पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) को अपने देश में मिलाने की खबरों को खारिज कर दिया है. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वायत्त पीओके को पाकिस्तान में मिलाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है और ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 6 सप्ताह से ज्यादा समय से पीओके के विलय की खबरें आ रही थीं. दरअसल, पीओके के प्रधानमंत्री फारूक हैदर खान ने दावा किया था कि वह पीओके के 'आखिरी प्रधानमंत्री' होंगे. इसी बयान के बाद पीओके के पाकिस्तान में विलय की रिपोर्ट्स आने लगी थीं. इसके बाद सरकार ने एक प्रशासनिक सेवा का नाम भी बदल दिया जिससे ये कयास और भी तेज हो गए.
हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने गुरुवार को इन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, पीओके से संबंधित ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने इस बात को भी खारिज किया कि सरकार गिलगिट-बाल्टिस्तान का दर्जा बदलने के लिए नया कानून लाने जा रही है. आइशा ने कहा, ये केवल मीडिया का अनुमान है, मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं.
भारत ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था और राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिए थे. इसके बाद से पाकिस्तान की मीडिया में भी ऐसे कयास लगने लगे थे कि उनकी सरकार पीओके का विलय कर सकती है. बता दें कि भारत पीओके को अपना हिस्सा मानता है और सरकार इस पर प्रशासनिक नियंत्रण लेने की भी बात करती रही है. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में भी कहा था कि जब वह कश्मीर बोलते हैं तो उसमें पीओके भी शामिल होता है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि उनकी सरकार 5 फरवरी को
कश्मीर एकजुटता दिवस मनाएगी और भारत सरकार द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार
उल्लंघन को उजागर करेगी.
आइशा ने कहा, हमारी योजना में सिर्फ पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी प्रदर्शन शामिल है. ये एक सतत प्रक्रिया और राष्ट्रीय प्रयास है. सौ से ज्यादा देशों में हमारे दूतावास आने वाले कश्मीरी एकजुटता दिवस को लेकर रणनीति तैयार कर रहे हैं. ये कैंपेन सिर्फ पाकिस्तान तक ही सीमित नहीं है.
वहीं, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि पाकिस्तान की कोई भी सरकार कश्मीर मुद्दे पर कोई सौदेबाजी नहीं कर सकती है. संसद की कश्मीर मामलों की समिति की बैठक में कुरैशी ने कहा कि यह संदेश सीमा के दोनों तरफ सभी को पता है कि पाकिस्तान में कोई भी हुकूमत हो, वह कश्मीर पर कोई सौदेबाजी नहीं कर सकती. इस मामले में पाकिस्तान के पास स्पष्ट नीति है जिस पर सभी राजनैतिक दल एकमत हैं.
कुरैशी ने कहा, "पाकिस्तानी और कश्मीरी अवाम एकजान और एक कौम हैं. हम अपने कश्मीरी भाई-बहनों को कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे. यह सरकार या विपक्ष का मामला नहीं है बल्कि कश्मीरी भाई-बहनों के अधिकारों की जंग है जिसे हम मिलकर लड़ेंगे. हमने कश्मीर पर बेहतर प्रस्ताव के लिए अपने विदेश मंत्रालय के दरवाजे खोले हुए हैं."
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने यह भी दावा किया कि कश्मीर मुद्दे पर अब
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहले से कहीं अधिक आवाजें उठ रही हैं और 'यह साफ हो
चुका है कश्मीर भारत का अंदरूनी मामला नहीं है.'