इराक में फंसी 46 भारतीय नर्सें वापस अपने वतन लौट आई हैं. लेकिन वहां फंसे 40 युवकों का भारत सरकार अभी तक कोई पता नहीं लगा पायी है. उन 40 युवकों के घर पर गम का माहौल बना हुआ है. सरकार द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन ही दिया जा रहा है. बंदी युवकों को वापस लाने के लिए सरकार कोई उचित कार्रवाई नहीं कर रही है.
इराक में बंदी बनाए गए 40 भारतियों में से एक कमलजीत सिंह, जो कि होशियारपुर के रहने वाले हैं, के परिवार से जब बात की गयी तो कमलजीत के भाई परमिंदर सिंह ने कहा कि 11 जून से बंदी बनाये गए भारतियों को रिहा करवाने के लिए भारत सरकार और पंजाब सरकार को कई बार अपील की जा चुकी है लेकिन उनको रिहा करवाने के लिए सरकार सिर्फ कोशिश कर रही है और आश्वासन दे रही है. जबकि नर्सों को बंदी नहीं बनाया गया था. वह खुद अस्पताल के तहखाने में छिपी हुई थीं. उनका पता लगने पर सरकार सख्त कार्रवाई कर भारत वापस लाने के लिए जुट गयी थी.
कमलजीत की मां संतोष कहती हैं- 'नर्सों की रिहाई तो सरकार ने करवा ली है लेकिन उनके बच्चे जो कि 11 जून से बंदी बनाये हुए है उनको अभी तक रिहा नहीं करवाया गया है, न ही उनकी कोई खबर मिली है कि वह कहां पर हैं. सरकार द्वारा उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है. उन्हें रिहा करवाने के लिए कोई सख्त कारर्वाई नहीं की जा रही है. उनकी सरकार से यही मांग है कि उनके बच्चों को रिहा करवाकर जल्द ही वापस भारत लाया जाए.