फिलिस्तीन ने इजरायल से कोरोना वैक्सीन लेने के करार को रद्द कर दिया है. इजरायल और फिलिस्तीन में फाइजर की 14 लाख डोज के लिए डील हुई थी. लेकिन फिलिस्तीन अथॉरिटी ने इस करार को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि इजरायल से मिली कोरोना वैक्सीन तुरंत ही एक्सपायर होने वाली है.
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हालांकि दोनों पक्षों के करार में ये शामिल था कि इजरायल, फिलिस्तीन को वो वैक्सीन देगा जो जल्दी ही एक्सपायर होने वाली हैं. लेकिन अब फिलिस्तीन का कहना है कि समझौते में कहा गया था कि इजरायल से मिलने वाली वैक्सीन जुलाई या अगस्त तक एक्सपायर होंगी लेकिन जब पहली खेप मिली तो पता चला कि उनके इस्तेमाल की मियाद इसी महीने जून में ही खत्म हो रही है.
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असल में, इजरायल और फिलिस्तीन में शुक्रवार को वैक्सीन डील हुई थी. इसके तहत इजरायल फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन की 14 लाख खुराक फिलिस्तीन को देने वाला था, और शर्त यह थी कि बाद में फिलिस्तीन ये वैक्सीन इस साल के अंत तक इजरायल को लौटा देगा. लेकिन फिलिस्तीन ने अब कहा है कि इजरायल ने वेस्ट बैंक के लिए वैक्सीन की जो पहली खेप भेजी है वो जल्दी ही एक्सपायर होने वाली है. यह उन मानकों के खिलाफ है जो समझौता के दौरान सुनिश्चित किए गए थे.
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रॉयटर्स के मुताबिक इजरायली प्रधानमंत्री नेफ्टाली बेनेट के कार्यालय ने बयान जारी कर ऐलान किया था कि फिलिस्तीन को दी जाने वालीं वैक्सीन जल्द ही 'एक्सपायर' होने वाली हैं. लेकिन अब फिलिस्तीनी अथॉरिटी (पीए) ने कहा है कि उन्होंने वेस्ट बैंक और गाजा में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को रफ्तार देने के लिए इजरायल के साथ वैक्सीन समझौते को मंजूरी दी थी. इसी वजह से उन्होंने इजरायल से यह समझौता किया था, लेकिन वैक्सीन की एक्सपायरी डेट इतनी कम है कि उनके इस्तेमाल के लिए वक्त ही नहीं मिल पाएगा.
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फिलिस्तीन की स्वास्थ्य मंत्री माई अलकैला ने पत्रकारों से बातचीत में बताया, 'उन्होंने (इजरायल) हमें बताया था कि वैक्सीन की एक्सपायरी डेट जुलाई या अगस्त है, जिससे टीकाकरण के लिए काफी समय था. लेकिन जब पहली खेप मिली तो पता चला कि वैक्सीन इसी महीने एक्सपायर हो रही हैं. इसलिए टीकाकरण के लिए हमें पर्याप्त समय ही नहीं मिल पाएगा. लिहाजा, हमने समझौते को नाकार दिया.'
(फिलिस्तीन की स्वास्थ्य मंत्री माई अलकैला, फोटो-@PalestinePDP)
फिलिस्तीन अथॉरिटी ने बताया कि एक्सपायरी डेट के चलते दोनों पक्षों के बीच वैक्सीन डील रद्द कर दी गई. इजरायल ने पहली खेप में करीब 90,000 डोज फिलिस्तीन को भेजी थी, उसे वापस लौटा दिया गया है. इजरायल से इस समझौते की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर फिलिस्तीनी अधिकारियों की भारी आलोचना हुई थी. कई लोगों का कहना था कि इजरायल से मिली वैक्सीन प्रभावी नहीं होंगी. हालांकि अभी तक इजरायल की तरफ से आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
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असल में, मानवाधिकार समूहों ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा में शिथिल वैक्सीनेशन पर इजरायल की आलोचना की थी, जबकि इजरायल अपने नागरिकों का तेजी से टीकाकरण करा रहा है. इजरायल ने 1967 की जंग में वेस्ट बैंक पर कब्जा कर लिया था. इजरायल के अधिकारियों का तर्क था कि ओस्लो शांति समझौते के तहत गाजा और वेस्ट बैंक के कुछ हिस्सों में लोगों के टीकाकरण की जिम्मेदारी फिलिस्तीन की है.
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इजरायल ने शुक्रवार को कहा था कि वह जल्द ही एक्सपायर होने वाले कोरोना वायरस टीकों की लगभग 1 मिलियन खुराक फिलिस्तीनी प्राधिकरण को हस्तांतरित करेगा. इसके बदले में फिलिस्तीनियों को इस वर्ष के अंत में उतनी ही खुराक लौटानी थी. वैक्सीन डील नेफ्टाली बेनेट की फिलिस्तीनियों की ओर प्रारंभिक नीतिगत कदमों में से एक था. उन्होंने रविवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी.
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इजरायल में 55 फीसदी लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, वेस्ट बैंक और गाजा में 5.2 मिलियन लोगों में लगभग 30% पात्र फिलिस्तीनियों को कम से कम एक वैक्सीन की खुराक मिली है.
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फ़िलिस्तीनी सेंटर फ़ॉर पॉलिसी एंड सर्वे रिसर्च द्वारा मंगलवार को जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार, 40% फ़िलिस्तीनी वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद लेने के लिए तैयार हैं, जबकि 35% का कहना है कि वे और उनके परिवार टीकाकरण के लिए तैयार नहीं हैं. फिलिस्तीनियों को इज़रायल, रूस, चीन, संयुक्त अरब अमीरात और वैश्विक COVAX वैक्सीन-साझाकरण पहल से वैक्सीन की खुराक मिली है.
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