चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़े अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने अमेरिका के चेहरे पर थप्पड़ लगाया है और अमेरिका ऐसा ही डिजर्व करता है. असल में ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस ने गुरुवार को एक संयुक्त बयान जारी किया था और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी योजना को खारिज कर दिया था.
चीनी अखबार का कहना है कि 2003 के इराक युद्ध के बाद ये सबसे खास स्थिति है जब अमेरिका को उसके यूरोपीय सहयोगी देशों ने 'ना' कहा है. इसकी वजह से ईरान के मुद्दे पर अमेरिका अकेला पड़ गया है.
संयुक्त राष्ट्र की ओर से ईरान पर लगाया गया प्रतिबंध 18 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव रखा था, लेकिन उसे सिर्फ एक देश डोमिनिका का समर्थन मिला.
अमेरिका मई 2018 में ईरान के साथ न्यूक्लियर डील से अलग हो गया था. चीन का कहना है कि इसकी वजह से अमेरिका को ईरान पर प्रतिबंध लगाने का हक नहीं है, लेकिन अमेरिका गैंगस्टर की तरह काम कर रहा है.