मनमोहन सिंह ने कहा, ‘हमने तीस्ता और फेनी नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर पारस्परिक तौर पर स्वीकार्य, उपयुक्त और सौहार्दपूर्वक समझौते पर पहुंचने के लिए विचार विमर्श जारी रखने का फैसला किया है.’
दोनों पक्षों को सिंह की यात्रा के दौरान नदी जल के बंटवारे पर हस्ताक्षर करने थे लेकिन समझौते के मसौदे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कड़ी आपत्ति के कारण अंतिम समय में भारत को इससे पीछे हटना पड़ा.
तीस्ता नदी पर अंतरिम समझौते पर पहुंचने में असफलता को लेकर बांग्लादेश की संवेदनशीलता से वाकिफ सिंह ने कहा, ‘हमारी साझा नदियों को असंतोष की वजह नहीं बनना चाहिए बल्कि उन्हें हमारे दोनों देशों की समृद्धि का अग्रदूत होना चाहिए.’
तीस्ता नदी जल संधि को अंतिम समय में वार्ता से हटा दिये जाने से अप्रसन्न बांग्लादेश को संतुष्ट करने के कदम के तहत सिंह ने बांग्लादेश से 61 वस्तुओं के भारतीय बाजारों में शुल्क मुक्त आयात को तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा की. इसके अलावा बांग्लादेशियों को तीन बीघा गलियारे से 24 घंटे आवाजाही की इजाजत दी.
बांग्लादेश की अपनी समकक्ष शेख हसीना से मुलाकात करने वाले सिंह ने हालांकि कहा कि दोनों देशों ने फैसला किया है कि वे तीस्ता और फेनी नदियों के पानी के बंटवारे को लेकर पारस्परिक तौर पर सहमति वाले, उपयुक्त और सौहार्दपूर्ण समझौते पर पहुंचने के लिए चर्चा जारी रखेंगे.
भारत और बांग्लादेश ने लंबे समय से चली आ रही सीमा समस्या को उस समय हल कर लिया जब दोनों देशों ने जमीनी सीमा के सीमांकन और एक दूसरे के देश के 162 इलाकों के आदान प्रदान पर ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किये. लेकिन तीस्ता और फेनी नदी जल के बंटवारे पर कोई समझौता नहीं होने से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पहली यात्रा की चमक फीकी पड़ गयी.