पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान तीन दिन 7 से 9 मई तक सऊदी अरब की यात्रा पर रहे. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए. सऊदी अरब ने आर्थिक मोर्चे पर जूझ रहे पाकिस्तान को कई तरह की मदद मुहैया कराने की बात कही है. इसी क्रम में सऊदी ने पाकिस्तान को चावल के 19,032 बोरे भी दिए हैं. लेकिन सऊदी से मिली इस जकात को लेकर पाकिस्तान में बहस छिड़ गई है और इमरान खान सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए जाने लगे हैं.
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फिलहाल, सऊदी अरब की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान की तरफ से दिए जाने वाली इस जकात से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब के 1,14,192 लोगों को मदद मिलेगी. इस चावल को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह और पंजाब के लोगों में बांटा जाएगा.
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जारी बयान के मुताबिक सऊदी अरब की ओर से मुहैया कराये गए 440 टन चावल को पंजाब प्रांत के लाहौर, फैसलाबाद, खानेवाल, साहिवाल के अलावा खैबर पख्तूनख्वाह के अन्य जिलों में वितरित किया जाएगा. सऊदी अरब से चावल मिलने का बयान पाकिस्तान की पत्रकार नाइला इनायत ने साझा किया है.
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Saudi Arabia to donate 19,032 rice bags to Pakistan. pic.twitter.com/OelMqskG7i
— Naila Inayat (@nailainayat) May 10, 2021
बहरहाल, सऊदी अरब की तरफ से चावल की बोरियां मुहैया कराये जाने को लेकर पाकिस्तान में बहस छिड़ गई है. अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत रहे हुसैन हक्कानी ने इस मसले पर बिना नाम लिए इमरान खान की सरकार पर निशाना साधा है.
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हुसैन हक्कानी ने ट्वीट किया, 'हाल के दिनों तक चावल के बड़े निर्यातक रहे पाकिस्तान को सऊदी अरब से मदद के तौर पर 19,032 बोरी (440 टन) चावल की जरूरत क्यों पड़ी? सऊदी अरब की उदारता के लिए उसका आभार जताने के साथ-साथ अपने देश की विफलता के लिए आत्ममंथन की भी जरूरत है.
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Why does Pakistan, a major rice exporter until recently, now need 19,032 bags (440 tons) of rice in aid from brotherly Saudi Arabia? Gratitude for Saudi generosity should be accompanied by introspection of some failure at home. https://t.co/wqUSLgY12f
— Husain Haqqani (@husainhaqqani) May 11, 2021
अमेरिका में कनेक्टिकट विश्वविद्यालय में पाकिस्तान की रिसर्च स्कॉलर मारवी सिरमद ने हुसैन हक्कानी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी. मारवी सिरमद ने लिखा, पंजाब के मध्यम स्तर के किसानों के लिए चावल उगाना बहुत आसान नहीं रह गया है. वहां पानी नहीं है, किसानों को कोई सब्सिडी नहीं मिलती है, बिचौलिये सबसे ज्यादा फायदा उठाते हैं. किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है और अब वे थक चुके हैं.
Rice no more feasible for Punjab's mid level farmers. No water, no subsidies, middle man gets major piece of pie, so and so forth. Plus kamaad became a real deal due to sugar industry, it ruined other cash crops. farmers were left alone by govt to be eaten up by it, they gave up.
— Marvi Sirmed (@marvisirmed) May 11, 2021
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पाकिस्तान के मशहूर अर्थशास्त्री डॉ. कैसर बंगाली ने भी ट्वीट कर इस खबर पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने ट्वीट किया, गरीबी घटाने और विकास के नाम पर पिछले चार सालों से अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और चीन के सामने भीख मांगने के बाद अब पंजाब और खैबर पख्तूनख्वां के जरूरतमंद परिवारों के लिए सऊदी अरब से चावल लेने की नौबत आ गई है. क्या रावलपिंडी-इस्लामाबाद में थोड़ी भी शर्म बची है?
After kashkol-kneeling 4 years in Washington, Riyadh, Dubai, Beijing - in name of development n poverty reduction - we r now reduced to asking Saudi Arabia to distribute rice bags to needy families in Punjab n KP. Does Rawalpindi-Islamabad have any shame left?
— Dr. Kaiser Bengali (@kaiserbengali) May 11, 2021
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मारवी सिरमद ने कहा कि शुगर इंडस्ट्री के चलते इस इलाके में दूसरी नकदी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं. सरकार ने किसानों को भुगतने के लिए अलग-थलग छोड़ दिया है. सरकार ने हार मान ली है.
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वहीं सऊदी अरब से चावल मिलने की खबर पर कुछ लोगों ने सऊदी के चावल दान में देने पर हैरानी जताई. सलमान रशीद नाम के शख्स ने पूछा कि अच्छा जी! कब से रेगिस्तान ने चावल उगाना शुरू कर दिया गया है?
Achha jee! Since when has the desert started growing rice?
— Salman Rashid (@odysseuslahori) May 11, 2021
इस बीच, जूल्फी राव नाम के एक यूजर्स ने इमरान खान की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान काबा जाने को लेकर कटाक्ष किया. असल में, काबा की यात्रा के दौरान लोग हाथ उठाए हुए थे और इस पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अभिवादन में हाथ हिलाया. लेकिन इमरान खान के साथ चल रहे एक सऊदी अधिकारी ने उन्हें बताया कि लोग उनके स्वागत में नहीं बल्कि काले पत्थर के लिए हाथ उठाए हुए हैं. इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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IK is so damn full of his greatness, @KamranShafi46, that when he was in Ka'aba he thought people were raising hands for his highness. Poor chap was reminded by his host that they weren't doing for him but the sacred Black Stone! 🤦♂️🤦♂️ pic.twitter.com/OGKM91wzbR
— Zulfi Rao (@ZulfiRao1) May 5, 2021
बहरहाल, इमरान खान की यात्रा के दौरान सऊदी अरब ने अपनी जेलों में बंद 2 हजार से ज्याद बंद पाकिस्तानी कैदियों को रिहा करने के आदेश दिए हैं. असल में, सात मई, शुक्रवार को जब इमरान खान पहुंचे तो उनकी आगवानी में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन-सलमान ने की. इमरान खान जब सऊदी अरब के जेद्दा पहुंचे तो सऊदी अधिकारियों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया.
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एक समाचार एजेंसी के मुताबिक, सऊदी अरब ने बयान जारी कर बताया कि दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को मजबूत करने की तस्दीक की है. साथ ही पाकिस्तान और सऊदी अरब ने द्विपक्षीय सहयोग और समन्वय के पहलुओं को बढ़ाने और महत्व को रेखांकित किया है.
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सऊदी अरब वह पहला देश है जहां 2018 में पीएम पद की शपथ लेने के बाद इमरान खान ने पहली विदेश यात्रा की है. फिलहाल, प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय के मुताबिक दोनों देशों ने सामाजिक और आर्थिक मुद्दों से जुड़े करार पर हस्ताक्षर किए. पाकिस्तान ने सऊदी फंड ऑफ डिवेलपमेंट (एसएफडी) के साथ ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, परिवहन, जल और संचार के क्षेत्र में वित्तीय मदद से जुड़े एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए.
(फोटो-AP)