अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी के ऐलान के बाद हलचल तेज हो गई है. बाइडेन के बाद नाटो ने भी अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से वापस लेने का फैसला किया था. इस साल सितंबर तक विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.
इसी क्रम में काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाने का तुर्की ने प्रस्ताव दिया था. लेकिन तुर्की अब अपने प्रस्ताव से पीछे हट रहा है.
अब अमेरिका और नाटो बलों के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को चलाने और सुरक्षित करने की योजना के तहत तुर्की अफगानिस्तान में अतिरिक्त सैनिक नहीं भेजेगा. तुर्की का कहना है कि बिना किसी सपोर्ट के एयरपोर्ट के सुरक्षा की जिम्मेदारी अकेले संभालना चुनौतीपूर्ण होगा. हालांकि, अमेरिका ने समर्थन का आश्वासन दिया है.
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तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया है कि काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा पर चर्चा करने के लिए एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के तुर्की की यात्रा करने की उम्मीद है.
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तुर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने बुधवार को कहा कि छह साल तक हवाई अड्डे की सुरक्षा के लिए नाटो के रेसोल्यूट सपोर्ट मिशन के तहत काम कर रहे तुर्की की अफगानिस्तान में सैन्य मौजूदगी बनी हुई थी. उन्होंने कहा कि प्लान के डिटेल्स पर अब भी चर्चा जारी है. रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की का कहना है कि वो बिना किसी समर्थन के अपने मिशन को अंजाम नहीं दे सकता है.
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अफगान सरकार ने कहा है कि वह काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा को लेकर तुर्की के साथ बातचीत कर रही है. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने 18 जून को कहा कि अफगानिस्तान अपने राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर इस मुद्दे पर फैसला करेगा. प्रेसिडेंशियल पैलेस ने वादा किया है कि आने वाले महीनों में विदेशी सेना के देश से हटने के बाद अफगानिस्तान में सभी हवाई अड्डे चालू रहेंगे.
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तुर्की की मदद करेगा अमेरिका
अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी जारी है. लेकिन राजनयिक अधिकारियों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए अफगानिस्तान में अभी करीब 650 सैनिक बने रहेंगे. एसोसिएटेड प्रेस ने अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि मुख्य अमेरिकी सैन्य बल की अपनी वापसी पूरी करने के बाद राजनयिकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मोटे तौर पर 650 अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्तान में रहने की उम्मीद है.
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अमेरिकी अधिकारियों ने बताया, कई सौ अतिरिक्त अमेरिकी बल काबुल हवाई अड्डे पर संभावित रूप से सितंबर तक मौजूद रहेंगे, ताकि तुर्की सैनिकों की मदद की जा सके. काबुल एयरपोर्ट पर एक अस्थायी कदम के तौर पर अमेरिकी सैनिक तब तक बने रहेंगे जब तक कि तुर्की के नेतृत्व वाला सुरक्षा अभियान अधिक औपचारिक नहीं हो जाता. कुल मिलाकर, अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि चार जुलाई तक अमेरिकी और गठबंधन सैन्य कमान, उसका नेतृत्व और अधिकांश सैनिक अफगानिस्तान से वापस हो जाएंगे.
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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने इस साल 11 सितंबर तक सैनिकों की वापसी का ऐलान किया था, लेकिन चार हजार से अधिक जवान निर्धारित समय से पहले ही अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं. इसके चलते अफगानिस्तान में तालिबान आतंकियों की गतिविधियां तेज हो गई हैं और अफगान सरकार और सैनिकों के लिए चुनौती बढ़ गई है. इसलिए अधिकारी बार-बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अफगानिस्तान में किसी भी अमेरिकी राजनयिक कर्मचारी को रखने के लिए काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है.
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बहरहाल, मोटे तौर पर 650 अमेरिकी सैनिकों की अफगानिस्तान में तैनाती बनाए रखने की योजना है ताकि अमेरिकी दूतावास और हवाई अड्डे पर सुरक्षा मुहैया कराया जा सके. नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका तुर्की के साथ एक समझौते के तहत हवाई अड्डे पर सी-रैम, काउंटर-रॉकेट, आर्टिलरी, मोर्टार सिस्टम के साथ अपने सैनिकों की तैनाती पर सहमत हो गया है. अमेरिका ने हवाई अड्डे पर हेलीकॉप्टर सहायता के लिए एयरक्रू छोड़ने की भी योजना बनाई है.
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अधिकारियों के अनुसार, तुर्की अमेरिकी सुरक्षा बलों की मदद से हवाई अड्डे पर सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सहमत हो गया है. इस फैसले को अंतिम रूप देने के लिए अमेरिका और तुर्की के सैन्य अधिकारी इस सप्ताह अंकारा में बैठक कर रहे हैं.
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