150 टन परमाणु कचरे से लदी मालगाड़ी शुक्रवार को फ्रांस से जर्मनी की सीमा में प्रवेश कर गई. एंटी न्यूक्लियर कार्यकर्ताओं के विरोध की वजह से ट्रेन को 24 घंटे तक फ्रांस में रोके रखा गया.
रात में सुरक्षाकर्मियों की भारी मौजूदगी में ट्रेन जर्मनी के लोअर सैक्सनी प्रांत में दाखिल हुई. इस दौरान रेलेवे ट्रैक पर 200 प्रदर्शनकारी जमा थे.
जर्मन सरकार 2022 तक सारे परमाणु बिजलीघर बंद करने का फैसला कर चुकी है. इस वजह से जर्मनी आखिरी बार रेडियोधर्मी कचरा ले रहा है.
फ्रांस में जर्मनी के परमाणु कचरे की दोबारा प्रोसेसिंग होती है, इस प्रकिया को रिप्रोसेसिंग कहा जाता है. रिप्रोसेसिंग के बाद कचरे का फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है.
लोअर सैक्सनी में शनिवार सुबह भी लोगों ने प्रदर्शन किए. प्रदर्शनकारियों ने रेलवे क्रॉसिंग पर बड़े बड़े पत्थर रख दिए. प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल भी किया.
स्टा कहते हैं, "लोग ट्रैक और सड़कों को बंद करेंगे. हम नहीं चाहते कि बात आगे बढ़े. हम चाहते हैं कि पुलिस लोगों के साथ समझदारी और सही ढंग से पेश आए."
मालगाड़ी में रेडियोधर्मी विकिरण वाले 11 कंटेनर हैं. मालगाड़ी को सही सलामत मंजिल तक पहुंचाने के लिए 19,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.
2012 से जर्मनी रिप्रोसेसिंग के लिए परमाणु कचरा फ्रांस नहीं भेजेगा. मौजूदा खेप को जर्मनी भंडारगृह में रखेगा और इसी का इस्तेमाल करेगा.
ट्रेन पश्चिमोत्तर जर्मनी के गोरलेबेन जा रही है. गोरलेबन में अस्थाई भंडारण केंद्र बनाया गया है.
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर बोतलें और पेंट बम भी फेंके. हालांकि पुलिस का कहना है कि पटरी साफ करने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
परमाणु विरोधी संगठन आउसेसट्राहल्ट के प्रवक्ता योखेन स्टा का कहना है कि आगे भी ट्रेन को रोकने के कई प्रयास किए जाएंगे.
भारी प्रदर्शन के बावजूद रेडियोधर्मी परमाणु कचरे से भरी एक मालगाड़ी फ्रांस से जर्मनी पहुंच गई है. प्रदर्शनकारी अब भी अलग अलग जगहों पर मालगाड़ी का रास्ता रोकने का प्रयास कर रहे हैं. पुलिस से झड़पें भी हो रही हैं.