कोरोना वायरस की महामारी के बीच सऊदी अरब को एक बड़ा खजाना हाथ लगा है. सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको ने किंगडम के उत्तरी हिस्से में दो नए तेल और गैस भंडार खोजे हैं. सऊदी के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अजीज ने आधिकारिक प्रेस एजेंसी (एसपीए) के जरिए रविवार को ये जानकारी दी.
अल-जउफ इलाके में मिले गैस भंडार को हदबत अल-हजरा गैस फील्ड और उत्तरी सीमाई इलाके के तेल भंडार को अबराक अल तालूल का नाम दिया गया है. प्रिंस अब्दुल अजीज ने प्रेस एजेंसी एसपीए से बातचीत में बताया कि हदबत अल-हजरा फील्ड के अल सरारा रिजरवायर से 16 मिलियन क्यूबिक फीट प्रतिदिन की दर से प्राकृतिक गैस निकली है और इसके साथ 1944 बैरल कंडेनसेट्स भी निकला है.
वहीं, अबरक अल-तुलूल तेल भंडार से हर दिन करीब 3,189 बैरल अरब सुपर लाइट क्रूड निकल सकता है. साथ ही 1.1 मिलियन क्यूबिक फीट गैस निकल सकती है.
अरामको कंपनी गैस और ऑयल फील्ड में मिलने वाले तेल, गैस और कंडेंसेट की गुणवत्ता की जांच करना शुरू करेगी. प्रिंस अब्दुल अजीज ने बताया कि तेल और गैस भंडार के इलाके और आकार का सटीक पता लगाने के लिए और कुएं खोदे जाएंगे. प्रिंस ने देश को समृद्धि देने के लिए खुदा का शुक्रिया अदा किया.
सऊदी अरामको दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी है और दुनिया में रोजाना तेल उत्पादन के मामले में सबसे आगे है. इसका सबसे बड़ा बाजार एशिया है जहां कोरोना वायरस महामारी से पहले इसका 70 फीसदी निर्यात होता था. हालांकि, कोरोना वायरस में लॉकडाउन की वजह से तेल की खपत गिर गई और तेल की कीमतों में भी गिरावट आई. इससे, तेल आधारित सऊदी की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है.
वेनेजुएला के बाद सऊदी अरब के पास सबसे ज्यादा प्रामाणिक तेल भंडार हैं. दुनिया भर के तेल भंडार में सऊदी की हिस्सेदारी 17.2 फीसदी है. हालांकि, सऊदी के पास तेल के मुकाबले गैस भंडार कम हैं और वैश्विक गैस भंडार में उसकी हिस्सेदारी सिर्फ 3 फीसदी ही है. सऊदी को पता है कि भविष्य में तेल इतना प्रासंगिक नहीं रहेगा इसलिए वो ऊर्जा के दूसरे विकल्पों को भी तलाश रहा है.
इसी सोच के तहत, सऊदी अरब देश का पहला विंड पावर प्लांट बनाने पर भी काम कर रहा है. ये नए फील्ड सऊदी के इन्हीं विंड कॉरिडोर्स में ही स्थित हैं. सऊदी के उत्तरी हिस्से में अल-जउफ में सकाका पावर प्लांट बनाया जा रहा है जिसकी लागत 302 अरब डॉलर है.
सऊदी अरब उत्तरी हिस्से में अपनी महत्वाकांक्षी योजना यानी नियोम नाम से एक स्मार्ट शहर बनाने जा रहा है जिसकी लागत 500 अरब डॉलर है. ये जॉर्डन और मिस्त्र की सीमा से सटा हुआ होगा. इस शहर में भविष्य के कई अहम एनर्जी प्रोजेक्ट पर भी काम होगा. पिछले महीने ही, यहां 5 अरब डॉलर की लागत वाले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट बनाए जाने की घोषणा की गई. ऐसे में, तेल और गैस भंडार मिलना सऊदी के पावर ग्रिड के लिए एक राहत भरी खबर है. दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक कंपनी ने अपनी घरेलू जरूरतों के लिए गैर-पारंपरिक गैस भंडारों की संभावनाओं को खंगालना शुरू कर दिया है.
इसी महीने, टर्की ने भी काला सागर में ऊर्जा का एक भंडार खोजा था. टर्की के राष्ट्रपति रेचैप तैय्यप अर्दोवान ने इसे टर्की के इतिहास की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस की खोज बताया था. इस्तांबुल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में अर्दोवान ने कहा था कि टर्की के फतेह नामक ड्रिलिंग जहाज ने 320 अरब क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस भंडार टूना-1 कुएं में पाया है. अर्दोवान ने कहा था कि हमारा लक्ष्य काले सागर से गैस निकालकर 2023 तक इसे इस्तेमाल करने का है.