी.
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मौलाना ने इस बात को लेकर भी चिंता जाहिर की थी कि संयुक्त अरब अमीरात में भारत-पाकिस्तान के बीच गुप्त वार्ता हुई है. मौलाना ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान, भारत के प्रति सुलह की नीति अपना रहा है, क्योंकि देश खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के कारण दुश्मन से नहीं लड़ सकता और बाद में उन्होंने यह भी कहा कि "हम 24 घंटे भी नहीं लड़ सकते."
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