प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 4 जुलाई को अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को शुभकामनाएं दीं. लेकिन तीन दिन पहले 1 जुलाई को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के 100 साल पूरे होने पर भारत ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को कोई बधाई संदेश नहीं भेजा. माना जा रहा है कि भारत ने इस चुप्पी के जरिये चीन से कड़ा संदेश भेजा है.
(फोटो-PTI)
पीएम मोदी ने रविवार सुबह ट्वीट किया, 'राष्ट्रपति जो बाइडेन और अमेरिका के लोगों को उनके 245वें स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. जीवंत लोकतंत्र के रूप में, भारत और अमेरिका स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के मूल्यों को साझा करते हैं. हमारी रणनीतिक साझेदारी का वास्तव में वैश्विक महत्व है.'
(फोटो-PTI)
Warm felicitations and greetings to @POTUS @JoeBiden and the people of the USA on their 245th Independence Day. As vibrant democracies, India and USA share values of freedom and liberty. Our strategic partnership has a truly global significance.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2021
असल में, 1 जुलाई को चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी स्थापना के 100 साल पूरे किए. इस अवसर पर पूरे चीन में जश्न मनाया गया. लेकिन इस मौके पर न तो भारत सरकार ने और न ही किसी भारतीय राजनीतिक दल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी कोई बधाई संदेश भेजा. बीजेपी, कांग्रेस के साथ-साथ अन्य सियासी दलों ने भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के शताब्दी वर्ष पर शुभकामना संदेश भेजने का शिष्टाचार निभाने से खुद को दूर रखा. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी ने फरवरी में वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी को उसकी सालगिरह पर बधाई भेजी थी. लेकिन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से दूरी बना ली.
(फोटो-PTI)
सिर्फ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के महासचिव सीताराम येचुरी ने इस अवसर पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बधाई पत्र भेजा. सीताराम येचुरी ने पत्र में मार्क्सवाद-लेनिनवाद को एक "रचनात्मक विज्ञान" बताया. शी जिनपिंग की कम्युनिस्ट पार्टी चीन के विकास के लिए इसी लाइन पर चल रही है. चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया की सबसे ताकतवार राजनीतिक पार्टी है. कम्युनिस्ट पार्टी 1949 से चीन पर शासन कर रही है, जहां विपक्ष नहीं है.
(फोटो-AP)
यह पूछे जाने पर कि भारत ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को शुभकामना संदेश क्यों नहीं भेजा, तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पत्रकारों के इस सवाल को यह कहते हुए टाल गए कि यह 'सरकारी मामला नहीं है'.
(फाइल फोटो-PTI)
चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के सौ वर्ष पूरा होने पर एक जुलाई को शताब्दी समारोह मनाया गया. इस अवसर पर चीनी सेना के विमानों ने उड़ान भरी. इस दौरान चीन में चारों तरफ देशभक्ति वाला माहौल नजर आया. शताब्दी समारोह का कार्यक्रम देखने के लिए बीजिंग के तियानानमेन चौक पर भारी संख्या में लोग जुटे.
(फोटो-AP)
बहरहाल, चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी हर साल 1 अगस्त को पीएलए दिवस के रूप में मनाती है. लेकिन हालात को देखते हुए लग रहा है कि भारत की तरफ से पीएलए को बधाई दिए जाने की कोई संभावना नहीं है. अब नजर 1 अक्टूबर पर रहेगी और देखना होगा कि क्या भारत उस दिन चीन के राष्ट्रीय दिवस पर शी जिनपिंग को बधाई संदेश भेजता है? भारत एक अक्टूबर पर चीन को बधाई संदेश भेजता रहा है.
(फोटो-AP)
इस बीच, भारत ने चीन से लगती अपनी सीमा पर तीन अलग-अलग क्षेत्रों में जवानों और लड़ाकू विमानों की तैनाती बढ़ा दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ने चीन से लगती सीमा पर 2,00,000 जवान तैनात किए हैं. ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यह संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक है.
(फाइल फोटो-PTI)
माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच हालात सुधरे हैं लेकिन चीन ने फिर से एलएसी पर अवैध गतिविधियां शुरू कर दी हैं. लिहाजा, भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क है. भारत ने लद्दाख में सीमा पर अपने सैनिकों की गश्ती बढ़ा दी है.
(फाइल फोटो-PTI)