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विश्व

अमेरिका के खिलाफ जमकर बोले पाकिस्तानी पीएम इमरान खान

Imran Khan
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पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों पर निगरानी रखने के लिए अमेरिका को अपना सैन्य अड्डा देने से लगातार इनकार कर रहा है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पाकिस्तान तालिबान को बचाने के वास्ते सैन्य अड्डा मुहैया कराने से मना कर रहा है. इस अटकलबाजी को और हवा इसलिए मिल रही है क्योंकि टोलो न्यूज के साथ इंटरव्यू में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में अशांति के लिए अकेले तालिबान को जिम्मेदार बताने को गलत करार दिया. 

अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका को सैन्य अड्डा नहीं देने की बात कही है. इमरान खान ने कहा कि अगर विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में निगरानी रखने के लिए पाकिस्तान अपना सैन्य अड्डा अमेरिका को मुहैया कराने पर राजी हुआ तो पाकिस्तान को उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. अमेरिका को सैन्य अड्डा देने पर आतंकवादी पाकिस्तान को निशाना बनाएंगे.   

(फोटो-AP)

Imran Khan
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इमरान खान ने अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट में लिखे लेख में यह बात कही है. उन्होंने अपने लेख में कहा, "हम इसे और बर्दाश्त नहीं कर सकते. हमने पहले ही बहुत भारी कीमत चुकाई है. दूसरी बात कि अगर दुनिया की सबसे ताकतवर सेना के साथ अमेरिका 20 साल बाद अफगानिस्तान के अंदर से जंग नहीं जीत सका, तो वो हमारे सैन्य ठिकानों से कैसे जीत पाएगा?"

(फोटो-AP)  

Imran Khan
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इमरान खान ने लिखा, 'पाकिस्तान अमेरिका के साथ अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए भागीदार बनने के लिए तैयार है. लेकिन जैसे-जैसे अमेरिकी सैनिक पीछे हटेंगे, हम अपने को जोखिम में डालने से बचेंगे.' 

(फोटो-Getty Images) 
 

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Imran Khan
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इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका की लंबे समय से पीड़ित देश (अफगानिस्तान) में समान दिलचस्पी थी; दोनों देश अफगानिस्तान में राजनीतिक समझौता, स्थिरता, आर्थिक विकास चाहते हैं. अमेरिका और पाकिस्तान चाहते हैं कि अफगानिस्तान आतंकवादियों के लिए पनाहगाह न बने. 

(फोटो-Getty Images) 

Imran Khan
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इमरान खान ने अफगानिस्तान में बनने वाली सरकार में तालिबान को शामिल करने की हिमायत की. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, "हम अफगानिस्तान के किसी भी सैन्य अधिग्रहण का विरोध करते हैं. यह सिर्फ दशकों के गृहयुद्ध का कारण बनेगा. तालिबान भी पूरे देश पर जीत हासिल नहीं कर सकता है. लिहाजा, तालिबान को बनने वाली सरकार में हिस्सेदार बनाया जाना चाहिए." 

(फोटो-Getty Images) 

Imran Khan
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इमरान खान ने कहा कि अतीत में, पाकिस्तान ने आपस में लड़ रहे अफगानी गुटों के बीच एक पक्ष लेकर गलती की थी, लेकिन हमने उस अनुभव से सीखा है. पाकिस्तानी पीएम ने कहा, 'हम अब किसी के पक्षधर नहीं हैं. अफगान लोगों द्वारा चुनी गई सरकार के साथ हम काम करने को तैयार हैं. इतिहास के पन्ने बताते हैं कि अफगानिस्तान को कभी भी बाहर से नियंत्रित नहीं किया जा सका है.'

(फोटो-AP)  

Imran Khan
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प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि अफगानिस्तान में होने वाली जंग से पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ है. अफगानिस्तान में युद्ध के चलते पाकिस्तान को होने वाले नुकसान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, " अफगानिस्तान में जंग के चलते 70 हजार से अधिक पाकिस्तानी मारे गए हैं. हालांकि अमेरिका ने 20 अरब डॉलर की मदद दी है. लेकिन पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को 150 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है. पर्यटन उद्योग को मार झेलनी पड़ी और देश में विदेशी निवेश आना बंद हो गया."

(फोटो-Getty Images) 

Imran Khan
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इमरान खान के कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिकी कार्रवाइयों का समर्थन करने की वजह से पाकिस्तान भी आतंकवादियों के निशाने पर आ गया. इमरान खान ने लिखा, "अमेरिकी अभियान में शामिल होने के बाद पाकिस्तान को एक सहयोगी के रूप में निशाना बनाया गया. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और अन्य आतंकी गुटों ने पाकिस्तान को निशाना बनाया. हमारी चेतावनी के बावजूद अमेरिका ने ड्रोन हमले किए. इससे कुछ हासिल नहीं हुआ. युद्ध में जीत नहीं मिली बल्कि ड्रोन हमले से अमेरिकियों के लिए नफरत पैदा हुई. आतंकी गुट दोनों देशों के खिलाफ भड़क उठे." 

(फोटो-Getty Images) 

Imran Khan
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इमरान खान ने लिखा, इस झूठी उम्मीद में कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, अमेरिका ने पहली बार पाकिस्तान पर अफगानिस्तान की सीमा से लगे अर्ध-स्वायत्त कबायली इलाकों में सेना भेजने के लिए दबाव डाला. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, "इससे कुछ हासिल नहीं हुआ, लेकिन इसने कबायली इलाकों की आधी आबादी को आंतरिक रूप से विस्थापित होना पड़ा. अकेले उत्तरी वज़ीरिस्तान में दस लाख लोग विस्थापित हुए. अरबों डॉलर का नुकसान हुआ और गांव के गांव तबाह हो गए. उस घुसपैठ में नागरिकों को क्षति हुई. पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आत्मघाती हमले बढ़ गए. अफगानिस्तान, इराक में अमेरिकी सैनिकों की तुलना में आत्मघाती हमले में अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए. पाकिस्तान के खिलाफ और अधिक आतंकवाद पनपा. अकेले खैबर पख्तूनख्वा में 500 पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई." 

(फोटो-Getty Images) 

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Imran Khan
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इमरान खान ने कहा कि अगर राजनीतिक समझौते के बजाय अफगानिस्तान में और गृहयुद्ध होता है, तो पाकिस्तान में शरणार्थियों की संख्या बढ़ेगी और इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में गरीबी और बढ़ेगी. 

(फोटो-Getty Images) 

Imran Khan
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इमरान ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान और अमेरिका के हित समान हैं. उन्होंने कहा, "हम (अमेरिका और पाकिस्तान) शांति की बहाली चाहते हैं, गृहयुद्ध नहीं. दोनों देशों का मकसद स्थिरता और आतंकवाद का खात्मा है. हम अफगानिस्तान में विकास के लिए होने वाले करार का समर्थन करते हैं. और हम आर्थिक विकास चाहते हैं, और हमारी अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए मध्य एशिया में व्यापार और कनेक्टिविटी में वृद्धि हुई है. अगर आगे गृहयुद्ध हुआ तो हम सभी नाले में जाएंगे."

(फोटो-AP)
 

Imran Khan
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इमरान खान ने कहा, "यही कारण है कि हमने अमेरिकियों और अफगान सरकार के साथ तालिबान को बातचीत के दायरे में लाने के लिए कूटनीतिक कदम उठाए हैं. हम जानते हैं कि यदि तालिबान इसे एक सैन्य जीत बताने की कोशिश करता है तो यह अंतहीन रक्तपात की ओर ले जाएगा." पीएम इमरान ने कहा, "हमें उम्मीद है कि अफगान सरकार भी बातचीत में और लचीलापन दिखाएगी, और पाकिस्तान को दोष देना बंद करगी, क्योंकि हम वह सब कुछ कर रहे हैं जिससे सैन्य कार्रवाई से कम हो."

(फोटो-AP)

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