अल-अक्सा मस्जिद में झड़प के बाद इजरायल और फिलीस्तीनियों में टकराव को लेकर दुनियाभर के मुस्लिम देशों में हलचल देखी जा रही है. मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉपरेशन (OIC) भी सक्रिय हो गया है. इसके सदस्य देशों ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय बैठक बुलाने के लिए पाकिस्तान, तुर्की और सऊदी अरब के प्रस्तावों को मंजूरी दी है.
हालांकि, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दगन फिलिस्तीन को लेकर सबसे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों के प्रमुखों से बात करके इजरायल के खिलाफ एक्शन लिए जाने की मुहिम शुरू की है. इस बीच, उन्होंने इजरायल को घेरने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फोन मिलाया था. एर्दोगन ने पुतिन से बातचीत में कहा कि फिलिस्तीनियों पर हमले को लेकर इजरायल को कड़ा सबक सिखाये जाने की जरूरत है.
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्की के राष्ट्रपति संचार निदेशालय ने बताया कि यरुशलम में उभरे तनाव को लेकर दोनों नेताओं ने बुधवार को फोन पर बात की थी. जारी बयान के मुताबिक एर्दोगन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इजरायल को एक कड़ा सबक सिखाने की आवश्यकता पर बल दिया.
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) पर इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करने और इजरायल को साफ संदेश देने पर जोर दिया. एर्दोगन ने पुतिन को सुझाव दिया कि फिलिस्तीनियों की सुरक्षा के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल तैनात किए जाने पर विचार किया जाना चाहिए.
President @RTErdogan spoke by phone with President Vladimir Putin of Russia. pic.twitter.com/RqbcsAiGlE
— Turkish Presidency (@trpresidency) May 12, 2021
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने इस सिलसिले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से भी फोन पर चर्चा की. दोनों नेताओं ने बातचीत में इजरायल के रवैये पर विचार विमर्श किया. साथ ही फिलिस्तीन के प्रति एकजुटता प्रदर्शित की. दोनों नेताओं ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने में यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में नामाजियों पर अटैक जघन्य अपराध है. ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन है.
President @RTErdogan spoke by phone with Prime Minister Imran Khan of Pakistan. pic.twitter.com/yHcvhdwFnO
— Turkish Presidency (@trpresidency) May 12, 2021
इस बातचीत में एर्दोगन और इमरान खान इस बात पर सहमत हुए कि तुर्की और पाकिस्तान के विदेश मंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलीस्तीनियों के मसले पर मिलकर काम करेंगे. तुर्की के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक पाकिस्तान और तुर्की फिलिस्तीनियों के मसले को लेकर साथ मिलकर काम करेंगे और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट करेंगे.
एर्दोगन ने कहा कि अल अक्सा मस्जिद और मुसलमानों पर हमला तत्काल रोका जाए. इजरायल का अटैक मानवता पर हमला है और यह अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन है. अगर इन हमलों को नहीं रोका गया तो इस धरती पर कोई नहीं बचेगा. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद इजरायली हमले पर तो फौरन रोक लगाए.
Israel’s actions, which are against the decisions by humanity’s common organizations, fundamental human rights, the international law and all human values, must be stopped immediately. pic.twitter.com/mXsS00JtUT
— Recep Tayyip Erdoğan (@RTErdogan) May 12, 2021
फिलिस्तीनियों पर इजरायल के हमले को लेकर तुर्की के लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस कर्फ्यू के बावजूद इस्तांबुल में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और इजरायल के हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान इंस्ताबुल में तुर्की और फिलिस्तीनी झंडे लहराते हुए कारों का एक बड़ा काफिला इजरायली वाणिज्य दूतावास तक पहुंच गया.
इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसक झड़प में कम से कम 56 लोग मारे गए हैं. इनमें 14 बच्चे शामिल हैं जबकि इसमें 6 इजरायली शामिल हैं. इस झड़प में एक भारतीय महिला की भी मौत हो चुकी है. वहीं गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि गाजा में इजरायल के हवाई हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 43 हो गई है जिसमें 13 बच्चे और तीन महिलाएं शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा कि हमले में क्षेत्र के करीब 300 फिलीस्तीनी जख्मी हुए हैं. यह हमले सोमवार को शुरू हुए थे और फिलिस्तीन ने इजरायल पर रॉकेट दागे थे.