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विश्व

चीन के बाद पाकिस्तान भारत के खिलाफ करने जा रहा है बड़ा 'खेल'

Imran Khan
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पाकिस्तान की सरकार अब गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां प्रांत बनाने की योजना बना रही है. दो साल पहले ही गिलगित-बाल्टिस्तान में इस्लामाबाद नियंत्रित एक परिषद की शक्तियां एक लोकल एसेंबली को दे दी गई थीं. पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की स्वायत्तता छीनकर वहां अपना सीधा नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. इलाके पर अपना कब्जा मजबूत करने के लिए पाकिस्तान की सरकार आए दिन पीओके के स्वायत्त प्रशासन के अधिकार कम करती रहती है. नया कदम भी उसकी इसी योजना का हिस्सा है.
 

Imran Khan
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पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के केंद्रीय मंत्री अली अमीन गंदारपुर ने बुधवार को इस्लामाबाद में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सरकार की योजना के बारे में बताया. अली आमिन ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पूर्ण प्रांत का दर्जा दिया जाएगा और दोनों सदनों में इसका प्रतिनिधित्व भी तय किया जाएगा. भारत के लिए ये चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि पाकिस्तान चीन की बेल्ट और रोड की कई परियोजनाओं को यहां शुरू करना चाहता है. भारत पहले ही पीओके में चीन के बेल्ट ऐंड रोड प्रोजेक्ट को लेकर विरोध दर्ज करा चुका है.

Imran Khan
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पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अली अमीन ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जल्द ही इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और इस बदलाव का आधिकारिक रूप से ऐलान करेंगे. अली अमीन ने कहा, सभी पक्षों से परामर्श करने के बाद केंद्र सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को सभी संवैधानिक अधिकार देने का फैसला किया है. हमारी सरकार ने लोगों से जो वादा किया है, उसे पूरा करेगी.

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Narendra Modi
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विवादित क्षेत्र में पाकिस्तान सरकार की ओर से किए जा रहे बदलावों को लेकर भारत की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, इससे पहले भारत कई बार गिलगित-बाल्टिस्तान की यथास्थिति में बदलाव की कोशिश का विरोध कर चुका है. विदेश मंत्रालय ने कई बार दोहराया है कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और पाकिस्तान इसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं कर सकता है. भारत ने पाकिस्तान से अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करने के लिए भी कहा था.

Pakistan
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पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान को संवैधानिक अधिकार मिलने के बाद भी यहां के लोगों को पहले की तरह कर और सब्सिडी की छूट मिलती रहेगी. जब तक यहां के लोग अपने पैरों पर नहीं खड़े हो जाते हैं, उन्हें सरकार ये सुविधा देती रहेगी. मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान की सेना इलाके में बदलावों को लेकर तमाम राजनीतिक दलों के संपर्क में है.

Pakistan PM
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इमरान खान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ गिलगित-बाल्टिस्तान में आगामी चुनाव को देखते हुए बदलावों का समर्थन कर रही है ताकि उसे राजनीतिक लाभ मिल सके और इलाके में अगली सरकार बनाने में कामयाब हो सके. अमीन ने कहा, चुनाव नवंबर महीने के मध्य में हो सकते हैं. सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और पीटीआई जल्द ही टिकट बांटना शुरू करेगी.
 

Pakistan PM Imran khan
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अली अमीन ने कहा कि पिछले 73 सालों से गिलगित-बाल्टिस्तान के लोग जो मुश्किलें सहते रहे हैं, वो इस बदलाव के साथ खत्म हो जाएंगी. संवैधानिक अधिकार देने और प्रांत बनाने के अलावा, क्षेत्र के विकास के लिए कई और कदम उठाए जाएंगे. चाइना-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर के तहत यहां मॉकपॉन्डास विशेष आर्थिक जोन बनाया जाएगा और स्वास्थ्य, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट और पर्यटन का विकास किया जाएगा.
 

PoK
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1999 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि गिलगिट-बाल्टिस्तान के लोग पाकिस्तानी नागरिक हैं और केंद्र सरकार को जरूरी प्रशासनिक और वैधानिक कदम उठाने के लिए कहा था. साल 2009 में गिलगिट-बाल्टिस्तान सशक्तिकरण एवं स्वशासन आदेश पारित किया गया जिसके तहत उत्तरी इलाके को गिलगित-बाल्टिस्तान का नाम दिया गया और पूरे क्षेत्र को संसद में बिना किसी प्रतिनिधित्व के एक प्रांत की तरह का दर्जा दिया गया. साल 2015 में पाकिस्तान की केंद्रीय समिति ने गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा देने का प्रस्ताव रखा और इसके तीन साल बाद स्थानीय परिषद की सभी शक्तियां स्थानीय विधायिका को दे दी गईं.
 

Imran Khan
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मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत का दर्जा मिलने का स्थानीय स्वागत करेंगे. हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि कश्मीर मुद्दे के सुलझने के बाद ही गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण प्रांत का दर्जा दिया जाना चाहिए.

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Imran Khan
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बताया जाता है कि साल 2015 में जब केंद्रीय समिति ने गिलगित-बाल्टिस्तान को लेकर प्रस्ताव दिया था तो उसे सेना का समर्थन हासिल नहीं था. मामले पर नजर बनाए हुए सूत्रों का कहना है कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर में हुए बदलावों को देखते हुए शायद पाकिस्तान की सेना ने अपना मन बदल लिया है.
 

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