पाकिस्तान में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का दौरा काफी सुर्खियां बटोर रहा है. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार इसे अपनी बहुत बड़ी उपलब्धि मान रही है. दरअसल, पिछले 12 सालों में रूस के किसी विदेश मंत्री ने पहली बार पाकिस्तान का दौरा किया है. पाकिस्तान को लग रहा है कि रूस अब तक भारत की वजह से उसकी उपेक्षा करता था लेकिन अब वैश्विक हालात बदल रहे हैं जिससे रूस और पाकिस्तान के करीबी बढ़ने की पर्याप्त संभावना बन रही है.
हाल ही में, रूसी विदेश मंत्री भारत का दौरा खत्म कर पाकिस्तान पहुंचे और ये अपने आप में नई बात थी. पाकिस्तान और चीन की दोस्ती जगजाहिर है, उसी तरह से रूस और चीन भी बहुत करीब हैं. ऐसे में, पाकिस्तान और रूस की करीबी के लिए सहज स्थिति बन जाती है.
हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इस दौरे में गलत वजहों से सुर्खियों में आ गए हैं. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें रूसी विदेश मंत्री ने बारिश से बचने के लिए खुद छतरी पकड़ रखी है जबकि कुरैशी के लिए एक शख्स छाता लिए चल रहा है. पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर इसे लेकर खूब आलोचना हो रही है. पाकिस्तान के कई लोगों ने ट्विटर पर कहा कि रूस के विदेश मंत्री ने खुद अपनी छतरी पकड़ी जबकि कुरैशी को ऐसा करने में शर्म आ रही थी. वहीं, कुछ लोगों ने कहा कि रूस के विदेश मंत्री के लिए भी किसी को छतरी पकड़नी चाहिए थी.
जब इसी घटनाक्रम को लेकर कुरैशी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, रूस के विदेश मंत्री का पाकिस्तान आना विदेश नीति के लिहाज से बहुत बड़ी उपलब्धि थी. मैं इसे नादानी कहूंगा कि इतनी बड़ी उपलब्धि को छोड़कर लोग इस बात को तवज्जो दे रहे कि छतरी नहीं पकड़ी गई.
Qureshi: I'm amazed people were talking about my umbrella and not the huge success of Russian foreign minister's visit.
— Naila Inayat (@nailainayat) April 11, 2021
Reporter: Chhatri video sabse pehle India ne viral ki.
Qureshi: Kya India chahta tha yeh visit? pic.twitter.com/WPSy6Or6jI
कुरैशी ने सवाल किया, क्या भारत चाहता था कि रूस के विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा करें? क्या भारत चाहता था कि जो हुआ, वो हो? कुरैशी ने कहा कि मैं पाकिस्तान के युवाओं को सलाम करना चाहता हूं कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर बनाकर शेयर की. इस तस्वीर में उन्होंने ऊपर रूस के विदेश मंत्री लावरोव और भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मुलाकात की फोटो लगाई और नीचे आपके विदेश मंत्री और लावरोव की फोटो लगाई. वो तस्वीर देख लीजिए. तस्वीर सब कुछ बता देती है. तस्वीर बता देगी कि उनके (जयशंकर) चेहरे पर कैसे हाव-भाव हैं और पाकिस्तान की मुस्कुराहट क्या है? ये एक बहुत बड़ा शिफ्ट है जिसे लोगों को समझने की जरूरत है.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भारत के दौरे के बाद पाकिस्तान गए और ये काफी चौंकाने वाला था. अब तक अमेरिका ऐसा करता आया था. अमेरिका के विदेश मंत्री या राजदूत भारत आते तो पाकिस्तान का दौरा जरूर करते थे. कई विश्लेषक भी कहने लगे हैं कि पाकिस्तान के लिए अब अमेरिका की जगह पर रूस आ गया है.
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठक में मौजूद रहे एक पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया कि रूसी विदेश मंत्री पुतिन का एक अहम संदेश लेकर आए थे. बतौर अधिकारी, पुतिन ने कहा है कि रूस पाकिस्तान की हर तरह से मदद करने के लिए तैयार है. रूस के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान को रूस का अहम दोस्त बताया और कहा कि आतंकवाद से लड़ाई के लिए वह उसे आधुनिक हथियार भी मुहैया कराएगा. भारत की कड़ी आपत्ति के बावजूद, रूस पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास 'द्रुजबा' और 'अरेबियन मॉनसून' में भी हिस्सा लेगा.
रूस और पाकिस्तान के बीच संबंधों में जमी बर्फ तब पिघली जब 2007 में रूसी प्रधानमंत्री मिखाइल फ्रादकोव पाकिस्तान के दौरे पर गए. 2011 में जब अमेरिका ने पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मारा तो दोनों देशों के बीच अविश्वास बढ़ गया. इसी दौरान रूस और पाकिस्तान करीब आए. दोनों देशों में अमेरिका विरोधी भावना जबरदस्त थी और दोनों को करीब लाने में इस भावना की भी बड़ी भूमिका रही.
कई लोग मानते हैं कि पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाकर रूस भारत पर दबाव डालने की रणनीति चलता है क्योंकि रूस को भी पता है कि भारत जिस पैमाने पर वहां से हथियार खरीदता है, वैसा पाकिस्तान नहीं कर सकता. रूस और भारत की दोस्ती के कारण पाकिस्तान से रूस के अच्छे संबंधों की संभावना के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा जाता था. लेकिन अब पाकिस्तान और रूस के बीच बढ़ते सुरक्षा संबंधों से दक्षिण एशिया का भूराजनीतिक वातावरण नई करवट ले रहा है.