पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भारत पहुंच गए हैं. इस दौरे की अहमियत इस बात से भी समझी जा सकती है कि पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी भी भारत दौरे पर आयी हैं.
भारत पहुंचने पर हाथ हिलाकर आगवानी के लिए पहुंचे लोगों और मीडिया का अभिनंदन करते पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी
दौरे से पहले पाक राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने उम्मीद जताई कि वार्ता सिर्फ हाफिज सईद के मुद्दे पर ही केंद्रित नहीं होगी.
दोनों पड़ोसी मुल्कों के देशवासियों की निगाहें इस बहुप्रतीक्षित मुलाकात पर टिकी हुई हैं. लोगों ने इस यात्रा से अमन बढ़ने की आस लगा रखी है.
उम्मीद की जा रही है कि अजमेर रवाना होने से पहले जरदारी, मनमोहन सिंह को अपने देश आने का न्यौता देंगे.
जरदारी की यात्रा को लेकर नई दिल्ली और अजमेर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं.
अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के प्रभारियों ने जरदारी को भेंट देने की खास तैयारी की है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल बासित ने इस्लामाबाद में पत्रकारों से कहा, 'राष्ट्रपति जरदारी वर्ष के अंत तक मनमोहन सिंह को पाकिस्तान आने का न्योता देंगे.'
नई दिल्ली में जानकार सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह और जरदारी कश्मीर एवं आतंकवाद सहित सभी मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं.
पिछले सात वर्षों में किसी पाकिस्तानी राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा है. जरदारी के साथ 40 से अधिक सदस्यों का एक शिष्टमंडल भी भारत पहुंचा है.
जरदारी हवाईअड्डे से सीधे 7 रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पहुंचे.
जरदारी के साथ आंतरिक मंत्री रहमान मलिक, विदेश सचिव जलील अब्बास जिलानी, राष्ट्रपति के प्रवक्ता फरहतुल्लाह बाबर और राष्ट्रपति कार्यालय के अधिकारी भी हैं.
जरदारी के भारत पहुंचने पर उनकी अगवानी केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने की.
नई दिल्ली में जरदारी की सुरक्षा में करीब 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जबकि राजस्थान के अजमेर को पहले ही किले में तब्दील कर दिया गया है.
हवाईअड्डे से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के सरकारी आवास तक के 25 किलोमोटर लम्बे मार्ग की ऊंची इमारतों पर विशेष बलों को तैनात किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति का हेलीकॉप्टर शाम 4.10 बजे अजमेर पहुंचेगा.
दरगाह के प्रभारियों ने जरदारी और उनके परिजनों के स्वागत के लिए खास तैयारी की है.
प्रभारियों में से एक सैयद इकबाल कप्तान ने कहा कि जरदारी को परम्परागत लाल पगड़ी बांधकर स्वागत किया जाएगा.
वहां से हेलीकाप्टर से अजमेर में घुगरा हेलीपैड पहुंचे. हेलीपैड से 12.3 किलोमीटर के फासले पर स्थित दरगाह जाने के लिए पाकिस्तानी मेहमान सड़क मार्ग से रवाना हुए.
राष्ट्रपति जरदारी आज सुबह दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात और उनके द्वारा आयोजित भोज में शामिल होने के बाद विमान से जयपुर के सांगानेर हवाई अड्डे पर उतरे.
जरदारी ने ‘फातिहा’ पढ़ा और मस्जिद परिसर की परिक्रमा लगायी. उनसे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर परवेज मुशर्रफ और जिया उल हक गरीब नवाज के हुजूर में हाजिरी लगा चुके हैं.
जरदारी ने इस मौके पर आगंतुक पुस्तिका में लिखा, ‘इस मुकद्दस मुकाम पर आकर मुझे जो रूहानी खुशी महसूस हुई है वो नाकाबिले बयान है. अल्लाह ताला से दुआ है कि वो तमाम इंसानियत के लिए आसानियां पैदा करे. आमीन.’
केन्द्रीय मंत्री पवन बंसल ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरफ से दरगाह में चादर चढ़ाई. जरदारी की यात्रा के लिए मिनिस्टर इन वेटिंग बंसल ने शांति और सौहार्द की प्रार्थना की.
वह सूफी संत की दरगाह में तकरीबन 20 मिनट तक रहे और 42 वर्ग मीटर लंबी लाल चादर चढ़ाई और फूल भी चढ़ाए. बिलावल ने हरे रंग की चादर चढ़ाई.
गहरे नीले रंग का सलवार कमीज पहने 56 वर्षीय जरदारी के साथ उनके पुत्र बिलावल, गृह मंत्री रहमान मलिक और 44 सदस्यीय मंत्रिमंडल के बाकी सदस्य थे.
जरदारी के साथ आए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने दरगाह के विकास के लिए दस लाख अमेरिकी डालर देने का ऐलान किया. अंजुमन कमेटी के उपाध्यक्ष सैयद कलीमुद्दीन चिश्ती ने यह जानकारी दी.
भारत के एक दिवसीय दौरे के अंत में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यहां पहुंचे जरदारी ने कहा कि वह इस पवित्र स्थान पर आकर ऐसी रूहानी खुशी महसूस कर रहे हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने आज 13वीं शताब्दी के सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत की और दरगाह के विकास के लिए दस लाख डालर (5 करोड़ रुपये) की राशि देने का ऐलान किया.