डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने जब से रनिंग मेट (उपराष्ट्रपति उम्मीदवार) के तौर पर सीनेटर कमला हैरिस का चयन किया है, ट्विटर पर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के बीच सवालों का तूफान आया हुआ है.
हैरिस और उनकी बहन माया की परवरिश एक सिंगल मदर श्यामला गोपालन ने की. एक भारतीय तमिल महिला जो लंबे घंटों तक काम करती और बेटियों को कामयाब देखने का सपना देखती. यह 1970 के दशक की बात है. हैरिस अपनी मां को याद करने और श्रेय देने का कोई मौका नहीं चूकतीं. राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए अपने शुरुआती भाषणों से लेकर इस हफ्ते बिडेन की ओर से उपराष्ट्रपति उम्मीदवारी स्वीकार करने वाली स्पीच तक, हैरिस ने मां के खुद पर असर को शिद्दत के साथ याद किया.
हैरिस और उनकी बहन अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय के परिवेश में पली-बढ़ीं. वो समुदाय जिसने नागरिक अधिकारों के आंदोलन में अपने अभिभावकों को हिस्सा लेते देखा. दोनों बहनों ने बड़े होने के दौरान अपनी भारतीयता के साथ-साथ अफ्रीकी पहचान को भी गले लगाया.
हैरिस और उनकी बहन माया ने बार-बार कहा है कि उनकी मां उनके लिए मजबूत पिलर थीं, जिन्होंने उन्हें लड़ना सिखाया और बताया कि स्ट्रॉन्ग पर्सनेल्टी को कैसे आकार दिया जाए. गुरुवार को हैरिस ने ट्वीट किया कि कैसे उनकी मां ने उन्हें शिकायती रोना रोने की जगह एक्शन के लिए बढ़ावा दिया. वो कहती थीं, “ऐसे ही मत बैठो और खाली चीजों के बारे में शिकायत करते रहो, इसकी जगह आगे बढ़ कर कुछ करो.” हैरिस ने कहा, 'काश वो हमारे साथ इस हफ्ते यहां होतीं.'
हैरिस एक बच्ची और युवा के तौर अपने नाना पी वी गोपालन के खुद पर प्रभाव की भी बात करती हैं. वो हमेशा ऐसे लोकसेवकों (पब्लिक सर्वेंट्स) की अलग पहचान करने के लिए कहते थे जो सच में देश की सेवा करते हैं, वैसे नहीं जो भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं. हैरिस के मुताबिक उनकी नाना से स्पेशल बॉन्डिंग थी.
संयोग से, हैरिस के पिता डॉनल्ड हैरिस अधिक तस्वीर में नहीं हैं. कमला हैरिस के पिता स्टैनफोर्ड में एक विशिष्ट एकेडमिक करियर के बाद रिटायर हुए. ऐसा लगता है कि कमला और माया अपने पिता के अधिक करीब नहीं रहीं.
हैरिस के पास दिखने में भारतीयों के बीच काफी स्वीकार्यता है. हालांकि, पहली बात तो साफ है कि हैरिस की दौड़ भारत में उपराष्ट्रपति बनने के लिए नहीं हैं. वे अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार हैं. हैरिस अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगी, अमेरिकी राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देंगी. अगर बिडेन जीतते हैं, तो हैरिस यह पता लगाएंगी कि अमेरिका-भारत हित कहां मिलते हैं और दोनों देश एक साथ कैसे काम कर सकते हैं.
हैरिस को भारत सरकार के साथ केवल इसलिए सहमत नहीं होना है क्योंकि वह आधी भारतीय हैं. हालांकि भारतीय अमेरिकी समुदाय में कुछ की ऐसी ही अपेक्षा लगती है. यह न सिर्फ गैर वाजिब है बल्कि ‘सेल्फ-डिफीट’ जैसा है. हां, भारतीय अमेरिकी कभी-कभी भारत की नीतियों के बारे में अधिक आलोचनात्मक हो सकते हैं क्योंकि वे अपनी निष्पक्षता साबित करना चाहते हैं. देखना होगा कि कमला हैरिस की आधी भारतीयता उनकी नीतियों को किस हद तक प्रभावित करती है.