अमेरिका का पॉश इलाका लॉस एंजिल्स पिछले 6 दिनों से धधक रहा है. जंगलों से फैली आग रिहायशी इलाकों में तांडव कर रही है. ये आग कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसने इलाके की करीब 40 हजार एकड़ जमीन को अपनी जद में लिया है. 12 हजार से ज्यादा इमारतें जलकर खाक हो गई हैं. इसमें कई मशहूर हस्तियों के घर भी शामिल हैं. लॉस एंजिल्स इलाका सिनेमा के सितारों की रिहाइश के लिए फेमस है. यहां घरों की कीमतें आसमान छूती हैं.
अमेरिका के इतिहास की सबसे महंगी त्रासदी
दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्थित लॉस एंजिल्स शहर देश की फिल्म और टेलीविजन उद्योग का केंद्र है. इस इलाके में फैली आग से अबतक 16 लोगों की मौत हुई है, लेकिन अमेरिका के तमाम अखबारों और वेबसाइटों को खंगालने पर पता चलता है कि ये आंकड़ा शुरुआती ही है. कई लोग लापता हैं. करीब 2 लाख लोगों को इस भयानक आग के चलते विस्थापित होना पड़ा है. वहीं, डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों को किसी भी वक्त घर छोड़ने के लिए अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा गया है.
भारत के कई राज्यों के बजट से ज्यादा का नुकसान
अमेरिका की तमाम एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक, लॉस एंजिल्स में लगी आग अमेरिका के इतिहास की सबसे खतरनाक और महंगी आग हो सकती है. रिपोर्ट के अनुसार, इस आग के चलते 135 बिलियन डॉलर से 150 बिलियन डॉलर (11 से करीब 13 लाख करोड़) तक का नुकसान हो सकता है. वहीं, खाक हुई संपत्तियों में 8 बिलियन डॉलर की संपत्ति ऐसी है जो बीमा के दायरे में आ सकती है.
अगर इस नुकसान को भारत के संदर्भ में समझें तो यह यूपी-बिहार, मध्य प्रदेश और दिल्ली के बजट के बराबर है. दरअसल, यूपी का बजट 7 लाख करोड़ रुपये का है, वहीं बिहार का कुल बजट करीब 3 लाख करोड़ रुपये का है, वहीं मध्य प्रदेश का बजट भी 3 लाख करोड़ से ज्यादा का था. राजधानी दिल्ली का साल 2024 का बजट करीब 76 हजार करोड़ रुपये का था. इन राज्यों के बजट को मिला लिया जाए तो इतने नुकसान की उम्मीद लॉस एंजिल्स की आग में अमेरिका को होने की उम्मीद है.
लॉस एंजिल्स के किन इलाकों में लगी आग
रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉस एंजिल्स के करीब 6 इलाकों में ये आग सबसे बुरे तरीके से फैली है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव पैलिसेड्स में देखने को मिल रहा है.
पैलिसेड्स में सबसे ज्यादा तबाही
लॉस एंजिल्स का पैलिसेड्स इलाका इस आग से सबसे ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है. इस इलाके ने ऐसी तबाही कभी नहीं देखी थी. यहां मंगलवार को आग ने अपने पांव पसारने शुरू किए थे. इस इलाके की करीब 21 हजार एकड़ जमीन पर आग का कहर देखने को मिला है. इसमें पॉश माना जाने वाला पेसिफिक पैलिसेड्स का इलाका भी शामिल था. मौजूदा हालात की बात करें तो प्रभावित इलाके की करीब 15 फीसदी आग को ही अबतक बुझाया जा सका है.
हर्स्ट में भी दिखी तबाही
बताया जा रहा है कि इस इलाके में भी मंगलवार को ही आग लगी थी. इसने यहां के 775 एकड़ जमीन को तेजी से अपने प्रभाव में ले लिया. हालांकि, गनीमत ये है कि इस इलाके की करीब 75 फीसदी प्रभावित इलाके पर आग से काबू पा लिया गया है.
दूसरा सबसे बड़ा प्रभावित इलाका है इटन
लॉस एंजिल्स के उत्तरी इलाके में बसा इटन इस आगजनी से प्रभावित होने वाला दूसरा सबसे बड़ा इलाका है. इलाके के हिसाब से देखा जाए तो यहां के 14 हजार एकड़ जमीन पर आग फैली थी. लेकिन अबतक 10 फीसदी से कम इलाके पर आग से काबू पाया जा सका है.
लिडिया, कैनेथ और आर्चर में भी तबाही
इसके अलावा इस शहर के लिडिया, कैथ और आर्चर इलाके में भी तबाही देखने को मिली है. लिडिया लॉस एंजिल्स के उत्तर की तरफ का इलाका है और 100 एकड़ में फैला है. हालांकि, यहां के ज्यादातर हिस्से पर आग से काबू पा लिया गया है. वहीं, वेर्चूरा काउंटी की सीमा के पास बसे कैनेथ इलाके में आग लगने की शुरुआती घटना गुरुवार को हुई थी. यहां के एक हजार एकड़ में आग फैली है. वहीं, आर्चर इलाके में शुक्रवार को आग लगना शुरू हुई और मीडोलार्क और ग्रानाडा हिल्स इलाके की तरफ बढ़ी. वहीं, इससे पहले सनसेट, वूडली और ओलिवाज में लगी आग पर काबू पा लिया गया था.
क्यों इस इलाके में लगी आग
हालांकि, इतनी बड़ी आग कैसे लगी, इसको लेकर जांच जारी है. लेकिन अमेरिका की तमाम रिपोर्ट्स से जो पता चलता है कि इसके पीछे तेज हवाओं और सूखे मौसम को जिम्मेदार माना जा रहा है. वहीं, कुछ एक्सपर्ट इस भयानक आग के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मान रहे हैं. उनका तर्क है कि इलाके में बढ़ती गर्मी, लंबे समय तक सूखा और शुष्क वायुमंडल सहित जलवायु परिवर्तन जंगलों में आग के खतरे की प्रमुख वजह हैं.
हाल के महीनों में मौसम का बहुत ज्यादा गर्म रहना और बारिश की कमी की वजह से कैलिफोर्निया खासतौर पर असुरक्षित है. अमेरिका में दक्षिणी कैलिफोर्निया में आग लगने का मौसम आमतौर पर मई से अक्टूबर तक माना जाता है. लेकिन राज्य के गवर्नर गैविन न्यूसम ने पहले ही बताया है कि आग लगना पूरे साल की एक समस्या बन गई है.
एक आकलन के अनुसार 1990 के बाद से दुनिया में 42 लाख वर्ग किलोमीटर जमीन से जंगल खत्म हो गए हैं. इसमें अधिकतर अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया के हिस्से हैं. वहीं, कैलिफोर्निया में भी जंगल के इलाकों को खूब काटा गया है और वहां लोगों को बसाया गया है. इसने भी इस समस्या को खूब बढ़ाया है.
सेंटा ऐना हवाएं क्यों मानी जा रही जिम्मेदार?
इतने बड़े पैमाने पर आग भड़कने के लिए सेंटा ऐना हवाओं को भी जिम्मेदार माना जा रहा है. ये हवाएं जमीन से समुद्र तट की ओर बढ़ती हैं. सेंटा ऐना हवाएं तब चलती हैं जब ग्रेट बेसिन पर उच्च दबाव बनता है और कैलिफोर्निया के तट पर दबाव कम होता है. आम तौर पर इनकी रफ्तार 95-135 किलोमीटर प्रति घंटा होती है लेकिन कभी-कभी यह 165 किमी प्रति घंटे से भी अधिक हो जाती है. ये हवाएं साल में कई बार बहती हैं. लेकिन जब ये हवाएं जंगल की आग के साथ मिलती हैं, तो भारी तबाही होती है.
क्या आग से निपटने के इंतजाम नाकाफी थे?
वैसे तो दक्षिणी कैलिफोर्निया में मई से अक्तूबर के बीच जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं. लेकिन इस बार इतने बड़े पैमाने पर भड़की आग ने कई सवाल भी खड़े किए हैं. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि क्या लॉस एंजिल्स में इतनी बड़ी आग से निपटने के लिए तैयारी थी? दरअसल, कई रिपोर्ट्स सामने आई जिसमें कहा गया कि फायर फाइटर्स के पास आग बुझाने के लिए पानी की कमी थी. ट्रंप ने इसको लेकर मौजूदा सरकार पर निशाना भी साधा.
ऊंचाई वाले इलाकों में कोई खास तैयारी नहीं दिखी. लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के दौरान भी कई तरह की कमियां देखने को मिली, जिसको लेकर वहां सवाल उठ रहे हैं. वहीं, लॉस एंजिल्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कई एक्सपर्ट्स ने पहले ही चेतावनी दी थी कि कभी भी इस इलाके में आपदा आ सकती है लेकिन इसपर ध्यान नहीं दिया गया. वहीं, इस इलाके में रहने वाले लोगों को आग से बचने के लिए ट्रेनिंग भी मुहैया कराई जाती है. लेकिन जानकारी के अनुसार, वहां के लोगों ने इसे संजीदगी से नहीं लिया.
लंबे समय तक दिखेगा इस 'आग' का असर
इस आग को बुझाने का प्रयास बदस्तूर जारी है. जानकारों का कहना है कि अगर हवा की रफ्तार कम होती है तो अगले दो से तीन दिनों में इसपर काबू पाया जा सकता है. लेकिन अगर हवाएं तेज रफ्तार से चलती रहीं तो इसमें काफी समय लग सकता है. वहीं. इलाके में अभी हफ्ते भर तक बारिश की कोई संभावना नहीं है. हालांकि, इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस आग ने लॉस एंजिल्स को लंबे समय का दर्द दिया है.
इस भयानक आग ने इलाके में प्रदूषण को बड़े पैमाने पर बढ़ा दिया है. लोगों को नल से पानी पीने तक के लिए मना कर दिया गया है. कहा गया है कि वो सिर्फ बोतल बंद पानी का ही सेवन करें. डर है कि इस आग ने साफ पानी को बड़े पैमाने पर दूषित किया है. हजारों की संख्या में लोगों के घर उजड़े हैं. कई मशहूर हस्तियों की इमारतें और कई बड़े प्रतिष्ठानों को भी नुकसान पहुंचा है.
जानवरों और वनस्पतियों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान
सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें जंगली जानवरों को भागते देखा जा रहा है. कई लोगों ने अपने पालतू जानवरों को भी उसी आग में बेसहारा छोड़ दिया है. हालांकि, इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आया है कि इस आग ने कितने जानवरों को प्रभावित किया. लेकिन एक यूजर ने इंस्टाग्राम पर दावा किया कि हजारों की संख्या में लोगों ने अपने पालतू जानवरों को वहीं छोड़ दिया है.
2018 में जब कैलिफोर्निया के वूल्सी इलाके में आग लगी थी तब 10 हजार से ज्यादा एकड़ की जमीन पर आग फैली थी. रिपोर्ट बताती हैं कि इसने प्रभावित जंगली इलाके के इकोसिस्टम को हिला दिया था. कई वनस्पतियां खाक हो गई थीं. शेरों की संख्या बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई थी. वहीं, कई जानवर इस इलाके को हमेशा के लिए छोड़ गए थे.
यह भी पढ़ें: आग की लपटों से धधक रहा लॉस एंजिल्स, अब तक 16 मौतें, एक लाख बेघर, 12 हजार आशियाने खाक... 10 बड़े अपडेट्स
अमेरिका के इतिहास में कब-कब लगी बड़ी आग
अमेरिका के मोंटाना इलाके में साल 1910 में एक बड़ी आग लगी थी. इसका असर करीब 30 लाख एकड़ जमीन पर देखने को मिला था. इसमें 87 लोगों की जान गई थी. वहीं, इससे पहले 1898 में नार्थ कैरोलिना और साउथ कैरोलिना में भी आग भड़की थी, जिसने 3 लाख एकड़ जमीन को अपने प्रभाव में लिया था.
साल 2004 में अलस्का में आगल लगी थी, जिसने इलाके की करीब 13 लाख एकड़ जमीन को अपनी जद में लिया था. 1940 में ही अलस्का में लगी आग ने 12 लाख एकड़ जमीन को खाक किया था. इसे रबी फायर के नाम से जानते हैं.
यह भी पढ़ें: लॉस एंजेलिस की आग से बाल-बाल बचीं रूपल त्यागी, बोलीं, 'सब कुछ जल गया... नजारा देख दहला दिल'
फरवरी 2024 में टेक्सास में आग भड़की थी, जिसने 10 लाख एकड़ से ज्यादा की जमीन को नुकसान पहुंचाया था. इसे स्मोकहाउस क्रीक फायर के नाम से जानते हैं. वहीं, 2020 में कैलिफोर्निया में ही आग ने 10 लाख एकड़ से ज्यादा की जमीन को अपने प्रभाव में लिया था. वहीं, 2018 में ही कैलिफोर्निया में आग लगी थी, जिसने करोड़ों की संपत्ति को खाक कर दिया था.