संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर विवाद के मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के मंच पर और अधिक मजबूती के साथ उठाना चाहिए. यूएनजीए अध्यक्ष ने कश्मीर मुद्दे की फिलिस्तीन से भी तुलना की. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दे की तुलना में कश्मीर विवाद के समाधान के लिए बड़ी राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी थी.
(फोटो-ट्विटर/@volkan_bozkir)
इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए यूएनजीए प्रमुख वोल्कन बोजकिर ने यह बात कही. वोल्कन बोजकिर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान का विशेष रूप से कर्तव्य है कि वह संयुक्त राष्ट्र के मंच पर इसे (मुद्दे) और अधिक मजबूती से लाए.' उन्होंने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि फिलिस्तीन और कश्मीर मुद्दा एक ही समय के हैं.
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Following our bilateral meeting, H.E. Mr Makhdoom Shah Mahmood Qureshi @SMQureshiPTI and I held a joint press briefing and replied the questions of the press members. #UNGA75 🇺🇳 🇵🇰 pic.twitter.com/E9Fnb2XVXt
— Volkan BOZKIR (@volkan_bozkir) May 27, 2021
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक वोल्कन बोजकिर ने कहा, 'मैंने हमेशा सभी पक्षों से जम्मू-कश्मीर की स्थिति बदलने से परहेज करने का आग्रह किया है.' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के तहत शिमला समझौते में सहमति के अनुसार शांतिपूर्ण तरीकों से समाधान निकाला जाना चाहिए था.
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असल में, वोल्कन बोजकिर का इशारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने की तरफ था. भारत ने 5 अगस्त 2019 को 370 को रद्द कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. भारत के इस फैसले के बाद से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बेपटरी हो गया है.
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष को कश्मीर में "गंभीर स्थिति" के बारे में अवगत कराया था और फिलीस्तीन और कश्मीर के मुद्दों के बीच समानता पर उनका ध्यान आकर्षित किया था.
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Welcome back to 🇵🇰 President #UNGA75 @volkan_bozkir. It is particularly heartening to host @volkan_bozkir today, following his instrumental role in convening a special meeting of the @UN General Assembly last week on #Palestine, in the wake of the deadlock in the UNSC. pic.twitter.com/2jhFHxez0w
— Shah Mahmood Qureshi (@SMQureshiPTI) May 27, 2021
शाह मुहम्मद कुरैशी ने कहा कि फिलिस्तीन और कश्मीर दोनों मुद्दे दशकों से यूएनएससी एजेंडा में रहे हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा, 'ध्यान दीजिए, ये अंतरराष्ट्रीय दायित्व है. संयुक्त राष्ट्र को जिम्मेदारी है कि उसे वो भूमिका निभानी चाहिए जो अब तक बाकी है. कश्मीर विवाद एक हकीकत है और कोई भी न तो इससे इनकार कर सकता है या इसे यूएनएससी के एजेंडे से हटा सकता है.'
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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के निमंत्रण पर वोल्कन बोजकिर आधिकारिक यात्रा पर बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे थे. उन्होंने पाकिस्तान के तमाम नेताओं से मुलाकात की. वोल्कन बोजकिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और शाह मुहम्मद कुरैशी से अलग-अलग मिले. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हाफिज ने बताया चौधरी ने बताया कि वोल्किन बोज्किर ने दोहराया, "जम्मू-कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र अपने चार्टर और प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों के नजरिये से देखता है. इसमें संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में 'स्वतंत्र और निष्पक्ष' जनमत संग्रह की बात कही गई है.
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I was delighted to meet with H.E. PM @ImranKhanPTI & thank him for Pakistan’s substantial contributions to #UNGA75 work & support to my Presidency.
— Volkan BOZKIR (@volkan_bozkir) May 27, 2021
Pakistan’s commitment to #2030Agenda & leadership in climate change & dedication of its UN peacekeeping personel are commendable. pic.twitter.com/JXuuL2v48S
पाकिस्तान में कश्मीर को लेकर फिर तब चर्चा तेज हुई, जब माना जा रहा था कि पड़ोसी मुल्क का रुख नरम होने लगा है. पाकिस्तान, भारत से सामान्य रिश्ते बहाल करने के लिए बैक चैनल से बातचीत भी कर रहा था. शाह महमूद कुरैशी ने खुक कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को भारत का आंतरिक मामला बताया था. उस दौरान कुरैशी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए कहा था कि उस फैसले को भारत के सुप्रीम में चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा कि उनके हिसाब से अनुच्छेद 370 उतना अहम नहीं है.
कुरैशी से पूछा गया कि पाकिस्तान के लिए क्या महत्वपूर्ण है, इस पर उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35ए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के लिए 35ए इसलिए अहम है, क्योंकि इसके जरिये भारत कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश कर सकता है. दरअसल 35ए को राष्ट्रपति के आदेश से संविधान में 1954 में शामिल किया गया था जिसके तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार मिले थे.
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कौन हैं वोल्कन बोजकिरः वोल्कन बोजकिर संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्षता करने वाले पहले तुर्की नागरिक हैं. उन्होंने यूएनजीए प्रमुख की भूमिका संभालने से पहले अगस्त 2020 में पाकिस्तान का दौरा किया था. वह एक पूर्व राजनयिक और एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं. तुर्की की विदेश सेवा में अपने 39 साल के लंबे राजनयिक करियर के बाद, बोज़किर को तीन बार तुर्की संसद के सदस्य के रूप में चुना गया था और उन्होंने संसदीय विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष और यूरोपीय संघ मामलों के मंत्री के रूप में कार्य किया है.
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