scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई

भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 1/8
पाकिस्तान अपने झूठे स्वाभिमान और कोरोना वायरस संकट की मजबूरी के बीच फंसकर रह गया है. 5 अगस्त 2019 को जब नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया तो पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार पर पूरी तरह से बैन लगा दिया. हालांकि, एक महीने के भीतर ही जरूरी दवाओं की किल्लत ने पाकिस्तान की सरकार को भारत से दवाएं आयात करने के लिए मजबूर कर दिया. यहां तक कि जरूरी दवाओं की आड़ में भारत से सरसों का तेल तक मंगाया जाने लगा.
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 2/8
भारत से दवा आयात को लेकर हुए इसी घालमेल को लेकर पाकिस्तान की सरकार भी सवालों के घेरे में आ गई है. पाकिस्तान यंग फार्मासिस्ट एसोसिएशन (पीवाईपीए) ने प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहयोगी शहजाद अकबर को पत्र लिखकर भारत से व्यापार बैन होने के बावजूद 450 से ज्यादा दवाओं के आयात को लेकर जांच की मांग की है. एसोसिएशन ने कहा, केंद्रीय कैबिनेट को कैंसर की दवाओं की किल्लत के बारे में जानकारी दी गई थी लेकिन सरकार की ओर से जारी की गई समरी में थेरप्यूटिक गुड्स कैटिगरी (उपचारात्मक) के तहत सभी तरह की दवाइयों, विटामिन्स, सिरिंज और सरसों के तेल के आयात को भी मंजूरी दे दी गई.
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 3/8
इससे पहले, पाकिस्तान की मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने संसदीय समिति से दवाओं के घोटाले को लेकर जांच की मांग कर चुके हैं. विपक्षी नेता ने कहा कि अगर उनकी सरकार के दौरान ऐसा कुछ होता तो इमरान खान ने उनकी सरकार के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा कर दिया होता.
Advertisement
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 4/8
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सेक्रेटरी जनरल नैय्यर हुसैन बुखारी ने भी एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि भारत से व्यापार बैन के बावजूद अरबों रुपये की दवाइयों के आयात को लेकर संसदीय समिति द्वारा जांच होनी चाहिए. बुखारी ने कहा कि यह पता लगाया जाना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है.
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 5/8
पाकिस्तान की फार्मा एसोसिएशन पीवाईपीए ने कहा कि अगस्त 2019 में जब भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का कदम उठाया तो पाकिस्तान ने एक महीने बाद भारत के साथ व्यापार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि, बैन के बाद जीवनरक्षक दवाओं की किल्लत होने लगी तो फार्मा इंडस्ट्री ने सरकार से भारत से सस्ती जीवनरक्षक दवाओं के आयात को मंजूरी देने की अपील की. इसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने भारत से कैंसर व अन्य जरूरी दवाइयों के आयात को मंजूरी दे दी थी. हालांकि, जब दवा नियामक संस्था ने वाणिज्य मंत्रालय को मंजूरी की समरी भेजी तो उसमें लाइफसेविंग ड्रग्स (जीवनरक्षक दवा) के बजाय थेरप्यूटिक गुड्स टर्म (उपचार में काम आने वाली दवा) को शामिल कर दिया गया. इससे भारत से सभी तरह की दवाओं के आयात का रास्ता खुल गया.
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 6/8
फार्मा एसोसिएशन ने पत्र में आरोप लगाया कि भारत से ट्रेड बैन होने के बावजूद और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही भारत से 85 मिलियन डॉलर के टायफाइड वैक्सीन का आयात किया गया. इसमें ये भी कहा गया है कि कैबिनेट ने इससे पहले भारत से डेंगू की दवा के आयात को अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 7/8
पीवाईपीएम ने सवाल किया कि कोरोना वायरस की महामारी में जब मास्क की किल्लत हो रही थी तो सरकार ने मास्क के निर्यात की अनुमति क्यों दे दी. संस्था ने दावा किया कि पूरा देश इसलिए संकट में है क्योंकि मास्क को ज्यादा कीमतों पर बेचा जा रहा है.
भारत को अकड़ दिखाने के चक्कर में फंसा PAK! अब इमरान दे रहे सफाई
  • 8/8
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत से दवाइयों के आयात के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कर ली है और प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मामले की जांच के आदेश भी दे दिए हैं. इमरान खान के विशेष सहयोगी अकबर के नेतृत्व में जांच दल कैबिनेट की अगली बैठक में अपनी रिपोर्ट पेश कर सकता है.
Advertisement
Advertisement