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भारत में 42% लड़कियां 19 साल से पहले हो जाती हैं यौन हिंसा का शिकार

लक्ष्मी(बदला हुआ नाम) 13 साल की थी जब उसे दुल्हन का जोड़ा पहना कर मंडप में बिठा दिया गया. उसके होने वाले पति की उम्र थी 70 साल और वो इससे पहले सात शादियां कर चुका था. लक्ष्मी को आठ हजार और उसके पिता को 25 हजार रुपए मिले थे इस बेमेल शादी के लिए. 13 साल की उस बच्ची का  शादी की पहली रात उसके पति ने बलात्कार किया. गनीमत ये रही कि  लक्ष्मी का ये नारकीय सफर बहुत लंबा नही चला. यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से मान्यता प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम ने लक्ष्मी को रायचुर जिले के लिंगसुगर तालुके के उसके घर से मुक्त करा लिया.

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लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) 13 साल की थी, जब उसे दुल्हन का जोड़ा पहना कर मंडप में बिठा दिया गया. उसके होने वाले पति की उम्र थी 70 साल और वो इससे पहले सात शादियां कर चुका था. लक्ष्मी को आठ हजार और उसके पिता को 25 हजार रुपये मिले थे, इस बेमेल शादी के लिए. 13 साल की उस बच्ची का शादी की पहली रात उसके पति ने बलात्कार किया. गनीमत ये रही कि लक्ष्मी का ये नारकीय सफर बहुत लंबा नही चला. यूनिसेफ और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से मान्यता प्राप्त सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक टीम ने लक्ष्मी को रायचुर जिले के लिंगसुगर तालुके के उसके घर से मुक्त करा लिया.

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दो साल बाद भी लक्ष्मी की काउंसलिंग जारी है.सरकार इस मामले में आरोपी की तलाश कर रही है वही लक्ष्मी का पिता फरार है.इस अपराध में शामिल 6 लोग पिछले चार महीनो से सलाखों के पीछे है. लक्ष्मी उन हजारों लड़कियों में से एक है जिन्हे मासूम उम्र में ही बलात्कार का सामना करना पड़ता है. बच्चों और किशोरो के प्रति हिंसा से जुड़ी यूनिसेफ की एक रिपोर्ट हिडेन इन प्लेन साइट के अनुसार भारत में हर 50 में से एक लड़की को 10 साल से भी कम उम्र में जबरन शारीरिक संबध या अन्य किस्म की सेक्सुअल हरकत का शिकार होना पड़ता है.

यूनिसेफ की यह रिपोर्ट 2013 से 2015 तक कराए गए जनसंख्या और हेल्थ सर्वे के आधार पर बनाई गई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 10 फीसदी लड़कियों को 10 से 14 साल के बीच, 30 फीसदी को 15 से 19 के बीच यौन हिंसा का शिकार होना पड़ा है.लगभग 42 फीसदी लड़कियां किशोर अवस्था में ही यौन हिंसा का शिकार हो जाती है.

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सर्वे में शामिल रही 77 फीसदी लड़कियों ने माना कि 15 से 19 साल की उम्र में उनके साथ यौन हिंसा करने वाला उनका वर्तमान पति है. चौकाने वाली बात ये है कि इस आयु वर्ग में 6 फीसदी लड़कियों को उनके रिश्तेदारों द्वारा यौन हिंसा का शिकार होना पड़ा. 4 फीसदी ने कहा कि किसी परिचित या मित्र ने उन्हें शिंकार बनाया.सिर्फ 3 फीसदी लड़कीयों ने माना कि किसी अनजान व्यक्ति ने उनके साथ यौन हिंसा की. 0.4 फीसदी लड़कियों ने कहा कि उनके साथ यौन हिंसा करने वाला और कोई नही ब्लकि उनका अपना पिता या सौतेला पिता था.

यूनिसेफ की पूर्व कंसल्टेंट सुचित्रा राव कहती है कि लड़कियों के यौन हिंसा मामलो की रिपोर्ट बमुश्किल ही हो पाती है. हालांकि भारत की स्थिति अफ्रीका, मध्य पूर्व, पूर्वी यूरोप, पाकिस्तान और नेपाल से बेहतर है.

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