सऊदी अरब सरकार के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि 2023 में कुल 18 लाख भारतीय मुसलमानों ने उमरा किया. इसी के साथ ही भारतीय सऊदी अरब में उमरा के लिए जाने वाले तीसरे सबसे बड़े विदेशी बन गए हैं. सऊदी की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आनेवाले सालों में भारत की तरफ से उमरा के लिए आनेवाले लोगों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी.
उमरा सऊदी अरब के सबसे पवित्र इस्लामिक शहर मक्का में की जाने वाली एक तीर्थयात्रा है जो हज से उलट साल में किसी भी समय की जा सकती है.
सऊदी अधिकारियों ने कहा कि उमरा के लिए सऊदी अरब आने वाले मुसलमानों में भारतीय मुसलमान तीसरे नंबर पर हैं. हालांकि, उन्होंने शीर्ष दो देशों का नाम नहीं बताया.
उमरा के लिए भारतीयों की बढ़ती संख्या के महत्व को देखते हुए सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्री डॉ. तौफीक बिन फौजान अल-रबिया दिसंबर की शुरुआत में भारत आए थे. सऊदी के मंत्री 4-6 दिसंबर के बीच Nusuk प्लेटफॉर्म की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
Nususk प्लेटफॉर्म को सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने साल 2022 में लॉन्च किया था जिसका उद्देश्य हज यात्रा को सुविधाजनक बनाना है. अब हज के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Nusuk के जरिए रेजिस्ट्रेशन भी किया जा सकता है.
क्या है उमरा?
उमरा सऊदी अरब के शहर मक्का की मस्जिद में किया जाता है. हज से इतर उमरा एक छोटी धार्मिक यात्रा है जो दो घंटे के अंदर संपन्न हो जाती है. माना जाता है कि उमरा करने से इंसान के सभी गुनाह माफ हो जाते हैं.
उमरा साल में किसी भी समय किया जा सकता है. इस्लाम में कहा गया है कि आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम मुसलमानों को जीवन में एक बार हज करना अनिवार्य है लेकिन उमरा को लेकर ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. उमरा स्वैच्छिक है और हज के लिए जाने वाले अधिकतर मुसलमान उमरा भी करते हैं.
उमरा करने सऊदी जाने वाले लोग मक्का स्थित काबा के चारों तरफ चक्कर लगाते हैं.
उमरा के लिए खास तरह का वस्र पहनते हैं मुसलमान
उमरा के लिए जाने वाले मुसलमान एक खास तरह का वस्र एहराम पहनते हैं. यह बिना सिला कपड़ा होता है जिसे केवल पुरुष ही पहनते हैं. महिलाओं के लिए एहराम जरूरी नहीं है. वो अपने पसंद का कोई भी सलीके का वस्र पहनकर उमरा कर सकती हैं.