पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अफगानिस्तान के मसले पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन पर कटाक्ष करते हुए भारत पर भी निशाना साधा है. इमरान खान ने कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान तभी 'उपयोगी' लगता है, जब उसे अफगानिस्तान में अपनी गड़बड़ियों को ठीक करने की जरूरत होती है.
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इमरान खान ने कहा, 'पाकिस्तान को केवल उन गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए फायदेमंद समझा गया जो बीस साल तक सैन्य हल तलाश करने की वजह से फैली है, और जब रणनीतिक संबंध बनाने की बारी आई तो भारत को प्राथमिकता दी गई.'
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बैठक में मौजूद एक पत्रकार के अनुसार, इमरान खान ने कहा कि चूंकि अमेरिका ने भारत के साथ "रणनीतिक साझेदारी" करने का फैसला किया है, इसलिए वॉशिंगटन पाकिस्तान के साथ अलग तरह व्यवहार कर रहा है.
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असल में, इस्लामाबाद इस बात से नाखुश है कि जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से बाइडेन ने प्रधानमंत्री इमरान खान से बात नहीं की है. लेकिन इमरान खान ने कहा कि वह वास्तव में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के फोन कॉल का "इंतजार" नहीं कर रहे हैं. रॉयटर्स के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं सुनता रहता हूं कि राष्ट्रपति बाइडेन ने मुझे नहीं बुलाया है. यह उनका काम है. ऐसा नहीं है कि मैं किसी फोन कॉल का इंतजार कर रहा हूं."
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दरअसल, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद यूसुफ ने हाल ही में अफगानिस्तान जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों में इस्लामाबाद को महत्वपूर्ण मानने के बावजूद प्रधानमंत्री इमरान खान से संपर्क करने के लिए राष्ट्रपति बाइडेन की अनिच्छा पर निराशा व्यक्त की थी. यूसुफ ने यह भी कहा कि अगर अमेरिकी नेता पाकिस्तान नेतृत्व की अनदेखी करते रहे तो इस्लामाबाद के पास अन्य "विकल्प" भी हैं.
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हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने इस्लामाबाद को आश्वासन दिया था कि वॉशिंगटन अफगानिस्तान में शांति बहाल करने में पाकिस्तान की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानता है और चाहता है कि इस्लामाबाद वह भूमिका निभाए.
अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इस सप्ताह पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से फोन पर बात की और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की. इसके बाद, पेंटागन ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ अफगान-पाकिस्तान सीमा पर तालिबान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को बंद करने की आवश्यकता के बारे में बातचीत कर रहा है. पाक-अफगान सीमा पर पनाह लिए आतंकी अफगानिस्तान में असुरक्षा और अस्थिरता के स्रोत हैं.
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