अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने से इस्लामिक कट्टरपंथी कुछ ज्यादा ही उत्साहित नजर आ रहे हैं. कतर के मशहूर समाजशास्त्री डॉ. अब्द अल-अजीज अल-खजराज अल-अंसारी ने कहा है कि तालिबान ने 1997 से जिहाद छेड़ने के बाद अब जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि दुनिया में सभी समस्याओं का बलपूर्वक और जिहाद से ही समाधान किया जा सकता है.
डॉ. अब्द अल-अजीज अल-खजराज अल-अंसारी ने 16 अगस्त को यूट्यूब पर पोस्ट वीडियो में यह बात कही. उन्होंने दुनियाभर में मुस्लिमों की स्थिति ठीक करने के लिए जिहाद की जरूरत पर जोर दिया. डॉ. अल-अंसारी ने कहा कि सीरिया, यमन, चीन और भारत में मुसलमानों की स्थिति को जिहाद छेड़कर और फिलीपींस की तरह बल का इस्तेमाल करके ठीक किया जा सकता है.
कतर के समाजशास्त्री ने कहा कि दुनिया केवल ताकत की भाषा समझती है. इसका एक अच्छा उदाहरण नॉर्थ कोरिया है जिसके नेता के पास डोनाल्ड ट्रंप खुद चलकर पहुंचे थे. उन्होंने ट्रंप के लिए अपमानजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया.
Qatari Sociologist Dr. Abd Al-Aziz Al-Khazraj Al-Ansari: The Taliban Gained Victory after Waging Jihad since 1997 - All the Problems in the World Can Be Resolved Only by Force and Jihad #Qatar #Afghanistan #Talibans #Taliban @QAlmogtama3 pic.twitter.com/Ef5wQsAPY1
— MEMRI (@MEMRIReports) August 18, 2021
अल अंसारी ने कहा, "ओसामा बिन लादेन को अमेरिका को सौंपने से इनकार करके तालिबान ने अपनी मर्दानगी साबित कर दी थी. जबकि अरब नेता अमेरिका की आवभगत में लगे रहते हैं. अल अंसारी ने कहा, "हम मुसलमान हैं, और काफिरों के सामने नहीं झुकते."
इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में आने को लेकर टिप्पणी की थी. इमरान खान ने कहा था कि अफगानों ने गुलामी की जंजीरे तोड़ दी हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी तालिबान के शासन का समर्थन करते नजर आए. कुरैशी ने कहा कि तालिबान ने महिलाओं की शिक्षा पर रोक नहीं लगाई है. तालिबान के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मंगलवार देर रात जारी बयान के मुताबिक, इमरान खान को जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल ने फोन किया था. इस दौरान दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान के हालात पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इमरान खान ने मर्केल से कहा, "पाकिस्तान सभी अफगान नेताओं से बातचीत कर रहा है. लेकिन अफगान लोगों की आर्थिक मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी आगे आना चाहिए."
मर्केल ने इससे पहले तालिबान को आगाह करते हुए कहा था कि अफगानिस्तान में बलपूर्वक सत्ता में काबिज होने पर जर्मनी उसे एक फूटी कौड़ी की मदद नहीं करेगा. अमेरिका ने भी अफगान सरकार की संपत्तियों और फंड को फ्रीज कर दिया है.