नागरिकता संशोधन बिल पर अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के बाद अब संयुक्त राष्ट्र ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता फहरान हक ने नागरिकता संशोधन बिल पर कहा कि संस्था की चिंता बस इतनी है कि सभी सरकारें ऐसे ही कानून लागू करें जिसमें किसी तरह का भेदभाव ना होता हो.
उन्होंने कहा, जहां तक मुझे जानकारी है, अभी ये बिल संसद की प्रक्रिय से
होकर गुजरेगा. जब भारत के घरेलू विधेयक पर चर्चा जारी है, हम अभी कोई
टिप्पणी नहीं कर सकते हैं.
फरहान हक ने आगे कहा, हालांकि, हमें यह सुनिश्चित करना है कि सभी सरकारें बिना भेदभाव वाले कानून ही अपने देश में लागू करें.
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल सोमवार को लोकसभा में पास हो गया था. इस बिल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है.
इस बिल के जरिए इन तीन देशों से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख,
जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी
ताकि देश में उनकी पहचान अवैध प्रवासियों के तौर पर ना हो.
इससे पहले, अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने नागरिकता संशोधन बिल
पर बयान जारी कर इसे गलत दिशा में उठाया गया खतरनाक कदम करार दिया था.
धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग (USCIRF) ने दोनों सदनों में बिल पास
होने पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की मांग कर डाली थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने अमेरिकी आयोग के बयान को गैर-जरूरी बताया था.