तालिबान सरकार(Taliban government) को समर्थन देकर अफगानिस्तान(Afghanistan) के लोगों की आंख की किरकिरी बने पाकिस्तान(Pakistan) को अब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर(PoK)में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी कब्जे से आजादी की मांग बुलंद की है. ये सभी लोग पल्लांदरी क्षेत्र में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे. (प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
इन लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान पिछले सात दशकों से उनके साथ दोयम दर्जे का व्यवहार कर रहा है. प्रदर्शनकारियों का ये भी आरोप था कि जहां पाकिस्तान उनके संसाधनों को अंधाधुध तरीके से लूट रहा है वहीं उनके मौलिक अधिकारों के साथ भी लगातार खिलवाड़ किया जाता रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
इस क्षेत्र के स्थानीय नेताओं का ये भी कहना है कि पाकिस्तान ने इस जगह पर मानवीय संकट पैदा कर रखा है. लेकिन चूंकि इस जगह पर मीडिया की सेंसरशिप काफी ज्यादा है, इसके चलते यहां की वास्तविकता का बाहरी दुनिया को एहसास नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर मीडिया चैनल्स पाकिस्तानी सरकार के आगे नतमस्तक हैं और पीओके की सच्चाई नहीं दिखा रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
हालांकि, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर वासियों का कहना है कि इस्लामाबाद को यह नहीं भूलना चाहिए कि उनकी ऐसी नीति के चलते ही पूर्वी पाकिस्तान में 1971 के विद्रोह ने आग पकड़ी थी जिसके बाद बांग्लादेश का निर्माण किया गया था. इन लोगों का कहना था कि वे इस बार पाकिस्तानी प्रशासन का सख्ती से मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.(प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
उन्होंने ये भी कहा कि वे तब तक हार नहीं मानने वाले हैं जब तक उन्हें पाकिस्तान से आजादी नहीं मिल जाती. गौरतलब है कि पाकिस्तान हमेशा से खुद को कश्मीरियों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले वाले देश के तौर पर प्रोजेक्ट करता रहा है लेकिन सच्चाई ये है कि इस क्षेत्र में पिछड़ेपन और भेदभाव के चलते स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
यहां रहने वाले लोगों का आरोप है कि इस जगह के असली मालिकों को पाकिस्तानी प्रशासन ने हाशिये पर धकेल दिया है और यहां के सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ दिया गया है. वहीं भारत में हमले करने वाले प्रशिक्षित आतंकियों को इस क्षेत्र में पाकिस्तान सरकार द्वारा काफी समर्थन मिलता रहा है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
ऐसे भी आरोप हैं कि अगर स्थानीय लोग इन आतंकियों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हैं तो उनके साथ क्रूरता की जाती है. कुछ सालों पहले भी पीओके के स्टूडेंट्स ने इस क्षेत्र में बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन किए थे और कहा था कि स्थानीय युवाओं की जगह पाकिस्तानी युवाओं को तरजीह दी जाती है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/रॉयटर्स)
गौरतलब है कि पीओके को लेकर पाकिस्तान की पाखंड से भरी नीति रही है. पाकिस्तान इस हिस्से को आजाद कश्मीर कहता है लेकिन पाकिस्तान का इस हिस्से के प्रशासन और राजनीति में सीधा दखल है. आजाद कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी हैं लेकिन ये हिस्सा इस्लामाबाद से ही कंट्रोल होता है. (प्रतीकात्मक तस्वीर/getty images)