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विश्व

इजरायल में नेफ्टाली बेनेट के आने को लेकर फिलिस्तीन में बढ़ी हलचल

Naftali Bennett
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इजरायल में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू के दौर का अब अंत होता नजर आ रहा है. बेंजामिन नेतन्याहू के बहुमत न साबित करने पाने पर यामिना पार्टी के नेफ्टाली बेनेट ने इजरायल में सरकार गठन का दावा किया है. नेफ्टाली बेनेट फिलिस्तीन को लेकर नेतन्याहू से भी ज्यादा आक्रामक हैं, ऐसे में उनके प्रधानमंत्री बनने के कयास से फिलिस्तीन में भी हलचल है.

(फोटो-AP)

Naftali Bennett
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बेंजामिन नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी और वेस्ट बैंक के प्रमुख नेता नेफ्टाली बेनेट इजरायल में नई गठबंधन सरकार के मुखिया होंगे. नेफ्टाली ने मध्यमार्गी येर लेपिड के साथ जाने का फैसला किया. हालांकि, विचारधारा के स्तर पर दोनों की सोच अलग है. दोनों नेताओं के बीच बुधवार रात गठबंधन सरकार को लेकर अंतिम निर्णय लिया गया. 

(फोटो-Getty Images)

Naftali Bennett
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हालांकि, फिलिस्तीनियों का कहना है कि इजरायल की सत्ता में कोई भी आए, उनका फिलिस्तीनियों के अधिकारों को लेकर रुख एक सा रहता है. कब्जे वाले वेस्ट बैंक और गाजा में कई फिलिस्तीनियों ने इजरायल सरकार में बदलाव को खारिज कर दिया है. फिलिस्तीनियों का कहना है कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हटने के बाद राष्ट्रवादी नेता उसी दक्षिणपंथी एजेंडे पर काम करेंगे, जो उनके पूर्ववर्ती नेता करते रहे हैं. अलजजीरा के मुताबिक, फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के प्रतिनिधि बासेम अल-सल्ही ने कहा कि नेफ्टाली बेनेट बेंजामिन नेतन्याहू से अलग नहीं हैं. उन्होंने कहा, 'वह (नेफ्टाली बेनेट) यह साबित करना चाहेंगे कि वो फिलिस्तीन को लेकर कितने आक्रामक हैं.' 

(फोटो-AP)

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 Naftali Bennett
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नेफ्टाली बेनेट वेस्ट बैंक के उन हिस्सों पर कब्जा करने के प्रबल समर्थक रहे हैं जिस पर इज़रायल ने 1967 के युद्ध में कब्जा कर लिया था. हालांकि, हाल के दिनों में नेफ्टाली बेनेट ने यथास्थिति को जारी रखने का प्रस्ताव रखा था, जिसमें फिलिस्तीनियों के लिए शर्तों में कुछ ढील देने की वकालत की गई है.

(फोटो-Getty Images)

Naftali Bennett
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नेफ्टाली बेनेट का कहना था, 'इस संदर्भ में मेरी सोच संघर्ष को कम करने की है. हम इसका समाधान नहीं कर पाएंगे. लेकिन जहां भी हम (स्थितियों में सुधार) कर सकते हैं - मतभेद वाले बिन्दुओं, जीवन की गुणवत्ता, अधिक व्यवसाय, अधिक उद्योग-हम ऐसा करेंगे.' 

(फोटो-Getty Images)
 

Naftali Bennett
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गंभीर बदलाव की जरूरतः गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास का कहना है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इजरायल में कौन सत्ता में है. हमास के प्रवक्ता हजम कासिम ने कहा, 'पूरे इतिहास के दौरान फिलिस्तीनियों ने दर्जनों इजरायली सरकारों को देखा है, भले ही वे दक्षिणपंथी हों, वामपंथी हों, मध्यमार्गी हों या चाहें आप उन्हें जो कह लें. लेकिन जब हमारे फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों की बात आती है तो वे सभी दुर्भावनापूर्ण रवैया दिखाते हैं और उन सभी की विस्तारवाद की शत्रुतापूर्ण नीतियां रही हैं.'

(फोटो-AP)

Naftali Bennett
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पूर्वी यरुशलम के कब्जे वाले इलाके में रहने वाले फिलिस्तीनी राष्ट्रवादी बालाद पार्टी के नेता सामी अबू शेहादेह ने बताया कि यह मुद्दा नेतन्याहू के "व्यक्तित्व" का नहीं है, बल्कि उन नीतियों का है जो इज़रायल अपनाता है. सामी अबू शेहादेह ने कहा, 'सत्ता में कौन आता है, कौन जाता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. हमें फिलिस्तीन को लेकर इजरायल की नीतियों में गंभीर बदलाव की जरूरत है. नेतन्याहू के आने से पहले हालात बहुत खराब थे. लेकिन इजरायल अपनी अड़ियल नीतियों पर जोर देता रहेगा तो ये स्थिति आगे और खराब होती जाएगी. इसलिए हम इस सरकार (नए गठबंधन) का विरोध करते हैं.'

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Naftali Bennett
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पीएलओ की कार्यकारी समिति की पूर्व सदस्य हनान अशरावी ने कहा कि नेतन्याहू के इतने वर्षों के शासन में "नस्लवाद, अतिवाद, हिंसा और अराजकता की अंतर्निहित व्यवस्था" कायम थी. उन्होंने ट्वीट किया, 'नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी (नेफ्टाली बेनेट) पुरानी स्थिति को ही आगे बढ़ाएंगे.' उन्होंने कहा, नेतन्याहू युग के अंत के बावजूद अब भी नस्लवाद, उग्रवाद, हिंसा, अराजकता, विस्तारवाद और विलय की अंतर्निहित प्रणालियां कायम हैं. उनके पूर्व साथी उनकी विरासत को बनाए रखेंगे. इस विरासत को चुनौती देने और बदलने की कवायद प्रगतिशील ताकतों पर निर्भर करती है.

(फोटो-Getty Images)


 

 

palestinian
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अन्य फिलिस्तीनियों ने भी यही बात दोहराई. गाजा में सरकारी कर्मचारी 29 साल के अहमद रिजिक ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, 'इजरायली नेताओं में कोई अंतर नहीं है. वे अपने देश के लिए अच्छे या बुरे हो सकते हैं और जब हमारी बात आती है तो वे सभी एक जैसे ही बुरे होते हैं...और वे सभी फिलिस्तीनियों को उनके अधिकार और उनकी जमीन देने से इनकार करते हैं.'

(फोटो-AP)

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Naftali Bennett
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इजरायल में 23 मार्च को हुए चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. इजरायली संसद में न तो नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और न उनके सहयोगी और न ही उनके विरोधी बहुमत हासिल कर पाए. पिछले दो साल में इजरायल में दो राष्ट्रीय चुनाव हो चुके हैं लेकिन किसी को भी सरकार बनाने में कामयाबी नहीं मिल पाई है. नेफ्टाली बेनेट की यामिना पार्टी को पिछले आम चुनाव में कुछ ही सीटों पर ही जीत मिली थी. उनकी पार्टी सात सांसदों के साथ पांचवें पायदान पर है, मगर मौजूदा सियासी हालात में वह किंगमेकर की भूमिका में हैं. यामिना पार्टी के साथ ही तीन और पार्टियां हैं, जिनके सात-सात सांसद हैं.

(फोटो-Getty Images)

Naftali Bennett
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नेफ्टाली बेनेट का समर्थन इजरायल में सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी खेमे के पास बहुमत नहीं है. अगर कोई गठबंधन सरकार बनती है तो उनके बिना नहीं बनेगी. बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बात नहीं बनी तो नेफ्टाली बेनेट ने मध्यमार्गी येर लेपिड के साथ गठबंधन बनाने का फैसला किया है. 

(फोटो-Getty Images)
 

Mansour Abbas
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इस नई गठबंधन सरकार की शर्तों के अनुसार, नेफ्टाली बेनेट सितंबर 2023 तक प्रधानमंत्री रहेंगे. उसके बाद लेपिड प्रधानमंत्री बनेंगे और नवंबर 2025 तक रहेंगे. यह समझौता रा'म (Ra'am) पार्टी के नेता मंसूर अब्बास के साथ आने से हुआ. यह पहली बार होने जा रहा है जब इस्लामिक पार्टी सत्ताधारी गठबंधन का हिस्सा बनने जा रही है.

मंसूर अब्बास ने बेनेट के साथ मतभेदों को दरकिनार कर दिया है और कहा है कि वह भेदभाव और सरकारी उपेक्षा की शिकायत करने वाले फिलीस्तीनी नागरिकों के लिए स्थितियों में सुधार की उम्मीद करते हैं. लेकिन मंसूर अब्बास के फैसले की वेस्ट बैंक और गाजा में आलोचना हो रही है. गाजा के लोगों का कहना है जब मंसूर अब्बास से फिलिस्तीनियों से संघर्ष के लिए वोट करने को कहा जाएगा तो वे क्या करेंगे. क्या वह यह स्वीकार करेंगे कि वह फिलिस्तीनियों की हत्या में हिस्सेदार हैं.

(फोटो-AP)

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