पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के एक कबाइली क्षेत्र में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों पर कब्जे के लिये सुरक्षा बलों और तालिबान समर्थक आतंकियों के बीच हुये भीषण संघर्ष में कम से कम 30 सैनिक मारे गये और लगभग 100 आतंकी ढेर हुये हैं.
पाकिस्तान की मीडिया में आज आयी खबरों के अनुसार खबर कबाइली क्षेत्र में तिराह वैली पर कब्जे के लिये चल रही लड़ाई कल काफी व्यापक हो गयी. सोमवार को लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. इस क्षेत्र से मिली खबरों में कहा गया है कि दोंनो ओर (सुरक्षा बलों और लश्कर-ए-इस्लाम) काफी संख्या में लोग मारे गये हैं. ‘डान’ अखबार की वेबसाइट पर सैन्य सूत्रों के हवाले से जारी खबर के अनुसार कम से 30 सुरक्षाकर्मी और 97 आतंकी मारे गये हैं.
लश्कर-ए-इस्लाम एवं तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान तिराह वैली में कई जगहों पर कब्जा जमाये हुये हैं और सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ने के लिये व्यापक अभियान चलाया है, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच भीषण मुठभेड़ चल रही है. सैन्य सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार को अभियान शुरू होने के बाद से ही आतंकी भी तेज जवाबी हमले कर रहे थे.
‘डॉन’ अखबार ने नाम लिये बगैर कुछ सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि इस मुठभेड़ में मारे गये सुरक्षाकर्मियों में विशेष सेवा समूह के एक अधिकारी समेत कई अधिकारी भी शामिल हैं. इस कबाइली क्षेत्र में संवाददाताओं के जाने पर रोक के कारण मारे गये लोगों की संख्या की अलग से पुष्टी नहीं हो पायी.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत स्थित चर्चित तोरा-बोरा पहाड़ी से नजदीकी के कारण तिराह वैली सामरिक तौर पर काफी महत्वपूर्ण है. ओरकजई एजेंसी में सैन्य अभियान से बचकर भागे तालिबान समर्थक आतंकियों ने पिछले महीने इस घाटी पर नियंत्रण कर लिया था.
एक अधिकारी ने तिराह पर आतंकियों के कब्जे को बड़ा झटका करार दिया क्योंकि खबर एजेंसी के बारा से पेशावर सिर्फ एक घंटे की दूरी पर है. तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के प्रवक्ता एहसानुल एहसान ने कहा है कि लश्कर-ए-इस्लाम सुरक्षा बलों से लड़ रहा है और जरूरत पड़ने पर तालिबान इस समूह की मदद करेगा. उसने दावा कि मुठभेड़ में लश्कर-ए-इस्लाम के एक कमांडर समेत सिर्फ पांच सदस्य मारे गये हैं.