ओमान ने अपने संविधान में जो संशोधन किया था, वो मंगलवार को सरकारी गजट में शामिल कर लिया गया. इस कानून के हिसाब से सईद धी यजान हैथम ओमान के पहले क्राउन प्रिंस होंगे. नए कानून के मुताबिक, सुल्तान के बड़े बेटे को उत्तराधिकार बनाया जाएगा. इससे पहले ओमान में क्राउन प्रिंस की व्यवस्था नहीं थी. सईद धी यजान सुल्तान हैथम बिन तारिक के बड़े बेटे हैं.
(फोटो- ओमान के होने वाले क्राउन प्रिंस सईद धी यजान/AFP)
'द अरब वीकली' के अनुसार अभी जो नया नियम लाया गया है, उसके पैरा पांच के अनुसार ओमान में अब सुल्तान वंशानुगत होगा. यह पुरुषों के लिए ही होगा. यानी अब सुल्तान के बड़े बेटे उत्तराधिकार बनेंगे और फिर उनके बड़े बेटे. मतलब पीढ़ी दर पीढ़ी इसी तरह उत्तराधिकार चुना जाएगा.
(फोटो- ओमान के होने वाले क्राउन प्रिंस सईद धी यजान/AFP)
ओमान के शाही आदेश के अनुसार, क्राउन प्रिंस के अधिकार और प्राथमिकता को सुल्तान ही तय करेंगे. किसी भी तरह की अस्थायी बाधा की स्थिति में अगर सुल्तान अपनी भूमिका निभाने में असमर्थ होते हैं तो वो सुल्तान के सामने शपथ लेंगे और उनकी जिम्मेदारी संभालेंगे.
(फोटो- ओमान के सुल्तान हैथम/Reuters)
सईद धी यजान का जन्म 21 अगस्त, 1990 को हुआ था. इन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. उन्हें 18 अगस्त, 2020 को संस्कृति, खेल और युवा मंत्रालय सौंपा गया था. कहा जा रहा है कि सुल्तान अपनी सरकार में युवा खून को आगे करना चाहते हैं और क्राउन प्रिंस बनाना इसी का परिचायक है.
(फोटो- ओमान के होने वाले क्राउन प्रिंस सईद धी यजान/AFP)
सईद धी यजान युवा राजनयिक रहे हैं. दो सालों तक उन्होंने लंदन में ओमान दूतावास कार्यालय के लिए भी काम किया है. जब अटकलें तेज हुईं कि सुल्तान हैथम अपने बड़े बेटे यजान को सिंहासन पर लाने की तैयारी कर रहे हैं तो उन्हें शाही शासन के करीब लाया गया. सोमवार को सुल्तान ने मुल्क के संविधान में संशोधन की घोषणा की थी. इसी में पहली बार क्राउन प्रिंस बनाने की व्यवस्था की गई.
संविधान में हुए बदलाव के अनुसार, सुल्तान का उत्तराधिकार उनका बड़ा बेटा होगा. बड़े बेटे के सुल्तान बन जाने के बाद फिर उत्तराधिकार उनके बड़े बेटे बनेंगे. अगर सुल्तान के बड़े बेटे का सत्ता संभालने से पहले निधन हो जाता है तो फिर उनके बड़े बेटे को उत्तराधिकार बनाया जाएगा न कि भाई को. अगर बड़े बेटे का कोई बेटा नहीं है तो सत्ता भाई के हाथ में जाएगी.
ओमान के दिवंगत सुल्तान काबूस की कोई संतान नहीं थी और उन्होंने किसी भी उत्तराधिकार की घोषणा सार्वजनिक रूप से नहीं की थी. उन्होंने बंद लिफाफे में उत्तराधिकार के रूप में भतीजे हैथम का नाम लिखा था. सुल्तान काबूस के परिवार ने लिफाफे के अनुसार ही सत्ता में बदलाव का पालन किया.
(फोटो- ओमान के सुल्तान काबूस/Reuters)
सुल्तान हैथम ने पिछले एक साल में कई मंत्रालयों को गठित किया है और उनका नाम बदला है. कुवैत यूनिवर्सिटी में इतिहास के असिस्टेंट प्रोफेसर बद्र अल-सैफ ने एसोसिएट प्रेस एजेंसी से कहा, "ये बहुत ही क्रांतिकारी कदम है. सुल्तान हैथम ने पहले एक साल तक सारी चीजें समझीं और अब वो शासन व्यवस्था पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं. ओमान के संविधान (बेसिक लॉ) में बदलाव बहुत मुश्किल से ही किए जाते हैं." सुल्तान की डिक्री के जरिए एक कमिटी भी गठित की गई है जो सरकारी अधिकारियों के प्रदर्शन की निगरानी करेगी.
ओमान पर फिलहाल डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है, ऐसे में शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. पिछले साल, ओमान का कर्ज उसकी जीडीपी के करीब 60 फीसदी के बराबर पहुंच गया था. ओमान के पास भी तेल के अकूत भंडार हैं. हालांकि, तेल उत्पादन करने वाले बाकी देशों की तरह उसकी अर्थव्यवस्था पर भी तेल की गिरती कीमतों का बुरा असर पड़ा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि ओमान की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 10 फीसदी की गिरावट आई है. बाकी खाड़ी देशों की तुलना में ये गिरावट सबसे ज्यादा है.