पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारतीय राजनयिकों की मिसाल देते हुए पाकिस्तानी राजनयिकों को फटकार लगाई है. इमरान खान ने भारतीय दूतावासों के स्टाफ को 'ज्यादा सक्रिय', अपने भारतीय नागरिकों को 'बेहतर सेवा' मुहैया कराने वाला बताते हुए पाकिस्तानी दूतावासों के कर्मचारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जाहिर की.
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एक समाचार एजेंसी के मुताबिक इमरान खान ने दुनियाभर के विभिन्न देशों की राजधानियों में तैनात पाकिस्तानी राजदूतों के साथ वर्चुअल मीटिंग में उनको जमकर फटकार लगाई. प्रधानमंत्री ने पाकिस्तानी राजनयिक अफसरों को उदासीन रवैये अपनाने और खासकर मिडिल ईस्ट में नियमित सेवाओं में अनावश्यक देरी करने वाला बताया.
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मीटिंग में इमरान खान ने कहा, 'मुझे सऊदी अरब से जानकारी मिली है कि दूतावास के कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं. कुवैत के NADRA (नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) ऑफिस में तैनात कर्मचारी लोगों का मार्गदर्शन करने के बजाय रिश्वत उगाहते हैं. यहां के एक अधिकारी के फर्जी दस्तावेज बनाने में शामिल होने की जानकारी मिली है और मैं ऐसी जानकारियों को पाने के बाद सदमे में हूं.'
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Today I addressed our envoys in all our missions abroad with a strong message that their priority must be the welfare & well-being of our greatest asset, overseas Pakistanis - especially our hard working labour abroad. Their welfare must take priority.https://t.co/WA7Ah49m9Q
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) May 5, 2021
असल में, पाकिस्तान की इमरान खान सरकार ने पिछले हफ्ते सऊदी अरब से अपने राजदूत और छह अन्य अफसरों को वापस इस्लामाबाद बुला लिया था. इन सबके खिलाफ सऊदी अरब में काम करने वाले पाकिस्तानियों के दूतावास पहुंचने पर उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप था. इस घटना के बाद ही इमरान ने सभी राजदूतों की यह वर्चुअल बैठक आयोजित की थी.
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नाराज इमरान खान ने अपने दूतावासों को भारतीय दूतावासों को मिसाल के तौर पर पेश किया. उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिक अपने देश में निवेश लाने के लिए ज्यादा सक्रिय हैं और अपने नागरिकों को बेहतर सर्विस भी मुहैया कराते हैं.
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प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझे पाकिस्तान सिटीजन पोर्टल पर विभिन्न विभागों के खिलाफ बहुत सारी शिकायतें मिली हैं.' यह पोर्टल इमरान खान की सरकार ने देश में या विदेश में पाकिस्तानियों को सीधे प्रधानमंत्री तक अपनी शिकायत पहुंचाने की सुविधा देने के लिए शुरू किया है.
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इमरान खान ने कहा कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में काम करने वाले पाकिस्तानी अपने देश में ज्यादा पैसे भेजते हैं. लेकिन इन दोनों देशों में स्थित पाकिस्तानी दूतावासों ने अपने नागरिकों के प्रति उदासीन रवैया दिखाया है.
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पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि राजदूत गरीब लोगों की मदद करने के बजाय उनसे ऐसे पेश आते हैं जैसे गुलामी के दिनों में अंग्रेज अधिकारी यहां की जनता से सलूक किया करते थे.
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इमरान खान ने कहा कि आज यदि पाकिस्तान दिवालिया नहीं हुआ है तो इसकी वजह यह है कि दुनियाभर में मौजूद पाकिस्तानी अपने वतन को अच्छा-खासा मनी ऑर्डर भेजते हैं.
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इमरान खान ने कहा, 'ऐसा ही चलता रहे, हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते हैं...प्रवासी पाकिस्तानियों का काम करना दूतावासों की सबसे बड़ी सेवा है और इसके बाद फिर उन्हें देश में निवेश लाने के लिए काम करना चाहिए जो फिलहाल आर्थिक मोर्चे पर खस्ताहाल हालात का सामना कर रहा है.' उन्होंने दूतावासों से विदेश की जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों की मदद करने का भी आग्रह किया.
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