फलस्तीन के दिवंगत नेता यासिर अराफात की मौत इजराइल का जहर देने के कारण होने संबंधी आरोपों की जांच के मद्देनजर उनके अवशेष कब्र से निकाल लिए गए.
यासिर अराफात का शव कब्र से निकालने के बाद विशेषज्ञों ने जांच की प्रक्रिया आरंभ कर दी है.
कब्र से अराफात के अवशेषों को बाहर निकालने काम गुप्त रूप से किया गया और कब्र के चारो ओर घेरा लगा दिया गया ताकि लोग इसे नहीं देख सकें.
एक फलस्तीनी सूत्र ने बताया, ‘अवशेषों को कब्र से बाहर निकालने की प्रक्रिया भारतीय समयानुसार सुबह साढ़े आठ बजे आरंभ हुई. नमूने अलग करने के लिए अवशेषों को कब्र के बगल में मौजूद मस्जिद में ले जाया गया.’
सूत्र के मुताबिक एक फलस्तीनी चिकित्सक को अवेशषों को छूने और उनके नमूनों को अलग करने की इजाजत होगी.
यासिर अराफात के शव की जांच प्रक्रिया के दौरान फ्रांस, स्विट्जरलैंड और रूस के विशेषज्ञ मौजूद रहे.
यासिर अराफात के शव के नमूने अलग करने के बाद अवशेषों को फिर एक सैन्य समारोह में दफन कर दिया जाएगा. यासिर अराफात का शव जब दोबारा दफनाया जाएगा तो इस समारोह का टेलीविजन पर लाइव प्रसारण होने की उम्मीद है.
करीब चार सप्ताह तक अराफात की कब्र का सुरक्षा घेरा सख्त होगा और यहां तक कि मीडिया और आम लोगों के वहां पहुंचने पर रोक होगी.
शव को बाहर निकालने की प्रक्रिया के दौरान यरूशलम के मुफ्ती मोहम्मद हुसैन भी मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा था कि अवशेष निकाले जाने के वक्त वह मौजूद रहेंगे.