पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर के बहाने परमाणु बम का जिक्र छेड़कर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने देश की परमाणु क्षमता के बारे में इमरान खान की हालिया टिप्पणी पर आपत्ति जताई है. पीएमएलएन ने आरोप लगाया है कि क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को परमाणु कार्यक्रम से पीछे हटने के 'विदेशी एजेंडा' को पूरा करने के लिए सत्ता में लाया गया है.
असल में, पाकिस्तान में परमाणु हथियार बढ़ने को लेकर अमेरिकी पत्रकार के सवाल पर इमरान खान ने कहा था, पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का केवल एक ही उद्देश्य है- प्रतिरोध. इसमें कोई आपत्तिजनक बात नहीं है. इंटरव्यू में इमरान खान ने कहा, 'जिस समय कश्मीर मसले का समाधान हो जाएगा, परमाणु बम की जरूरत खत्म हो जाएगी. दोनों पड़ोसी मुल्क सभ्य नागरिक की तरह रहेंगे. तब हमें परमाणु हथियारों की जरूरत नहीं पड़ेगी.'
डॉन के मुताबिक, पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. इमरान खान की टिप्पणी पर मरियम नवाज ने कहा, "मुझे नहीं पता कि इस बयान को कैसे समझा जाए."
मरियम नवाज ने कहा, "वह (प्रधानमंत्री) पाकिस्तान के लोगों के (निर्वाचित) प्रतिनिधि नहीं हैं. उन्हें चुना गया है और उन्हें पाकिस्तान की परमाणु स्थिति पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है." उन्होंने कहा, "आपको (प्रधानमंत्री) कश्मीर के बारे में भी बात नहीं करनी चाहिए. अगर प्रधानमंत्री को लगता है कि वह इस तरह की टिप्पणी करके एक नई बहस शुरू कर सकते हैं, तो वह गलत हैं."
मरियम ने कहा कि अपने परमाणु कार्यक्रम के चलते पाकिस्तान सुरक्षित है. अगर यह नहीं होता तो देश आज कश्मीर के अलावा अन्य बड़े मुद्दों से जूझ रहा होता. एक चुने हुए प्रधानमंत्री को परमाणु कार्यक्रम के बारे में ऐसा बयान देने का कोई अधिकार नहीं है."
(फोटो-AP)
मरियम से पहले, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के महासचिव अहसान इकबाल ने संसद में कहा, "इस प्रधानमंत्री को यह कहने का अधिकार किसने दिया है कि पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम नेगोशियबल है." अहसान इकबाल ने अमेरिकी चैनल एचबीओ के पत्रकार को दिए इमरान खान के इंटरव्यू का जिक्र करते हुए यह बात कही.
(फोटो-पीएमएल-एन के महासचिव अहसान इकबाल)
इमरान खान ने कहा था, 'जहां तक मैं जानता हूं कि यह आक्रामक चीज नहीं है. कोई भी देश जिसका पड़ोसी कई गुना बड़ा है, वह चिंतित रहेगा. मैं परमाणु हथियारों के बिल्कुल खिलाफ हूं. पाकिस्तान की भारत के साथ तीन बार जंग हो चुकी है. इसके बाद से पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार हैं. तब से लेकर अब तक कोई भी युद्ध भारत के साथ नहीं हुआ है.'
इमरान खान के इसी बयान का जिक्र करते हुए अहसान इकबाल ने कहा, 'बिल्ली अब अपने दड़बे से बाहर आ गई है. इमरान खान को पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को वापस लेने के लिए सत्ता में लाया गया है. यह विदेश से फंड भेजने वालों का एजेंडा है.'
अहसान इकबाल ने यह बताने की कोशिश की कि इमरान खान के इस बयान का मकसद यह संकेत देना था कि पाकिस्तान अपना परमाणु कार्यक्रम को वापस लेने को तैयार है. अहसान इकबाल ने कहा कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
अहसान इकबाल के बाद इस मसले पर पाकिस्तानी संसद में कई सांसदों ने बोला लेकिन किसी ने विशेष रूप से पीएमएल-एन नेता की टिप्पणियों का जवाब नहीं दिया.
विपक्ष ने इमरान खान को कई अन्य मसलों पर भी घेरा. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के महासचिव अहसान इकबाल ने बजट पर बोलते हुए चेतावनी दी कि वित्त विधेयक के पारित होने के बाद तेजी से मूल्य वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की दिशाहीन नीतियों के कारण पाकिस्तान आजकल 'गैर-नियोजित दौर' से गुजर रहा है.
पीएमएल-एन नेता ने खेद जताते हुए कहा कि विपक्ष का चरित्र हनन करते करते इमरान खान ने पाकिस्तान का चरित्र हनन करना शुरू कर दिया है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने भाषणों में पाकिस्तान को भ्रष्ट और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों का देश बताने पर प्रधानमंत्री को आड़े हाथों लिया. विपक्ष के नेता ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से निवेशक पाकिस्तान से कन्नी काट लेंगे.
अहसान इकबाल ने वित्त मंत्री शौकत तरीन के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान खाद्य पदार्थों का शुद्ध आयातक बन गया है. उन्होंने कहा कि 2018 में पीएमएल-एन सरकार के कार्यकाल में चीजें अलग थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि मंत्री अपने बयानों के जरिए सीपीईसी परियोजनाओं को विवादास्पद बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आज चीन 400 अरब डॉलर के पैकेज के साथ ईरान चला गया.