रूस और ब्रिटेन में तनाव बढ़ता जा रहा है. ब्रिटेन के विध्वंसक युद्धपोत के कालासागर में दाखिल होने के बाद रूस ने आक्रामक रुख अपनाया है. रूस ने चेतावनी दी है कि अगर ब्रिटिश नौसेना ने आगे कोई उकसावे वाली कार्रवाई की तो वह इस बार युद्धपोत पर सीधे बम बरसाएगा. रूस के उप विदेश मंत्री सर्जेई रिबकोव ने कहा है कि वो अपील और मांग करते हैं कि ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करे. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो हम सीधे बमबारी भी कर सकते हैं.
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रूस ने ब्रिटेन पर जानबूझकर उकसावे वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. रूस ने अपनी नाराजगी जाहिर करने के लिए मॉस्को में ब्रिटेन के राजदूत को तलब किया है.
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मॉस्को में रूस ने राजदूत डेबोरा ब्रोनर्ट को काला सागर में ब्रिटेन की "हरकत" पर फटकार लगाने के लिए बुलाया है, जबकि रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने लंदन पर "झूठ" बोलने का आरोप लगाया है.
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रूस का आरोप है कि ब्रिटेन के युद्धपोत ने उसके जलक्षेत्र में घुसने की हिमाकत की है. लेकिन ब्रिटेन ने रूस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसका युद्धपोत अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ रहा है. ब्रिटेन का दावा है कि उसका पोत यूक्रेन के जल क्षेत्र में चल रहा है.
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ब्रिटेन ने कहा है कि रूस घटना के बारे में गलत जानकारी दे रहा है. रूस ने ब्रिटिश युद्धपोत पर कोई चेतावनी फायरिंग नहीं की है और न ही रॉयल नेवी के विध्वशंक युद्धपोत डिफेंडर के रास्ते में बम गिराये हैं.
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रूसी न्यूज एजेंसियों के साथ बातचीत में रूस के उप विदेश मंत्री सर्जेई रिबकोव ने कहा है, 'मैं अपील और मांग करता हूं कि वे (ब्रिटेन) अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करें. यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम बमबारी कर सकते हैं.'
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रयाबकोव ने ब्रिटेन को उस घटना की भी याद दिलाई जिसमें रूसी विमान ने ब्रिटिश विध्वंसक युद्धपोत के रास्ते पर बमबारी की थी. रूस के उप रक्षा मंत्री ने कहा कि अगली बार ब्रिटिश पोत ने ऐसी हरकत की तो रूस न केवल उसके रास्ते में बम गिराएगा बल्कि ब्रिटिश युद्धपोत को उड़ा भी देगा.
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रूस काला सागर का उपयोग भूमध्य सागर में अपनी शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए करता है. काला सागर लंबे समय से रूस और उसके प्रतिस्पर्धियों जैसे तुर्की, फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका के बीच विवाद के मूल में भी बना हुआ है.
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटिश युद्धपोत कानून के मुताबिक ही चल रहा था और अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में था. बोरिस जॉनसन ने बताया कि यह युद्धपोत यूक्रेनी के ओडेसा बंदरगाह से जॉर्जियाई बंदरगाह बटुमी की यात्रा पर था. ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वैलेस ने आरोप लगाया कि युद्धपोत के ऊपर रूसी विमान मंडरा रहे हैं. बेन वैलेस ने कहा, "रॉयल नेवी हमेशा अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करती है और गैरकानूनी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगी."
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समुद्र के अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत एक जहाज को दूसरे राज्य के क्षेत्रीय जल से गुजरने की अनुमति दी जाती है जब तक कि इससे किसी की सुरक्षा प्रभावित न हो. ब्रिटेन ने घटनाओं को लिए रूस को जिम्मेदार बताया है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि उनके युद्धपोत पर कोई गोलीबारी नहीं की गई है. उन्होंने इसे "अनुमानित रूप से गलत" कहा है.
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क्यों खड़ा हुआ विवाद
असल में, ब्रिटेन ने यूक्रेन की नौसेना के उन्नयन में मदद करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, और इसी करार के तहत ब्रिटेन का युद्धपोत जार्जिया के बटुमी बंदरगाह से यूक्रेन के ओडेसा पोर्ट पहुंचा था. बाद में वो वापस लौट रहा था. इस दौरान रूस ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश युद्धपोत ने उसके जलक्षेत्र में घुसने की कोशिश की जिसके बाद उसने फायरिंग की और रूसी विमान ने भी रास्ते में बम गिराये. वहीं बीबीसी ने पोत से लिए गए वीडियो फुटेज जारी किए हैं जिसमें रूसी तटरक्षक बल धमकी देता हुआ सुनाई दे रहा है कि यदि वे नहीं हटे तो वे गोली मार देंगे.
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