नेपाल में शुक्रवार को भूकंप के चार और झटकों ने 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप से प्रभावित लोगों के अंदर दहशत पैदा कर दी. नेपाल में भूकंप से मृतक संख्या करीब 8000 हो गई है.
उधर संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल को अब तक मिले अंतरराष्ट्रीय सहयोग को कम बताते हुए चिंता जाहिर की है.
शक्तिशाली भूकंप आने के दो हफ्ते बाद भी हल्के झटके जारी रहे और शुक्रवार तड़के से लेकर दोपहर दो बजे तक रिक्टर पैमाने पर चार से अधिक तीव्रता वाले चार झटके महसूस किए गए और लगभग सभी का केंद्र सिंधुपालचौक जिले के आसपास था.
आखिरी झटका दोपहर 1:32 बजे आया, जिसकी तीव्रता 4.6 थी. सुबह छह बजे 5 तीव्रता का झटका महसूस किया गया था, जिसका केंद्र काठमांडू के पूर्व में सिंधुपालचौक और दोलाखा के पास था.
नेशनल सिस्मोलॉजिकल सेंटर के रत्नमणि गुप्ता के अनुसार, इसके बाद सुबह 8:19 बजे 4.2 तीव्रता का एक और झटका आया जिसका केंद्र सिंधुपालचौक था.
देर रात के बाद 2:19 बजे भी चार तीव्रता का भूकंप का झटका आया था. इसका भी केंद्र सिंधुपालचौक जिले में था. हालांकि अभी तक इन झटकों से किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है.
पिछले 80 साल में आये देश के सबसे भयावह भूकंप के बाद रिक्टर पैमाने पर चार या इससे अधिक तीव्रता के करीब 150 झटके महसूस किये जा चुके हैं.
नेपाल पुलिस के अनुसार विनाशकारी भूकंप से मृतक संख्या 7903 हो गयी है, वहीं भूकंप से घायल हुए लोगों की संख्या 17803 है.
सिंधुपालचौक भूकंप से सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है, जहां करीब 3000 लोग मारे गए. काठमांडू में 1209 लोग मारे जा चुके हैं.