विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान से निपटने के मसले पर पाकिस्तान ने अमेरिकी प्रयासों को झटका दिया है. नाटो सहित विदेशी सैनिकों की 11 सितंबर 2021 तक वापसी के बाद भी अमेरिका अफगानिस्तान में तालिबान पर निगरानी रखने के लिए पाकिस्तान से एयरबेस की मांग कर रहा है. लेकिन पाकिस्तान ने दो टूक कहा है कि वो अमेरिका को अफगानिस्तान में किसी भी कार्रवाई के लिए अपने सैन्य अड्डे या अपने क्षेत्र के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देगा.
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प्रधानमंत्री इमरान खान ने दो टूक कहा है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में किसी भी प्रकार की कार्रवाई के लिए अमेरिका को अपना कोई एयरबेस अथवा अपने क्षेत्र के इस्तेमाल की 'कतई इजाजत' नहीं देगा.
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अमेरिका को एयरबेस मुहैया करान के सवाल को लेकर प्रधानमंत्री इमरान खान ने एचबीओ पर Axios के साथ इंटरव्यू में कहा, 'बिल्कुल नहीं. ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हम किसी भी ठिकाने, पाकिस्तानी क्षेत्र से अफगानिस्तान में किसी भी प्रकार की कार्रवाई की अनुमति देने जा रहे हैं. बिल्कुल नहीं.'
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यह इंटरव्यू Axios की वेबसाइट पर रविवार को प्रसारित होगा. इंटरव्यू करने वाले जोनाथन स्वान ने इमरान खान से सवाल किया, "क्या आप अमेरिकी सरकार को अल-कायदा, आईएसआईएस या तालिबान के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करने के लिए पाकिस्तान में सीआईए को ठहरने की अनुमति देंगे?
जोनाथन स्वान इमरान खान के 'बिल्कुल नहीं' सीधा सपाट वाले जवाब से हैरान रह गए. उन्होंने दोबारा अपने सवालों के जवाब की पुष्टी के लिए पूछा....'सिरियसली'.
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HBO पर प्रसारित होने वाला Axios एक डॉक्यूमेंट्री कार्यक्रम है. इसमें एचबीओ फिल्म निर्माताओं की विशेषज्ञता के साथ एक्सियोस के पत्रकारों की रिपोर्टिंग प्रसारित होती है. इसमें तकनीक, मीडिया, व्यापार और राजनीति से संबंधी कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं. इस कार्यक्रम के तहत पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, सुंदर पिचाई, एलोन मस्क, मैरी बर्रा, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, एंड्रयू यांग और कमला हैरिस जैसे लोगों के इंटरव्यू प्रसारित हो चुके हैं.
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हाल ही में संसद में अपने संबोधन में पाकिस्तान विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए अमेरिका को सैन्य ठिकाने मुहैया कराने की संभावना से इनकार किया था. कुरैशी ने इस आशय की रिपोर्टों को निराधार बताते हुए कहा था कि सरकार कभी भी अमेरिका को सैन्य ठिकाने नहीं देगी और न ही पाकिस्तान के अंदर से अफगानिस्तान में ड्रोन हमलों की अनुमति देगी.
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एक कैबिनेट ब्रीफिंग में, सूचना मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने भी पाकिस्तान में अमेरिका को कोई भी एयरबेस देने की संभावना से इनकार किया था. उनका कहना था कि यह पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार थी जिसने अतीत में अमेरिका को दी गई 'ड्रोन निगरानी' सुविधा को खत्म कर दिया. फवाद चौधरी ने कहा था कि सभी एयरबेस पाकिस्तान के उपयोग में हैं. अभी, इस संबंध में कोई बातचीत नहीं चल रही है क्योंकि पाकिस्तान किसी भी देश को कोई एयरबेस नहीं दे सकता है.
इससे पहले जून में, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने पुष्टि की थी कि अफगानिस्तान में निगरानी रखने के लिए एयरबेस के इस्तेमाल को लेकर पाकिस्तान के साथ सैन्य, खुफिया और राजनयिक चैनलों के जरिये अमेरिकी की बातचीत चल रही है.
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