भारत के अजीज दोस्त रूस से पाकिस्तान की करीबी बढ़ती जा रही है. पाकिस्तान ने हाल ही में रूस के साथ एक गैस पाइपलाइन पर बड़ा समझौता किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस समझौते पर हस्ताक्षर के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पाकिस्तान के दौरे पर जा सकते हैं. पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि पिछले सप्ताह कराची से कसूर तक गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए एक नए समझौते पर दोनों देशों के हस्ताक्षर के बाद पुतिन की पाकिस्तान यात्रा की संभावना प्रबल हो गई है. करीब दो दशक से पुतिन के हाथ में रूस की कमान है लेकिन वह आज तक एक बार भी पाकिस्तान नहीं गए हैं.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान और रूस दोनों रूसी राष्ट्रपति के पाकिस्तान दौरे को लेकर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही राष्ट्रपति पुतिन को औपचारिक निमंत्रण दे चुके हैं. हालांकि, राजनयिक सूत्रों का कहना है कि जब पुतिन के पास बेचने के लिए कुछ बड़ा होता है तो वह उस अमुक देश की यात्रा करने को लेकर इच्छुक होते हैं. लिहाजा, पाकिस्तान स्टीम गैस पाइपलाइन समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, पुतिन के पाकिस्तान जाने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं.
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पाकिस्तान चाहता है कि राष्ट्रपति पुतिन गैस पाइपलाइन परियोजना का उद्घाटन करें. इस परियोजना का उद्घाटन इस साल के अंत में या अगले साल की शुरुआत में हो सकता है. माना जा रहा है कि पुतिन की पाकिस्तान की इस यात्रा के जरिये शीत युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच जो प्रतिद्वंद्विता थी, उसे दोनों पक्ष अब मिटाना चाहते हैं.
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अप्रैल में, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इस्लामाबाद का दौरा किया था. यात्रा के दौरान, उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन की ओर से पाकिस्तानी नेतृत्व को संदेश दिया कि मॉस्को इस्लामाबाद को हर संभव मदद देने के लिए तैयार है.
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रूस और पाकिस्तान ने पिछले हफ्ते 'पाकिस्तान स्टीम नेचुरल गैस पाइपलाइन' के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. रूसी ऊर्जा मंत्री निकोलाई शुलगिनोव और मास्को में पाकिस्तान के राजदूत शफकत अली खान ने शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर किए. अमेरिकी पाबंदियों की आशंका के बीच नॉर्थ-साऊथ गैस पाइपाइलन का नाम बदलकर अब 'पाकिस्तान स्टीम नेचुरल गैस पाइपलाइन' कर दिया गया है.
1/4 Pakistan and Russia signed the Protocol on the amendments to the Agreement on North-South Gas Pipeline Project in Moscow today. #PakistanStreamGasPipeline #northsouthgaspipeline #pakistanrussia @ForeignOfficePk @MID_RF @mfa_russia @RusEmbPakistan pic.twitter.com/M35aiRIvpj
— Pakistan Embassy Russia (@PakinRussia) May 28, 2021
शीत युद्ध के दौरान कायम रही अपनी अदावत को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान और रूस इस प्रमुख परियोजना को शुरू करने जा रहे हैं. दोनों देशों ने अब द्विपक्षीय संबंधों को लेकर एक नए युग में कदम रखने का फैसला किया है.
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वास्तव में, रूस और पाकिस्तान ने इस समझौते पर 2015 में ही हस्ताक्षर किए थे, लेकिन रूसी कंपनियों पर अमेरिका की संभावित पाबंदियों और अन्य वजहों के चलते 1,122 किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर अमल नहीं हो पाया था.
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बहरहाल, बाधाओं को दूर करते हुए दोनों पक्षों ने अंततः संशोधित समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस अब पाइपलाइन के निर्माण में 74 फीसदी खर्च वहन करेगा.
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इससे पहले, 'बिल्ट, ऑपरेट और ट्रांसफर' मॉडल के तहत इस गैस पाइपलाइन के निर्माण का पूरा खर्च रूस को वहन करना था. फिलहाल, इस परियोजना के निर्माण की अनुमानित लागत 2.25 बिलियन डॉलर बताई जा रही है. गैस पाइपलाइन का निर्माण पूरा होने के बाद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में ऊर्जी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. पाकिस्तान अब तक जिस लिक्विड नेचुरल गैस (एलएनजी) का आयात करता है, अब उसकी जरूरत इस प्रस्तावित पाइपलाइन के जरिए पूरी की जा सकेगी.
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घटनाक्रम से परिचित अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के लिए इस परियोजना का केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि रणनीतिक महत्व भी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपनी विदेश नीति में विविधता लाने के अपने प्रयासों के तहत रूस के साथ संबंधों को विस्तार देना चाहता है.
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दोनों देश न केवल आर्थिक संबंधों को गहरा करने के विकल्प तलाश रहे हैं, बल्कि रूस भी अब पाकिस्तान को हथियार बेचने का इच्छुक है, जिसे वह अतीत में भारत के विरोध के कारण टाला करता था.
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