scorecardresearch
 
Advertisement
विश्व

सेना को ललकारने वाले पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर पर घिर गई इमरान सरकार

Hamid Mir
  • 1/13

पाकिस्तान के सीनियर पत्रकार हामिद मीर को न्यूज पढ़ने से रोकने को लेकर इमरान खान सरकार और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा सवालों के घेरे में आ गए हैं. हामिद मीर के कार्यक्रम ऑफ एयर किए जाने की चारों तरफ निंदा हो रही है. पाकिस्तान के विपक्षी दल, एमनेस्टी इंटरनेशनल साउथ एशिया, मानवाधिकर संगठन, पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट जैसे संगठनों ने हामिद मीर के प्रति समर्थन जाहिर किया है और कार्यक्रम रोके जाने की निंदा की है.

(फोटो-AP)

Hamid Mir
  • 2/13

असल में, पाकिस्तान में पत्रकारों को लगातार निशाना बनाए जाने के खिलाफ बोलने पर सीनियर जर्नलिस्ट हामिद मीर को प्रोग्राम करने से रोक दिया गया है. पाकिस्तान के जिओ न्यूज के लिए काम करने वाले हामिद मीर एक दूसरे पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ सेना और सरकार के खिलाफ लगातार मुखर थे. हामिद मीर एक दूसरे पत्रकार की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. कुछ दिनों पहले उन्होंने एक रैली का भी नेतृत्व किया था जिसमें उन्होंने इमरान खान सरकार और सेना को आड़े हाथों लिया था. 

(फोटो-Getty Images)

Hamid Mir
  • 3/13

हामिद मीर ने बताया कि सोमवार शाम को जियो न्यूज पर प्रसारित होने वाले लोकप्रिय कार्यक्रम 'कैपिटल टॉक' को पेश करने से उन्हें रोक दिया गया. अलजजीरा से बातचीत में उन्होंने बताया, 'जियो मैनेजमेंट ने उन्हें बताया कि वो इस कार्यक्रम की मेजबानी नहीं कर पाएंगे. मैनजमेंट का कहना है कि ऊपर से बहुत दबाव है (पिछले हफ्ते सरकार के खिलाफ बयान देने के बाद से). हालांकि मैनेजमेंट ने यह नहीं बताया कि यह दबाब कौन डाल रहा है.'

(फोटो-Getty Images)

Advertisement
Hamid Mir
  • 4/13

इस कदम का कारण बताते हुए जियो न्यूज के प्रबंधन ने पुष्टि की है कि मीर को ऑफ-एयर कर दिया गया है और वह शो की मेजबानी नहीं करेंगे. इस घटनाक्रम से वाकिफ सूत्रों का कहना है कि जियो न्यूज पर हामिद मीर को नौकरी से हटाने का दबाव है.

(फोटो-Getty Images)
 

 Hamid Mir
  • 5/13

हामिद मीर को ऐसा होने का पहले से ही संदेह था. उन्होंने ट्वीट किया, इस तरह का प्रतिबंध उनके लिए नया नहीं है क्योंकि उन पर पहले भी दो बार प्रतिबंध लगाया जा चुका है. यही कारण है कि उन्हें दो बार अपनी नौकरी तक खोनी पड़ी है. हामिद मीर ने कहा, मेरी हत्या करने का भी प्रयास किया गया, लेकिन मैं बच गया. हम संविधान में दिए गए अधिकारों के लिए आवाज उठाना बंद नहीं कर सकते. इस बार मैं किसी भी नतीजे के लिए तैयार हूं और किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हूं क्योंकि वे मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं.

(फोटो-Getty Images)

 

Hamid Mir
  • 6/13

असल में, पिछले सप्ताह स्वतंत्र पाकिस्तानी पत्रकार असद अली तूर पर तीन अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था. उनके इस्लामाबाद स्थित घर पर मारपीट करने के बाद हमलावरों ने असद अली तूर को सरकार के खिलाफ न बोलने की धमकी दी थी. असद अली तूर लगातार सरकार और सेना के खिलाफ लिखते-बोलते रहे हैं.

  
 

 

Hamid Mir
  • 7/13

हामिद मीर ने कुछ दिनों पहले एक रैली का भी नेतृत्व किया था जिसमें उन्होंने इमरान खान सरकार और सेना के खिलाफ तीखा हमला बोला था. बीते शुक्रवार को इस्लामाबाद में एक रैली में अपने भाषण में हामिद मीर ने पाकिस्तान में पत्रकारों पर हाल के हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों की शिनाख्त किए जाने की बात कही थी. उन्होंने पत्रकारों पर हमलों में पाकिस्तानी सेना का हाथ बताया. इस दौरान हामिद मीर ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का भी नाम लिया था.

(फोटो-AP)

Hamid Mir
  • 8/13

रैली को संबोधित करते हुए हामिद मीर ने कहा था, 'यदि आप हमारे घरों में घुसकर हमें मारपीट रहे हैं, तो ठीक है, हम आपके घरों में नहीं घुस सकते क्योंकि आपके पास टैंक और बंदूकें हैं, लेकिन हम आपके घरों के अंदर की चीजों को सार्वजनिक कर सकते हैं." हामिद मीर ने सेना की तमाम मामलों में संलिप्तता का हवाला देते हुए यह बात कही थी.

(फोटो-Getty Images)
 

Hamid Mir
  • 9/13

ओसामा बिन लादेन का इंटरव्यू कर चुके हामिद मीर पर 2014 में हमला हुआ था जिसमें वह बच गए थे. दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी सेना की ज्यादतियों पर केंद्रित एक कार्यक्रम करने के तुंरत बाद हामिद मीर पर गोली चली थी. 

(फोटो-Getty Images)

Advertisement
Hamid Mir
  • 10/13

हामिद मीर पर हमले के खिलाफ पाकिस्तानी पत्रकारों ने विरोध जताया है. पाकिस्तान में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के प्रतिनिधि इकबाल खट्टक ने कहा, 'पाकिस्तान में लिखने-बोलने का दायर सिमटता जा रहा है. मैं तो कहूंगा कि यह बिल्कुल खत्म हो रहा है. जब आप काम नहीं कर रहे होते तब भी बोलने की इजाजत नहीं होती है.' उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हम सही साबित हुए हैं कि स्टेट और सरकार कुछ मीडिया घरानों की संपादकीय स्वतंत्रता को प्रभावित करने के लिए दबाव डाल रहे हैं." खट्टक ने कहा कि पाकिस्तान में उन पत्रकारों को निशाना बनाया गया जिन्होंने सरकार की नीतियों और सेना के खिलाफ आवाज उठाई है.

(फोटो-Getty Images)

 

 Hamid Mir
  • 11/13

विपक्षी दल भी हामिद मीर के समर्थन में सामने आए हैं. सबसे बड़े विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा, "हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ इस तरह के मनमाने फैसलों की निंदा करते हैं और पत्रकारों को चुप कराने के लिए सभी दबावों का विरोध करते हैं. हम हामिद मीर के साथ खड़े हैं." कुछ हफ्ते पहले 'अज्ञात' हमलावरों की गोली से घायल हुए पत्रकार अबसार आलम ने ट्वीट किया, "किसी के परिवार को धमकाना शर्मनाक है. अगर किसी को हामिद मीर के खिलाफ शिकायत है, तो उस शख्स को असंवैधानिक रास्ते का सहारा लेने के बजाय कानूनी रास्ते का पालन करना चाहिए. यह फासीवादी कृत्य है."

(फोटो-AP)


 

 

pakistan
  • 12/13

हामिद मीर को एंकरिंग से रोके जाने पर जंग/जियो ग्रुप की ओर से आधिकारिक बयान भी सामने आया है. ग्रुप की ओर से कहा गया है कि एडिटोरियल कमेटी और वकील नीति और कानून के उल्लंघन की जांच करेंगे. तब तक ‘कैपिटल टाक शो’  को अस्थायी होस्ट की ओर से संचालित किया जाएगा. 

जियो टीवी की वेबसाइट पर प्रकाशित ग्रुप के बयान में कहा गया है, हम अपने दर्शकों और पाठकों को याद दिलाना चाहते हैं कि जियो और जंग ग्रुप को बंद किया गया, हमारे पत्रकारों को पीटा गया, भ्रष्टाचार, ईशनिंदा, गद्दारी के सैकड़ों झूठे आरोप लगाए गए, गोली चलाई गईं, वित्तीय तौर पर दबाया गया. ये देश में किसी भी और मीडिया संगठन की तुलना में ज्यादा किया गया. संगठन ने दर्शकों और पाठकों को सूचित रखने के लिए दस अरब रुपए से ज्यादा का नुकसान सहा.”  

pakistan
  • 13/13

बयान में आगे कहा गया, “हालांकि ग्रुप और इसके एडिटर्स के लिए ये मुश्किल हो गया है कि जो कंटेंट इसके एडिटर्स के क्षेत्र, इनपुट और गाइडेंस के बाहर डिलिवर किया गया हो, उस कंटेंट का स्वामित्व (ओनरशिप) अपने ऊपर ले, ऐसा कंटेंट जिसका एडिटोरियल टीम्स ने फैक्ट चेक न किया हो और मंजूरी न दी हो.”  जंग/जियो ग्रुप के बयान में कहा गया है, सहयोगी पत्रकारों पर हमले किए जाने को लेकर हामिद मीर और अन्य पत्रकार जो गुस्सा, निराशा और हताशा महसूस कर रहे हैं वो साझा और गंभीर चिंता का विषय है लेकिन बेहतर रास्ते और तरीके ये हैं कि कैसे उस ऊर्जा को पत्रकारिता और पत्रकारों की सुरक्षा के उत्पादक फायदे के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.”  

जियो टीवी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक बयान में कहा गया है, पाकिस्तान में अपनी स्वतंत्रता के लिए कई सारे पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई जबकि जनता के जानने के अधिकार के लिए उनकी लड़ाई जारी है.  पाकिस्तान फेडरल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (PFUJ), ह्यूमन राइट्स कमीशन, पाकिस्तान बार एसोसिएशन्स, PBA, APNS, AEMEND, CPNE के साथ साथ इंटरनेशनल ह्यूमन एंड मीडिया राइट्स संगठनों ने कई मौकों पर जोर दिया है कि सरकार को पूर्व-सक्रिय होकर पत्रकारों की सुरक्षा करनी चाहिए लेकिन अभी तक इस बारे में कोई राहत सामने नहीं आ सकी है. 
 

Advertisement
Advertisement