तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा कर लिया है. तालिबानी लड़ाके (Taliban Fighters) अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) को चारों ओर से घेरे हुए हैं. इधर राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने देश छोड़ दिया है. पूरे देश में अफरातफरी का माहौल है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर कैसे तालिबानियों ने काबुल को घेरा..
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दरअसल, अमेरिकी सैनिकों (US Army- NATO) ने अफगानिस्तान क्या छोड़ा, कुछ ही महीने में तालिबानी आतंकी काबुल तक पहुंच गए. काबुल के चारों तरफ तालिबानी मौजूद हैं. इससे पहले तालिबान के लड़ाकों ने काबुल को छोड़कर अफगानिस्तान के लगभग सभी शहरों पर कब्जा कर लिया था.
काबुल की सड़कों पर बख्तरबंद गाड़ियां दौड़ रही हैं. बाइकों पर तालिबानी लड़ाके खतरनाक हथियार के साथ टहल रहे हैं. शहर में खौफ और दहशत का साया है. तमाम लोग जान बचाकर भागने के लिए एयरपोर्ट का रुख कर रहे हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल को घेरने के लिए तालिबानी लड़ाके बाइकों, ट्योटा गाड़ी, जीप और अन्य चार पहिया गाड़ियों से ही निकल पड़े थे. उनके हाथों में रॉकेट लॉन्चर जैसे घातक हथियार हैं. कुछ बाइकों में तीन-तीन लड़ाके बैठे हुए थे. उनके हाथों में एके-47 जैसी गन भी थीं.
तालिबानियों की खुली गाड़ियों में भी दर्जन भर से अधिक लोग सवार थे. उन सभी के पास आधुनिक हथियार देखे गए. कुछ लड़ाके बख्तरबंद गाड़ियों में भी देखे गए. एक-एक गाड़ी पर क्षमता से अधिक लोग सवार थे.
आपको बता दें कि अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो ने ऐलान किया कि उसकी सेना वापस लौटेगी. इसके बाद मई में तालिबान ने अफगानिस्तान के हेलमंद पर हमला कर दिया. तालिबान ने अपने हमलों को और तेज करते हुए जून तक एक तिहाई हिस्से पर कब्जा कर लिया.
जुलाई के आखिर तक तक अफगानिस्तान के आधे जिलों पर तालिबान का कब्जा हो गया और अगस्त आते-आते नीमरूज सूबे की राजधानी जरंज पर भी अपना झंडा फहरा दिया. जबकि 13 अगस्त को कंधार समेत 4 सूबों की राजधानी को कंट्रोल में ले लिया और 14 अगस्त को मजार-ए-शरीफ को कब्जा लिया.
और अब बारी थी राजधानी काबुल की, जिसे तालिबान ने 15 अगस्त को घेर लिया. देखते ही देखते तालिबान ने काबुल पर अपने कब्जे का ऐलान कर दिया और इस तरह अफगानिस्तान में तालिबान युग की वापसी हो गई. अफगान सरकार ने भी तालिबान के आगे घुटने टेक दिए. टोलो न्यूज के मुताबिक, सत्ता हस्तांतरण के बाद देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुल्क छोड़ दिया और वे विदेश के लिए रवाना हो गए.