भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के तौर पर बुधवार को अपना पहला भाषण दिया तो सबकी नजरें उनकी कलाई पर टिक गईं. सुनक ने अपनी कलाई पर मौली (हिंदुओं का रक्षासूत्र) बांध रखा था. जॉनसन सरकार में वित्त मंत्री रह चुके ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री हैं. सुनक भले ही ब्रिटिश नागरिक हैं लेकिन वह समय-समय पर भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में अपनी आस्था जाहिर करते रहे हैं.
ऋषि अपने धर्म के बारे में खुलकर बोलते आए हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले ही कहा था कि मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक हिंदू हूं और हिंदू होना मेरी पहचान का हिस्सा है. सुनक ने ये भी बताया था कि वह ब्रिटेन में जनगणना फॉर्म में भारतीय-ब्रिटिश वाले कॉलम पर निशान लगाते हैं.
प्रधानमंत्री बनने के बाद 10 डाउनिंग स्ट्रीट ( प्रधानमंत्री आवास ) पहुंच ऋषि सुनक ने दिवाली समारोह में भी शिरकत की. उन्होंने ट्विटर पर यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि वे ब्रिटेन के अच्छे और बेहतर भविष्य के लिए काम करेंगे. सुनक ने कहा कि वह प्रधानमंत्री रहते हुए ऐसा ब्रिटेन बनाने की कोशिश करेंगे जहां अगली पीढ़ियां अपनी उम्मीदों के दीये जला पाएं.
अगस्त में कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर सुनक लोकप्रिय हिंदू मंदिर भक्तिवेदांत मंदिर गए थे. जब उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं तो विपक्ष के लोगों ने आरोप लगाया कि वो हिंदू वोट को अपने पक्ष में करने के लिए मंदिर गए.
भक्तिवेदांत मंदिर में वो पत्नी अक्षता के साथ गए थे और उन्होंने पंडित से अपनी कलाई पर कलावा भी बंधवाया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुनक हमेशा अपनी टेबल पर श्रीगणेश की एक मूर्ति रखते हैं. सुनक को गौ पूजन करते और मंदिरों में भोजन खिलाते देखा जाता रहा है.
ऋषि सुनक के परिवार ने ब्रिटेन के साउथैंप्टन में एक विशाल हिंदू मंदिर का निर्माण करवाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुनक को धर्म की शिक्षा इसी मंदिर से मिली है.
साल 2020 में बोरिस जॉनसन सरकार में उन्होंने गीता पर हाथ रखकर वित्त मंत्री की शपथ ली थी. गौसेवा करते हुए भी उनके कई वीडियो वायरल हो चुके हैं.
साल 2020 में भी ऋषि सुनक दिवाली मनाते नजर आए थे. बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा था कि आस्था हमारे लिए महत्वपूर्ण है और जब भी मैं मंदिर जाता हूं तो अपने बच्चों के लिए प्रार्थना करता हूं.