भारत ने गुरुवार सुबह युद्ध प्रभावित दक्षिण सूडान के शहर जूबा के लिए दो सी-17 सैन्य परिवहन विमान भेज दिए. इनके जरिए वहां फंसे 600 से अधिक भारतीयों को निकालकर देश लाने की कोशिश की जाएगी.
भारत सरकार के इस 'ऑपरेशन संकटमोचन' नाम के अभियान का नेतृत्व विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह कर रहे हैं.
हर भारतीय को वापस लाने की होगी कोशिश
जनरल वीके सिंह ने गुरुवार सुबह सूडान रवाना होने से पहले करीब 5 बजकर 16 मिनट पर ट्वीट कर लोगों के शुभकामनाओं के लिए आभार जताया. सिंह ने कहा कि वे हर भारतीय को देश वापस लाने की पूरी कोशिश करेंगे.
Time to leave.Thanku all 4the messages & good wishes. We will do our best 2bring back every Indian.Op #SankatMochan pic.twitter.com/sinaTqBwCC
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) July 13, 2016
दो सी-17 विमान गुरुवार सुबह जूबा रवाना
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘जनरल ने एक बार फिर जिम्मेदारी ली है. दो सी-17 विमान कल
जूबा जा रहे हैं. जनरल वी के सिंह दक्षिण सूडान से लोगों को निकालने के अभियान का नेतृत्व करेंगे.’ सिंह ने संघर्ष प्रभावित
यमन से बीते साल करीब चार हजार भारतीयों को निकालने के अभियान की निगरानी की थी.
मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वैध भारतीय यात्रा दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों को ही विमान में सवार होने दिया जाएगा. वे अपने साथ अधिकतम पांच किलोग्राम ‘केबिन लगेज’ ला सकते हैं.
The General takes charge again!
— Vikas Swarup (@MEAIndia) July 13, 2016
2 C-17s proceeding to Juba tomorrow with @Gen_VKSingh leading evac'n frm South Sudan pic.twitter.com/H48qiBJHad
महिलाओं-बच्चों को विमान में मिलेगी प्राथमिकता
बताया गया कि महिलाओं और बच्चों को विमान में प्राथमिकता से जगह दी जाएगी. सभी भारतीय नागरिक
जूबा-कंपाला-तिरुवनंतपुरम-दिल्ली हवाई रास्ते से देश वापस आएंगे. इनमें से कुछ तिरुवनंतपुरम और बाकी दिल्ली में उतरकर
अपनी अगली यात्रा करेंगे.
जनरल वी के सिंह दोबारा करेंगे बचाव दल की निगरानी
जनरल वी के सिंह के अलावा आर्थिक संबंध सचिव अमर सिन्हा, ज्वाइंट सेक्रेटरी सतबीर सिंह और निदेशक अंजनी कुमार भी
जूबा जाएंगे. भारत दक्षिण सूडान में घटनाक्रमों पर नजदीकी नजर रखे हुए था. इस मकसद के लिए एक कार्यबल का गठन
किया गया है. वहां भारतीय राजदूत श्रीकुमार मेनन अपनी टीम के साथ लगातार इसकी निगरानी कर रहा हैं.
सूडान में जारी है दोतरफा संघर्ष
जूबा शहर के कई हिस्सों में पूर्व विद्रोही और सैनिकों के बीच भारी संघर्ष जारी है. विदेश मंत्रालय के अनुसार दक्षिण सूडान में
करीब 600 भारतीय हैं. इनमें से 450 जूबा में और करीब 150 राजधानी के बाहर हैं. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अभी तक
करीब 300 भारतीयों ने वहां से निकाले जाने के लिए भारतीय दूतावास में पंजीकरण कराया है.
एयरलिफ्ट फेम अक्षय ने विदेश मंत्री से लगाई गुहार
इससे पहले बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने भी दक्षिण सूडान के जुबा में फंसे भारतीयों को तेजी से निकालने के लिए विदेश
मंत्री सुषमा स्वराज से बुधवार को आग्रह किया था. फिल्म ‘एयरलिफ्ट’ में 48 साल के अक्षय कुमार ने भारतीय कारोबारी
रंजीत कात्याल की भूमिका निभाई है. कात्याल सद्दाम हुसैन के इराक आक्रमण के दौरान कुवैत में अपने देशवासियों को
निकालने के अभियान की अगुवाई करता है.
अक्षय ने किया मदद के लिए ट्वीट
अक्षय ने विदेश मंत्री से अनुरोध करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘सुषमा मैडम, आपसे अनुरोध है कि कृपया सूडान में फंसे
भारतीयों को निकालने के त्वरित उपाय करें. हम उनके सुरक्षित भविष्य की कामना करते हैं.’
.@SushmaSwaraj Ma'am request for speedy measures and actions to evacuate Indians stranded in Sudan. Prayers with them. #SaveIndiansInJuba
— Akshay Kumar (@akshaykumar) July 12, 2016
Thank you Ma'am appreciate the promptness. Hoping to hear about the successful evacuation operation soon. https://t.co/YG2CWm4PBP
— Akshay Kumar (@akshaykumar) July 12, 2016
सुषमा स्वराज ने दिया पक्का भरोसा
ट्विटर पर फौरन जवाब देने के लिए जानी जाने वाली स्वराज ने आश्वासन दिया कि सरकार इसके लिए काम कर रही है.
उन्होंने लिखा, ‘अक्षय कुमार जी, कृपया चिंता न करें. हम जुबा से भारतीय नागरिकों को निकाल रहे हैं.’
Akshay Kumar ji - Pl do not worry. We are evacuating Indian nationals from Juba (South Sudan). https://t.co/Ppj3ojcIlm
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) July 12, 2016