कोरोना की भयावह स्थिति के बीच दुनियाभर के देश भारत की मदद के लिए आगे आए हैं. अमेरिका ने भी कोरोना संकट से निपटने के लिए भारत को मदद भेजी है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि उनका देश भारत की काफी मदद कर रहा है. बाइडन ने कहा कि हम भारत और ब्राजील की काफी मदद कर रहे हैं. जब पीएम मोदी से बात हुई तो समझ में आया कि उन्हें वैक्सीन बनाने के लिए सबसे ज्यादा कच्चे माल की जरूरत है. हम उन्हें वो सब चीजें भेज रहे हैं. हम उन्हें ऑक्सीजन भेज रहे हैं. हम उनकी काफी मदद कर रहे हैं.
(फोटो-AP)
अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब समेत कई देश भारत की मदद कर रहे हैं. हालांकि, बड़े स्तर पर आ रही विदेशी मदद के बावजूद भारत में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन, दवाएं और अन्य मेडिकल उपकरणों की कमी पड़ रही है. ऐसे में, ये सवाल भी उठ रहे हैं कि दुनियाभर से भारत को मिल रही मदद कहां जा रही है? सोमवार को अमेरिका के विदेश मंत्रालय की नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी पत्रकारों ने यही सवाल पूछा.
(फोटो-PTI)
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने सवाल किया, 'आपने जिक्र किया कि अमेरिका भारत को लगातार मदद भेज रहा है. इसकी लंबी सूची भी बताई गई. आपने ये भी कहा कि भारत में आपूर्ति भेजने की निगरानी USAID इंडिया कर रहा है. भारत में USAID का बड़ा कार्यालय भी है. ये सामान कहां जा रहे हैं, क्या इसकी कोई निगरानी की जा रही है? भारत के पत्रकारों का कहना है कि लोगों तक मदद नहीं पहुंच रही है.'
(फोटो-ट्विटर/@usaid_india)
इस सवाल पर अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता जुलिना पोर्टर ने कहा, मैं फिर दोहराती हूं कि अमेरिका ने यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवेलपमेंट (USAID) के जरिये भारत को 100 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की मदद मुहैया कराई है.
(फोटो-ट्विटर@StateDeputySpox)
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता जुलिना पोर्टर ने कहा, अब मदद के वितरण की बात है. भारत सरकार ने अनुरोध किया था कि यह मदद USAID इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी को दे और वहां से यह सुनिश्चित किया जाए कि जिसे बहुत ही जरूरत है, उन्हें वहां से जितना जल्दी हो सके, मदद मिल जाए... इसके अलावा अगर आपको और जानकारी चाहिए तो इसके लिए भारत सरकार से संपर्क करना होगा.
@USAID’s 5th emergency shipment in 5 days has landed in India! Carrying 500+ oxygen concentrators to help hospitals create oxygen from air & 100,000+ N95 masks to keep frontline workers safe. Thank you @AirMobilityCmd 433 AW for delivering! #USIndiaDosti pic.twitter.com/NCbwMJeU94
— USAID India (@usaid_india) May 4, 2021
वहीं व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने बताया कि अब तक भारत के लिए छह विमानों के जरिये मदद भेजी गई है. इनमें ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सप्लाई, N95 मास्क, टेस्ट किट और दवाइयां शामिल हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के अनुरोध पर अमेरिकी मदद की खेप इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी को सुपुर्द की गई है.
(फोटो-AP)
जेन साकी ने बताया, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि अभी भारत को ऑक्सीजन की जरूरत है. अमेरिका ने करीब लगभग 1,500 ऑक्सीजन सिलेंडर भारत को मुहैया कराए हैं. इन्हें बाद में भारत में इस्तेमाल किया जा सकेगा.
As part of a whole-of-government effort to slow and eventually end the #COVID19 pandemic, the U.S. is sending medical supplies and equipment to India as that country battles the most recent outbreak:https://t.co/1aNVJrwC9u 🇺🇸🇮🇳 #InThisTogether pic.twitter.com/VmCWkB0Jw1
— Department of Defense 🇺🇸 (@DeptofDefense) April 30, 2021
इसके अलावा, अमेरिका ने करीब 550 ऑक्सीजन कंसट्रेटर भेजे हैं. करीब 25 लाख N95 भेजा गया है. अमेरिका के पास अभी 12.5 मिलियन ये मास्क अतिरिक्त हैं. भारत ने अनुरोध मिलने पर इसे भी भारत भेजा जाएगा. उन्होंने बताया कि एस्ट्राजेनेका विनिर्माण आपूर्ति के लिए आदेश दिए गए हैं. इससे भारत को 20 मिलियन से अधिक वैक्सीन की डोज तैयार करने में मदद मिलेगी.
Just as India came to our aid early in the pandemic, the U.S. is committed to working urgently to provide assistance to India in its time of need. Today we are proud to deliver our first shipment of critical oxygen equipment, therapeutics and raw materials for vaccine production. pic.twitter.com/fAY2mHQLDi
— Secretary Antony Blinken (@SecBlinken) April 29, 2021
विदेश से आ रही मदद के बीच सोशल मीडिया पर विपक्षी दलों के नेता आपूर्ति को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर पूछा कि भारत में अब तक 300 टन विदेशी मदद आ चुकी है लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय नहीं बता रहा है कि इनका क्या हुआ? हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने पूछा था कि 'नौकरशाही ड्रामे के कारण कितनी जीवन रक्षक विदेशी मदद गोदामों में पड़ी है?'
We received at least 300 tonnes of international aid. @PMOIndia isn’t telling us what has happened to it. How much life-saving material is stuck in storage due to bureaucratic drama?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) May 4, 2021
This is not incompetence, it is the complete lack of compassion for fellow citizens pic.twitter.com/nRhbW2PGIo
भारतीय प्रवासियों की भी शिकायत है कि उन्हें भारत की मदद करने में मुश्किलों से भी गुजरना पड़ा रहा है. उन्हें देश में गैर सरकारी संगठनों (NGO), अस्पतालों को मेडिकल सहायता भेजनी मुश्किल हो रही है. मंजूरी प्रक्रिया और इंटीग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स रेट (IGST) के चलते मदद भेजने में मुश्किल हो रही है. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कई खेप IGST नियमों के कारण हवाई अड्डों पर पड़ी हैं.
एम्स्टर्डम, नीदरलैंड में भारतीय प्रवासी का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह के कैप्टन संजय शर्मा की ओर से शुरू की गई 'सपोर्ट ह्यूमैनिटी इन इंडिया' ने 50 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारत भेजा है. लेकिन लॉजिटस्टिक प्रबंधन में उन्हें काफी मुश्किल आ रही है. शुरू में भारत सरकार कोरोना राहत के लिए निजी संस्थाओं द्वारा गैर-सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों को आयात की जा रही मदद पर आईजीएसटी में छूट देने के लिए तैयार नहीं थी. यह छूट केवल भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के माध्यम से भारत सरकार को दिए गए योगदान के लिए ही लागू थी.
(फोटो-ट्विटर/@usaid_india)