मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के आरोपियों को लेकर पाकिस्तान चाहे कितने भी बहाने बनाए लेकिन हकीकत जस की तस है. एक ताजा रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 26/11 हमले की साजिश सीमापार जड़े जमाए आतंकी गुट लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रची थी. यही नहीं, इसकी योजना भारत पर कमांडो हमला करने के स्टाइल में बनाई थी जो पहले के अभियानों से ज्यादा खतरनाक होता.
न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रो पब्लिका और पीबीएस सीरीज की फ्रंटलाइन में छपी रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर शुरुआत में भारत और कश्मीर पर ध्यान केंद्रित करना चाहता था लेकिन बाद में उसकी दिलचस्पी पश्चिमी देशों में होने लगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर और आईएसआई के रिश्तों में कुछ तनाव आ गया क्योंकि कुछ आतंकवादी पश्चिमी देशों पर अल-कायदा की तरह हमले के पक्ष में थे.
साक्षात्कारों और अदालती फाइलों के हवाले से रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई के कुछ अधिकारियों और आतंकवादी सरगनाओं ने फैसला किया कि लश्कर की इमेज और इसकी ताकत का प्रदर्शन करने के लिए जोरदार हमला करने की जरूरत है. रिपोर्ट में कहा गया है, भारत में कमांडो स्टाइल में हमला करने की योजना बनाई गई थी जिसमें वहां के अमेरिकी, ब्रितानी और यहूदियों को भी निशाना बनाया जा सके. निशाना भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, लश्कर सरगना ने एक साजिश रची जो पहले के अभियानों से खतरनाक थी. लश्कर के पश्चिमी अभियान में 2003 में ऑस्ट्रेलिया पर हमले और आतंकवादियों की भर्ती करने, हथियार खरीदने और उत्तर अमेरिका और यूरोप के लिए फंड जुटाना शामिल था.
नेशनल इंटेलीजेंस ऑफिस के निदेशक के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने जून और नवम्बर 2008 के बीच कई मौकों पर भारत सरकार को मुंबई पर लश्कर के खतरे की चेतावनी दी. रिपोर्ट में कहा गया है, इस सूचना में महानगर में कई संभावित निशाने की पहचान की गई लेकिन हमारे पास हमले के तरीके और समय के बारे में खास सूचना नहीं थी.
(भाषा से इनपुट)